वर्तमान समय में सत्यम, शिवम, सुंदरम की भावना के साथ करनी होगी पत्रकारिता

 गजेंद्र कुमार, रिपोर्टर
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पत्रकारिता दिवस के मौके पर मौजूद पत्रकार एवं MLC मानवेन्द्र प्रताप सिंह |

गजेंद्र कुमार,अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, ब्यूरो- अलीगढ में हिंदी पत्रकारिता के उपलक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्र हित पत्रकारिता पर विशेष चर्चा हुई,इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा भी उठा। अंग्रेजों के शासन में हिंदी पत्रकारिता का आजादी में विशेष योगदान रहा है, हिंदी पत्रकारिता दिवस संगोष्ठी में एक और जहां हिंदी पत्रकारिता की गुणवत्ता पर चिंतन हुआ।वही प्रमुखता के साथ पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण पर भविष्य के लिए मंथन भी हुआ।


जनपद के जीटी रोड पर स्थित धीरज पैलेस के सिटी क्लब में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विधान परिषद सदस्य डॉ• माघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राष्ट्र में लोकतंत्र के चारों स्तंभों के व्यवहार में कहीं ना कहीं गिरावट आई है।जिसे समय रहते सुधारना होगा।वहीं सहायक सूचना निदेशक संदीप कुमार ने वर्तमान समय में हिंदी पत्रकारिता पर अपने गहन विचार रखते हुए पत्रकारों को निरंतर मेहनत के साथ सीखने आपको समय की जरूरत बताया।


पत्रकारिता संगोष्ठी के आयोजन पंकज धीरज ने कहा कि आज के आधुनिक मोबाइल फोन के दौर में हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में अभी काफी सुधार की आवश्यकता है। हिंदी की शब्दावली और शब्द विन्यास को ध्यान में रखते हुए, समाचार लेखन और प्रसारों की बहुत आवश्यकता है।अगर समय रहते इसको सुधार नहीं गया तो आने वाले समय में पत्रकारिता में काफी खामियां देखने को मिलेगी। वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि देश की प्रथम हिंदी समाचार पत्र को उदंत मार्तंड कोलकाता से 30 मई 1826 में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद हिंदी समाचार पत्रों की एक नई क्रांति का उदय हुआ,वर्तमान समय में सत्यम, शिवम, सुंदरम की भावना के साथ पत्रकारिता करनी चाहिए। वहीं वरिष्ठ पत्र का सुबोध सरहद ने पत्र हिंदी पत्रकारिता क्षेत्र में हिंदी के प्रति ज्ञान बढ़ाने का आवाहन किया, हिंदी भाषा को पत्रकारिता के प्रति लाभकारी बताए। 


एडीसी कृष्ण मुरारी जौहरी, पवन गांधी,जितेंद्र सिंह,संजीव शर्मा आदि ने अपने विचार रखते हुए वर्तमान समय में हिंदी पत्रकारिता की व्यापक प्रसार को देश हित में एक बड़ी उपलब्धि बताया। वही मातृभाषा हिंदी को और अधिक प्रभावी रूप से पत्रकारिता में समायोजित करने की आवश्यकता जताई है।

इस दौरान संगोष्ठी में देवेंद्र पाल सिंह, वीरेंद्र अरोड़ा, राकेश बघेल, गजेंद्र कुमार,माधव शर्मा ,राहुल गुप्ता, कामिनी, राम सारस्वत, विजय सिंह, राजकुमार, अक्षय गुप्ता, हैप्पी राजा, मोनिका, चंद्र पूजा शर्मा, पुष्येंद्र सिंह आदि के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।

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