अलीगढ़ मीडिया डिजिटल,अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में तृतीय वर्ष के जूनियर रेजिडेंट डॉ. हुसैन हैदर अब्बास ने लखनऊ में विन्धम द्वारा आयोजित अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन, इंडिया चैप्टर के वार्षिक सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ रेजिडेंट का पुरस्कार हासिल किया है। इसके अतिरिक्त डा. अब्बास ने उन्होंने क्लीनिकल केस प्रेजेंटेशन इवेंट में दूसरा स्थान प्राप्त किया तथा मूल शोध पत्र प्रस्तुति में तीसरा स्थान प्राप्त किया। डा. हुसैन हैदर के प्रजेंटेशन को प्रतिभागियों द्वारा बेहद सरहा गया।
एएमयू में राष्ट्रीय खेल दिवस धूमधाम से मनाया गया
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल,अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय खेल दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की खेल भावना और योगदान को याद किया गया। उन्होंने अपने पीछे एक विरासत छोड़ी है। वीमेन्स कालिज और अब्दुल्ला हॉल में एक ओपन डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, जिसमें अलीगढ़ के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों से टेबल टेनिस में 24, बैडमिंटन में 135 और क्रिकेट में 16 टीमों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एएमयू के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रोफेसर बृज भूषण सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में जिमखाना क्लब, गेम्स कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जमील अहमद मौजूद रहे। साथ ही वीमेन्स कालिज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मसूद अनवर अल्वी और अब्दुल्ला हॉल की प्रोवोस्ट डॉ. गजाला नाहिद भी मौजूद रहीं। प्रोफेसर अल्वी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों को पाठ्येतर गतिविधियों और खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। आयोजन सचिव डॉ. नाजिया खान, प्रभारी शारीरिक शिक्षा अनुभाग, वीमेन्स कालिज और मेहविश खान, खेल पर्यवेक्षक, अब्दुल्ला हॉल ने कार्यक्रम का समन्वय किया, जो पुलकित पांडे, हिमांशु गुप्ता (टेबल टेनिस), आयुष चैधरी, प्रिंस जादौन, विष्णु कुमार, आफरीन नईम और मलिका सबा (बैडमिंटन), दानिश शेरवानी और श्री बिलाल जावी (क्रिकेट) की देखरेख में आयोजित किया गया। अंशारा मकदूम और वाफिया ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि डॉ. नाजिया खान और मेहवश खान ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
एसटीएस स्कूल के खेल मैदान में के छात्रों ने हॉकी मैचों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। रोमांचक फाइनल में टीम रेड ने टीम ग्रीन पर जीत हासिल की। खेल शिक्षक एम. अदनान खान, मोहम्मद आसिम और डॉ. जीशान हैदर ने खेल गतिविधियों का समन्वय किया। प्रिंसिपल फैसल नफीस ने शिक्षा में खेलों के स्थायी महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि शारीरिक गतिविधि का मतलब सिर्फ खेल जीतना नहीं है, बल्कि युवा दिमाग में टीम वर्क, लचीलापन और नेतृत्व के आजीवन सबक देना है। उन्होंने मेजर ध्यानचंद को भी श्रद्धांजलि दी और भारतीय खेलों में उनके अतुलनीय योगदान को याद किया और बताया कि कैसे उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। नसरीन फातिमा, श्रीमती गजाला तनवीर और अन्य ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
अब्दुल्ला स्कूल में फ्रॉग रेस, बुक बैलेंस रेस, थ्री लेग रेस और बैडमिंटन मैचों सहित विभिन्न खेल कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों ने भाषण गतिविधि में भी भाग लिया और खेलों के महत्व पर जोर दिया। छात्रों को संबोधित करते हुए स्कूल अधीक्षक उमरा जहीर ने कहा कि स्वस्थ और फिट भारत के लिए खेल जीवन का एक तरीका बन गए हैं। फ्रॉग रेस में कक्षा एक से मोहम्मद अशान और अफिफा और कक्षा दो से अब्दुल अहद और सुबुही ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। बुक बैलेंस रेस में कक्षा तीन के ओवैस और हिफ्जा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। थ्री लेग रेस में कक्षा चार के अल्तमश और अलीम (लड़के वर्ग) तथा मलीहा और जिकरा (लड़कियों के वर्ग) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। थ्री लेग रेस में कक्षा पांच के जयन हैदर और अब्दुल्ला (लड़के वर्ग) तथा वजीहा और सारा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कक्षा चार और पांच के विद्यार्थियों ने बैडमिंटन और फुटबॉल मैच खेले। अस्मा फारूकी और फौजिया कमर ने इन गतिविधियों का आयोजन किया।
एबीके हाई स्कूल गल्र्स ने ग्रीन हाउस और रेड हाउस के बीच हॉकी मैच का आयोजन किया, जिसमें ग्रीन हाउस ने 3-1 से जीत हासिल की। खेल शिक्षक मोहम्मद इमरान खान मैच रेफरी थे। उप प्रधानाचार्य डॉ. सबा हसन ने कहा कि एबीके हाई स्कूल गल्र्स की छात्राओं ने स्कूल का नाम रोशन किया है और इसका श्रेय स्कूल के हाउस इंचार्ज और खेल शिक्षकों को जाता है। खेल प्रभारी मोहम्मद इमरान खान ने सीनियर वर्ग में हॉकी और खो-खो मैचों के लिए टीमें तैयार की थीं, जबकि शमशाद निसार ने खो-खो के लिए टीमें तैयार की थीं। समन्वयक डॉ. फरहत परवीन और प्रो-प्रॉक्टर फाखरा यासीन ने आवश्यक व्यवस्थाएं देखीं। प्राइमरी सेक्शन में 60 मीटर की दौड़ आयोजित की गई।
अहमदी स्कूल फॉर विजुअली चैलेंज्ड ने उत्साह के साथ राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया, जहां छात्रों ने विभिन्न खेलों और गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें बॉल पासिंग, सैक रेस, म्यूजिकल चेयर, लेमन रेस और ब्वायज एण्ड गल्र्स दोनों के लिए रस्साकशी के साथ-साथ लूडो और शतरंज जैसे इनडोर गेम शामिल थे। दिन का मुख्य आकर्षण शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बीच रोमांचक रस्साकशी थी, जिसे शिक्षण स्टाफ ने जीत लिया। खेल समिति के वॉलीबॉल कोच सरदार हुसैन ने मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
प्रिंसिपल डॉ. नायला राशिद ने छात्रों को शारीरिक फिटनेस अपनाने और खेल आयोजनों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। खेल प्रभारी श्रीमती सना रजा ने कार्यक्रम का संयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री एरम फातिमा ने किया
एएमयू के धर्मशास्त्र संकाय में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल,अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र संकाय में बीए प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धर्मशास्त्र संकाय के डीन प्रोफेसर तौकीर आलम फलाही ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि छात्रों को कभी भी खुद को हीन महसूस नहीं होने देना चाहिए और न ही कभी खुद को श्रेष्ठ महसूस करना चाहिए। सर सैयद के मिशन को पूरा करने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर आसिम जफर ने नये छात्रों को एएमयू में प्रवेश पाने पर बधाई दी और छात्रों से कहा कि अलीग समुदाय सभ्यता और संस्कृति में सबसे आगे है। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपने पाठ्यक्रम की पढ़ाई के अलावा अन्य व्यक्तिगत कौशल में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र (सीईसी) से जुड़कर वाद-विवाद क्लब और कविता आदि सीख सकते हैं खेल, घुड़सवारी, छात्रवृत्ति, चिकित्सा, कंप्यूटर लैब, इंटरनेट वाई-फाई, शैक्षणिक ई-मेल, विश्वविद्यालय की वेबसाइट, छात्रावास प्रणाली और प्रॉक्टोरियल प्रणाली जैसी सुविधाएं से लाभांवित हो सकते हैं।
शिया धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. सैयद मुहम्मद असगर ने छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आप सभी को अपने वरिष्ठों की बात जरूर सुननी चाहिए। प्रोफेसर मुहम्मद हबीबुल्लाह ने कहा कि यह दुनिया का एक ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें आपको कुछ विशेष चीजें सीखने को मिलेंगी। जो अन्यत्र नहीं पाया जा सकता, क्योंकि यह संस्था प्राचीन एवं आधुनिक है तथा धार्मिकता के साथ विज्ञान एवं दर्शन का भी संगम है।
डॉ. महबूब उर रहमान ने छात्रों को हदीसों की रोशनी में समय का महत्व समझाया और उन्हें समय की कद्र करने की सलाह दी। डॉ. नंदिम अशरफ ने विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक पहचान का परिचय देते हुए छात्रों से कहा कि शिक्षकों और वरिष्ठों के सम्मान के साथ-साथ गैर-शिक्षण कर्मचारियों का भी सम्मान आवश्यक है, क्योंकि हमारी शैक्षणिक यात्रा में उनका भी असाधारण सहयोग है। डॉ. मुहम्मद आसिम खान ने विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक परंपराओं और मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने की बात कही। डॉ. रेहान अख्तर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया जबकि डॉ. मुहम्मद नासिर ने कार्यक्रम संचालन किया। कार्यक्रम में सुन्नी और शिया विभाग के छात्रों के अलावा शिक्षकों ने भी भाग लिया।