#उत्त्तरप्रदेश में बढ़ा #गलाघोंटू बीमारी का कहर, सभी स्कूलों में चलेगा विशेष DPT/TD टीकाकरण अभियान

Chanchal Varma
0

 "पहली क्लास के बच्चों को डीपीटी-2 , पांचवी क्लास के बच्चों को टीडी-10 लगेगा जबकि दसवीं क्लास के बच्चों को टीडी-16 वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक दी जाएगी"

अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, ब्यूरो लखनऊ| उत्त्तर प्रदेश में पिछले साल के मुकावले इस साल डिप्थीरिया #Diphtheria (गलाघोंटू बीमारी) के मामलों में इजाफा होने और बीमारी से हुयी मौतों का आकड़ा बढ़ने के कारण सरकार अब पोलियो अभियान की तर्ज पर विशेष अभियान चलाकर प्रदेश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को टीकाकरण करेगी| अभियान के पहले चरण में प्रदेशभर के चुनिंदा उच्च जोखिम वाले विकास खंडो के सभी स्कूलों में यह अभियान चलाया जायेगा| 26 सितम्बर से चलाये जाने वाले इस विशेष अभियान के लिए राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा० अजय गुप्ता ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी कर दिए है| 

     राज्य स्तर से जारी आदेश ने स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी जिलों के चुनिंदा ब्लॉक के सभी स्कूली में पढ़ने वाले पहली, पांचवी और दसवीं के विद्यार्थियों को डीपीटी/टीडी का टीका स्वास्थ्यकर्मी स्कूलों में जाकर लगाएंगे| यह टीका पहली, पांचवी और दसवीं क्लास के विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से अतिरिक्त खुराक के रूप में दिया जाएगा, भले ही बच्चे को नियमित टीकाकरण अभियान के दौरान पूरे टीके लगाए जा चुके हो| 

      लखनऊ से आदेश मिलने के बाद जिला स्तर पर स्वास्थ्य महकमे ने अभियान को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है| इसके लिए ब्लॉक स्तर पर चिकित्सा प्रभारियों को जिला विद्यालय निरीक्षक, और जिला बेसिक शिक्षा विभाग , बाल पुष्टाहार विभाग समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियो के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश जिला स्तर पर सीएमओ द्वारा जारी किये गए है| 


डिप्थीरिया के लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं-

गले में खराश

हल्का बुखार

मांसपेशियों में कमज़ोरी

भूख न लगना

गर्दन में लिम्फ़ नोड्स का बढ़ना

नाक, गले, और टॉन्सिल पर भूरे रंग की झिल्ली बनना

कर्कश खांसी और स्वर बैठना

सांस लेने में दिक्कत होना

निगलने में कठिनाई

तंत्रिका, गुर्दे, या हृदय से जुड़ी समस्याएं 

     डिप्थीरिया के लक्षण आमतौर पर संपर्क के दो से पांच दिनों के बाद शुरू होते हैं. शुरुआत में, डिप्थीरिया को गंभीर गले में खराश के रूप में समझा जा सकता है. डिप्थीरिया से संक्रमित लोग एंटीबायोटिक दवाओं के बिना चार हफ़्ते तक संक्रामक रह सकते हैं| 

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)