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ई-रिक्शा चालकों के सामने भूखे मरने की स्थिति, आर्थिक तंगी ख़तरे के निशान पर


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ़। जिला प्रशासन की घोर उदासीनता के कारण ई - रिक्शा चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराता जा रहा है, जिसके संबंध में पर्यावरण एवं पर्यटन विकास समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें समिति के पदाधिकारियों के अलावा ई-रिक्शा चालकों ने भी भाग लिया।

बैठक में ई रिक्शा चालकों ने बताया कि परिवहन विभाग में पंजीकृत होने तथा इंश्योरेंस लेने के बाद नगर निगम में 1460/- रुपए का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जा रहा है और पुलिस विभाग द्वारा ओवर लोड के नाम पर 2000/- से 5000/- रुपए के चालान धड़ाधड़ काटे जा रहे हैं। जबकि एक ई रिक्शा पर हर चालक के 200/- रुपए मेंटीनेंस के रुप में अतिरिक्त खर्च होते हैं। पूरा दिन मेहनत करने के बाद एक ई रिक्शा चालक 500/- से 600/- रुपए बड़ी कठिनाई से कमा पाता है।


पर्यावरण एवं पर्यटन विकास समिति के प्रबंधक सचिव रंजन राना ने कहा कि यह अत्यंत दुखदाई बात है कि मजदूरों के शोषण पर आला अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौन हैं और एक बहुत बड़े वर्ग के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है, जबकि सरकार मजदूर और किसानों के लिए नित नई योजनाएं ला रही है लेकिन जिला प्रशासन के आला अधिकारी सर्दी के मौसम में हीटर जलाकर हाथ सेक रहे हैं। अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को शर्म आनी चाहिए।

रंजन राना ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह में ई -रिक्शा चालकों के प्रति सम्मान जनक कार्ययोजना तैयार नहीं हुई तो शहर के सभी ई रिक्शा चालक जिलाधिकारी कार्यालय पर भूख-हड़ताल करेंगे। इस अवसर पर गौरव सिंह, कुंवर पाल, भोला, पवन, ईश्वर चंद, ललित, शैलेन्द्र, विजयकांत शामिल रहे।



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