डॉ. रिहान के पास इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में अपने कार्यकाल का भरपूर अनुभव है, जहां उन्होंने स्मार्ट ग्रिड और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास, परीक्षण, प्रमाणन और कौशल विकास को बढ़ावा देने के एनआईएसई के जनादेश के साथ सहजता से मेल खाती है।
एएमयू में अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. रिहान ने कैंपस वितरण ग्रिड में 6.5डॅच सौर पीवी संयंत्रों के एकीकरण का नेतृत्व किया, जो देश के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में सबसे बड़ी स्थापनाओं में से एक है। उन्होंने रु. 20 करोड़ 3.3 मेगावाटपी सौर फार्म की एक अग्रणी परियोजना का नेतृत्व किया। जो देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है।
इसके अतिरिक्त एएमयू में ग्रिड इंटीग्रेटेड ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी सेंटर के संस्थापक निदेशक के रूप में उच्च नवीकरणीय ऊर्जा पैठ से उत्पन्न अनुसंधान चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके मार्गदर्शन में, केंद्र ने एनआईएसई के सहयोग से हरित ऊर्जा संक्रमण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हरित ऊर्जा और सतत विकास पर एक संयुक्त एम.टेक कार्यक्रम शुरू किया।
डॉ. रिहान स्मार्ट ग्रिड, सौर ऊर्जा और सिंक्रोफेसर माप के क्षेत्रों में विद्वान, जिनमें से कई को प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री अनुसंधान फेलोशिप प्राप्त हुई है। ऊर्जा दक्षता, संरक्षण पहल और बिजली के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर परामर्श के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा भी उनकी विशेषज्ञता मांगी गई है।
एनआईएसई के महानिदेशक के रूप में, डॉ. रिहान भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए, सौर ऊर्जा अनुसंधान, विकास और नीति कार्यान्वयन में आगे की प्रगति की दिशा में संस्थान का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।