05 फरवरी तक तड़ित झंझावत या मेघगर्जन के साथ बारिश की आशंका, अलीगढ में अलर्ट

Aligarh Media Desk
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जनसामान्य को बचाव एवं सुरक्षा के बताए उपाय

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ: अपर जिलाधिकारी नगर एवं प्रभारी अधिकारी आपदा मीनू राणा ने बताया है कि प्रदेश में 05 फरवरी तक तड़ित झंझावत या मेघगर्जन के साथ बारिश की सम्भावना है। वर्तमान में उत्तर भारत में 250-260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। उन्होंने मौसम पूर्वानुमान एवं चेतावनी की जानकारी देते हुए बताया कि इस मौसम के प्रभाव से प्रदेश में 05 फरवरी तक तड़ित झंझावात एवं मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की सम्भावना है। इस दौरान 04-05 फरवरी को प्रदेश में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज झोंकेदार हवाएं एवं 04 फरवरी को कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की भी सम्भावना है।


          एडीएम ने बताया कि इस मौसम के दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए बताया कि झोंकेदार हवाओं, ओलावृष्टि अंधड़ आंधी-तूफान से बागवानी एवं खड़ी फसलों के साथ ही जर्जर इमारतों, कच्चे घरों एवं झोपड़ियों को क्षति पहुँचने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि मध्यम बारिश की स्थिति में सड़कों पर फिसलन एवं टूटी सड़कों पर पानी भरने की सम्भावना रहती है। ओलावृष्टि से खुले में लोगों एवं पशुओं को चोट लगने की सम्भावना रहती है। उन्होंने कहा कि घर के अंदर रहे, खिडकियां-दरवाजे बंद रखें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें। तड़ित झंझावात के समय सुरक्षित आश्रय लें। पेड़ों के नीचे, टिन या मेटल शेड के नीचे आश्रय न लें, इससे अच्छा खुले में रहना है। तड़ित झंझावात के समय कंक्रीट की फर्श पर न लेटें एवं कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें। इस समय इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अविलम्ब अनप्लग करें। बिजली का संचालन करने वाली सभी वस्तुओं से दूर रहें। जलस्रोतों निकायों से तुरंत बाहर निकलें। पशुओं को पेड़ के नीचे न बांधे, ओलावृष्टि के समय सुरक्षित छायादार स्थान पर आश्रय लें एवं पशुओं को भी सुरक्षित छायादार स्थान पर बांधे।  फिसलन या जलभराव वाली सड़कों पर यात्रा करते समय सावधानी बरतें। जलभराव की स्थिति में खड़ी फसलों से वर्षा के अधिक पानी के निकास की उचित व्यवस्था करें। ओलावृष्टि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बागवानी एवं सब्जी की फसलों में उपलब्धता के आधार पर एंटी हेल नेट का उपयोग करें एवं कृषि मंडियों में खुले में रखे हुए अनाज को भीगने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भंडारित करें।


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