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#ALIGARH को याद रहेंगे DM इन्द्र विक्रम सिंह, क्योकि आपने पदीय दायित्वों के समय ’’मेज पर पड़ा कागज और खड़ा व्यक्ति’’ कभी नहीं किया पसंद

 


सर्वसुलभ जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह का गाजियाबाद हुआ स्थानान्तरण

सरल, सौम्य, कर्तव्यनिष्ठ, कुशल प्रशासक के रूप में अलीगढ़ वासियों के दिलों पर छोड़ी अमिट छाप

पदीय दायित्वों के समय ’’मेज पर पड़ा कागज और खड़ा व्यक्ति’’ कभी नहीं रहा पसंद\

कलैक्ट्रेट एवं आवास पर लोगों की उमड़ी भीड़


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम ,अलीगढ़ |सोमवार देर रात्रि सर्वसुलभ जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह का शासन द्वारा गाजियाबाद के लिए स्थानांतरण कर दिया गया। अपने लगभग 19 माह के कार्यकाल में अलीगढ़ वासियों के दिलों पर अपनी कार्यशैली से जो छाप छोड़ी, शायद ही मिट सके। सदियों से राजे-महाराजों ने देश और प्रदेश पर राज्य किया, परंतु इन्द्र विक्रम सिंह ने जिला मजिस्ट्रेट रह शासकीय दायित्वों की जनहित में पूरी ईमानदारी और मेहनत से अलीगढ़ वासियों के दिलों पर राज किया।

    नियुक्ति हो या स्थानांतरण, यह शासकीय प्रक्रिया तो चलती ही रहती है। प्रातः काल जैसे ही विभिन्न समाचार पत्रों, सोशल मीडिया के माध्यम से जिले में खबर फैली कि इन्द्र विक्रम सिंह का तबादला गाजियाबाद हो गया है। घंटाघर के सामने बने डीएम आवास पर मिलने वालों का तांता लग गया। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह सभी से मिले और उनकी बधाइयाँ स्वीकार कीं। लोग यह कहते देखे गए कि इतना सरल, सौम्य, कर्तव्यनिष्ठ, कुशल प्रशासक उनकी याद में शायद अब तक नहीं आया।

    यदि बात करें उनकी कार्यशैली की तो कलेक्ट्रेट सचिवालय को मंदिर मानने वाले इन्द्र विक्रम सिंह अनिवार्य रूप से प्रातः 10ः00 बजे से पहले अपने कार्यालय पहुंच जाते। न्याय और हितलाभ की उम्मीद में पहुंचे लोगों से ऐसे मिलते कि व्यक्ति को एहसास होता कि वह जिला मजिस्ट्रेट से नहीं बल्कि किसी अपने सगे सबंधी से अपनी समस्या को साझा कर रहा है। समस्या को टालना तो इन्द्र विक्रम सिंह ने सीखा ही नहीं। वह कहते कि ’’मेज पर पड़ा कागज और खड़ा व्यक्ति उन्हें कतई पसंद नहीं’’। बड़े-बड़े प्रशासनिक कार्यों के साथ जिले भर की पत्रावलियों का निष्पादन दिन के दिन करके ही घर में प्रवेश करना उनका शगल था। 

    मंगलवार को जिला मजिस्ट्रेट इन्द्र विक्रम सिंह कलैक्ट्रेट पहुंचे और कुछ देर कार्यालय कक्ष में बैठ, जनता दर्शन किया। फिर बारी-बारी से सभी पटल कार्मिकों के कक्षों में जाकर अब तक के साथ सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। कलैक्ट्रेट पटल कार्मिकों एवं उपस्थित जनसमुदाय के आग्रह पर उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। कलैक्ट्रेट में कराए गए सौन्दर्यीकरण कार्यों को उन्होंने इस तरह निहारा जैसे एक माली अपने बगीचे को निहार रहा हो। उन्होंने संबंधित को उनकी बेहतरीन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। अपने भ्रमण के दौरान उन्होंने पटल कार्मिक का टिफिन खोलकर दाल-रोटी का स्वाद चखा। 

जिलाधिकारी के अभिनव कार्य:

धनीपुर एयरपोर्ट, अटल आवासीय विद्यालय, प्रदेश का पहला निजी औद्योगिक पार्क, कल्याण सिंह हैबीटेट सेंटर, अचल ताल सौन्दर्यीकरण का कार्य पूर्ण कराने के साथ ही निर्माणाधीन आरएमपीएसयू, मल्टी लेबिल कार पार्किंग को गति प्रदान की। करोड़ों रूपये मूल्य की परिसम्पत्ति केकेकेके देवी ट्रस्ट को भू-माफियों के अवैध कब्जे से सुरक्षित कर मॉडल आंगनबाड़ी एवं शहरी स्वास्थ्य केन्द्र संचालन, बिना शासकीय बजट के पत्रकार बन्धुओं एवं कलैक्ट्रेट कार्मिकों के श्रमदान से कलैक्ट्रेट का जीर्णोद्धार कर पार्क निर्माण एवं सूर्य रथ की स्थापना, उद्यम पंजीयन अभियान में प्रथम स्थान प्राप्त किया। 

इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी अमित कुमार भट्ट, मीनू राणा, एसपी ट्रैपिफ मुकेश उत्तम, नगर मजिस्ट्रेट रमाशंकर, समस्त एसडीएम, एससीएम, वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला बचत अधिकारी, सहायक निदेशक सूचना, डीएसओ, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण एवं संभ्रांत नागरिक गण, मीडिया बन्धु उपस्थित रहे।

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