अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट पेश किया गया जिस पर बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा द्वारा कहा गया कि केवल पेश बजट चुनावी लोकलुभावन वादे जैसा है जब देश के अन्नदाता किसान द्वारा वैश्विक महामारी कोविड 19 से जूझ रहे देश को साल 2020-2021 में भी आर्थिक आधार से 30.86 करोड़ टन अनाज उत्पादन उपलब्ध कराया जबकि बुनियादी तौर पर सभी स्रोत बंद पड़े हुए थे उस किसान को विगत 8 वर्षों में 88 हजार से ज्यादा आत्महत्याएं करने हेतु मजबूर होना पड़ा आखिर भारत में सबसे ज्यादा ज़ी.डी.पी दर में भागीदारी कृषि की 18.3% है बजट से किसान सम्मान निधि राशि 6 हजार से 12000 की उम्मीद थी लेकिन बदलाव नहीं किया गया है महिला किसान की क्रेडिट कार्ड में प्राथमिकी रखनीं थी। सस्ती दरों पर जीवन बीमा,एम. एस. पी का दायरा नहीं बढ़ाया गया। न ही सम्मान निधि, डी.ए. पी बढ़ता मूल्य और घटता वज़न बड़ चुनौती किसान हेतु खड़प कर दी।
6 हजार तीन किस्तों में देना जबकि किसान को एकमुश्त भुगतान किया जाना चाहिए दो चरणों के कार्यकाल पूर्ण कर चुकी सरकार द्वारा 8 वर्षों में 88 हजार किसान आत्महत्याएं करने पर कोई बजट में ऐसा क्रम नहीं जिससे अन्नदाता सुरक्षित सम्भव समझ सकें खाद से वज़न घटाना सिंचाई व्यवस्था पर विद्युत भार डालना उ० प्र० में आदेश दिए जाते लेकिन जमीं पर हकीकत कुछ और निकलतीं जब अन्नदाता किसान विभाग दफ्तर पर शिकायत दर्ज कराएं तों दंश झेल चुप बैठे मजबूर हो जाते है सरकार बताएं किसान की मांग पर अमल क्यों नहीं किया जाता जबकि विगत वर्षों में आंदोलन चला आंदोलन दौरान शहीद हुए हजारों किसान तो मुमकिन है कि सरकार लेशमात्र चिंतित नहीं किसान के प्रति संवेदना तक व्यक्त नहीं किया कभी सरकार द्वारा मात्र चुनावी लोकलुभावन वादे जैसा अपने अंतिम चरण बजट पेश किया है|