अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ 9 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर प्रमोशनल डेवलपमेंट ऑफ उर्दू टीचर्स (सीपीडीयूटी), जिसे उर्दू अकादमी के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा भाषा और साहित्य की शिक्षण पद्धतिष् विषय पर अमु स्कूलों के उर्दू शिक्षकों के लिए आयोजित सप्ताह भर चलने वाला पुनश्चर्या पाठ्यक्रम यहां समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता प्रोफेसर शाफे किदवई ने की।
प्रोफेसर किदवई, जो सर सैयद अकादमी के निदेशक भी हैं, ने प्रतिभागियों से खुद को नवीनतम तकनीक से लैस करने का आग्रह किया जिसने शैक्षिक वातावरण को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने कहा कि उर्दू वालों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की शुरूआत के कारण हुए बदलावों को अपनाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने शिक्षा के माध्यम में संशोधन की आवश्यकता और उर्दू शिक्षा को शिक्षार्थियों के लिए लाभदायक बनाने के लिए नवीनतम साधनों और तरीकों का उपयोग करने की क्षमता के साथ उर्दू शिक्षकों को सशक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति और एआई के व्यापक निहितार्थों के बावजूद, शिक्षकों का महत्व अपरिवर्तित बना हुआ हैय हालाँकि उन्हें शिक्षा की पद्धति में बदलाव लाने की आवश्यकता है।
प्रोफेसर किदवई ने संसाधन सामग्री को डिजिटल बनाने और इसकी व्यापक पहुंच के लिए इसे इंटरनेट टूल के माध्यम से प्रकाशित करने की आवश्यकता पर बल दिया। फीडबैक सत्र में प्रतिभागियों ने जो सीखा उसे साझा किया, इससे पूर्व, अतिथि का स्वागत करते हुए, अकादमी के निदेशक, प्रोफेसर कमरुल हुडा फरीदी ने कार्यक्रम के विवरण पर प्रकाश डाला और भाग लेने वाले एएमयू स्कूल के शिक्षकों से आग्रह किया कि वे सप्ताह भर के पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के दौरान जो कुछ भी सीखा है उसे अपने शिक्षण में उपयोग करें।
उन्होंने मुख्य अतिथि के साथ प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। डॉ रफीउद्दीन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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