#Aligarh| बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के विरूद्ध हिंसा चिंताजनक: प्रो.जसीम मोहम्मद

Aligarh Media Desk
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बांग्लादेश में अल्पसंखयक सुरक्षा आयोग और मंत्रालय का गठन हो : जसीम मोहम्मद

अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (भारत) के पूर्व मीडिया सलाहकार एवं दानदाता सदस्य प्रो. जसीम मोहम्मद ने बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अशांति और अस्थिरता के बीच हिंदुओं, ईसाइयों, बौद्धों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाकर की गई हालिया हिंसा और नफ़रती परिवेश पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

अपने एक बयान में प्रो. जसीम मोहम्मद ने हमलों की निंदा की, जिसमें लक्षित हत्याएँ, लूटपाट, आगजनी और अल्पसंख्यक हिन्दू समुदायों की महिलाओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने इन अमानवीय एवं असामाजिक कृत्यों को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया। प्रो. जसीम मोहम्मद ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया आदरणीय प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस जी से हिंसात्मक कार्रवाइयों को तत्काल रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने  का आग्रह किया।


अपने बयान में उन्होंने कहा है, "अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के क्रूर कृत्यों की मैं कड़ी निंदा करता हूँ तथा अंतरिम सरकार से अपील करता हूँ कि वह  प्रभावित लोगों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा के लिए निर्णायक रूप से कार्य करे।” इसी क्रम में  प्रोफेसर जसीम मोहम्मद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत के राजनीतिक नेताओं से भी उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाने का आह्वान किया। उन्होंने अंतरिम प्रधानमंत्री (मुख्य सलाहकार) प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से इस अवधि के दौरान हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, “निर्दोष लोगों के खिलाफ हिंसा एक अस्वीकार्य कृत्य है, जो अपराधियों के बीच नैतिक मूल्यों के पतन को दर्शाता है। इस तरह के हमले मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करते हैं और किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।”

प्रो जसीम मोहम्मद ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री से मांग किया है कि, बांग्लादेश में अल्पसंखयको के लिए सुरक्षा आयोग और मंत्रालय का गठन हो।

उन्होंने कहा,   “बांग्लादेश ​​की अंतरिम सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन व्यक्तियों और समूहों ने संपत्तियों को नष्ट किया है, अल्पसंख्यक समुदायों पर हमला किया है और धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया है, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए। यह जरूरी है कि वे सभी नागरिकों की सुरक्षा, कानून के शासन को बनाए रखने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। " प्रोफेसर जसीम मोहम्मद ने राष्ट्रीय एकता और सद्भाव विकसित करने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों की जरूरतों और चिंताओं को संबोधित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "यह जरूरी है कि नया प्रशासन सभी समुदायों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे और एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में काम करे, जहाँ हर कोई बिना किसी भय और डर के सुरक्षित रूप से रह सके।"

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