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व लू के प्रकोप से बचने के लिए जारी की एडवाइजरी

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भीषण गर्मी में कुछ सावधानियां अपनाकर स्वयं एवं अपने परिवार को गर्मी व लू के प्रकोप से रखें सुरक्षित

बच्चों व बुजुर्गो के साथ ही पशुओं एवं पालतू जानवारों का रखा जाए विशेष ध्यान: मीनू राणा, एडीएम, अलीगढ़


अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ: अपर जिलाधिकारी वित्त एवं प्रभारी अधिकारी आपदा मीनू राणा ने गर्मी के मौसम में लू के प्रकोप से जनसामान्य को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में लोग कुछ सावधानियां अपनाकर स्वयं को और अपने परिवार को गर्मी व लू के प्रकोप से सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में चाहे इंसान हो या पशु या फिर कोई पालतू जानवर सभी को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों व बुजुर्गो का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए। 

एडीएम ने लू के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें प्रभावित व्यक्ति के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और उसे पसीना नहीं आता है। व्यक्ति को सिरदर्द रहता है और सर में भारीपन महसूस होता है, त्वचा सूखी व लाल हो जाती है। उसे उल्टी या दस्त की भी शिकायत हो सकती है। उन्होंने प्राथमिक उपचार की जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित व्यक्ति को तुरंत ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं और 108 एम्बुलेन्स सेवा को सूचित करें या नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि अगर प्रभावित व्यक्ति बेहोश न हो तो उसे ठंडा पानी पिलायें, जितना हो सके शरीर से कपड़े निकाल दें, पंखे से शरीर पर हवा करें, शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें और उसे पैर ऊपर रखकर सुला दें।

उन्होंने लू-प्रकोप एवं गर्म हवा से बचने की जानकारी देते हुए बताया कि जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें, विशेषकर दोपहर 12ः00 बजे से सांय 03ः00 बजे के मध्य बाहर निकलने से बचें। जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें, हल्के रंग के ढील-ढाले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें।  यात्रा करते समय अपने साथ पानी अवश्य रखें। अगर आपका काम बाहर का है तो, टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें। उन्होंने बताया कि अगर तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने घर में बना पेय पदार्थ जैसे- लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, आम का पना, छाछ का अधिकाधिक सेवन करने की सलाह देते हुए कहा कि जानवरों को छांव में रखें और उन्हे खूब पानी पीने को दें। अपने घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे, शटर का इस्तेमाल करें और रात में खिड़कियां खुली रखें। उन्होंने  शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों से भी बचने की सलाह दी है। 


*लू लगने पर क्या करें, क्या न करें:*


धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें।

खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे।

नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें। 

उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें, बासी भोजन न करें।

खिड़की को रिपलेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके।

उन खिडकियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएँ आती है, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए।

स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।

आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।

बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़ें।

जहाँ तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें।

सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें।

घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।

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