चौथा राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस जागरूकता सप्ताह जे.एन. मेडिकल कॉलेज में शुरू

Aligarh Media Desk
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अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन संकाय की डीन एवं प्रिंसिपल व सीएमएस, प्रोफेसर वीणा माहेश्वरी ने आज चैथे राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस जागरूकता सप्ताह का उद्घाटन किया, जिसका विषय ‘रोगी सुरक्षा के लिए एडीआर रिपोर्टिंग संस्कृति का निर्माण’ था। प्रोफेसर वीणा माहेश्वरी ने जोर दिया कि स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों को रोगी के स्वास्थ्य और उपचार की बेहतरी के लिए एडीआर की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एडीआर मॉनिटरिंग सेंटर (एएमसी) के समन्वयक प्रोफेसर सैयद जियाउर रहमान ने मरीजों से संबंधित सुरक्षा डेटा एकत्रित करने के लिए एडीआर रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। निदेशक आईक्यूएसी के प्रोफेसर असद उल्लाह खान ने एडीआर निगरानी, विशेष रूप से एंटीबायोटिक प्रतिरोध के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रिंसिपल, कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्रोफेसर फरहा आजमी ने फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (पीवीपीआई) को सफल बनाने में नर्सिंग स्टाफ की भूमिका का उल्लेख किया।


उद्घाटन समारोह के बाद जन जागरूकता के लिए एक वॉकथॉन का आयोजन किया गया जो डीन के कार्यालय से शुरू हुआ और कॉलेज परिसर का चक्कर लगाते हुए ट्रॉमा सेंटर में समाप्त हुआ। कार्यक्रम में शिक्षकों, जे.एन. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विभिन्न विभागों के रेजिडेंट डॉक्टरों और अन्य स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया।

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स्वच्छता पखवाड़ा अभियान के तहत जागरूकता गतिविधियां आयोजित

अलीगढ़, 17 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों में स्वच्छता पखवाड़ा के तहत और स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी), जवां ने प्राथमिक विद्यालय, जवां में एक स्वास्थ्य चर्चाका आयोजन किया, जिसमें डॉ. अफीफा शाकिब ने स्वच्छता पखवाड़ा के महत्व पर चर्चा की, जबकि डॉ. शुभम उपाध्याय ने हाथ धोने की सही तकनीक और स्वच्छता बनाए रखने के तरीकों का प्रदर्शन किया। लाइबा (इंटर्न) ने पोस्टरों की मदद से अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण की रक्षा के तरीकों का प्रदर्शन किया। प्रशिक्षुओं ने स्वच्छता पखवाड़ा, सुरक्षित अपशिष्ट निपटान और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए एक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया।


आंगनबाडी केन्द्र जवां में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें डाॅ. शुभम् उपाध्याय, प्रो. उज्मा इरम और डॉ. शिवांगी ने प्रजनन स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दों और मासिक धर्म के दौरान महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली आम समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान की। रितिका और रिजा (इंटर्न्स) ने मासिक धर्म चक्र से जुड़े मिथकों पर चर्चा की। सत्र के अंत प्रोफेसर उजमा इरम, सदस्य-प्रभारी, आरएचटीसी, जवान ने 50 लाभार्थियों को सेनेटरी पैड, एल्बेंडाजोल, कैल्शियम और आयरन की गोलियाँ वितरित की गईं। आरएचटीसी में एमटीएस कार्यकर्ताओं द्वारा एक सुरक्षित कचरा निपटान और सफाई गतिविधि भी आयोजित की गई।


गतिविधियाँ प्रोफेसर उज्मा एरम और डॉ. तबस्सुम नवाब के मार्गदर्शन में आयोजित की गईं। प्रोफेसर सायरा मेहनाज, अध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विभाग और द्वारा पर्यवेक्षण किया गया। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा फ्रैंक और डेबी इस्लाम मैनेजमेंट कॉम्प्लेक्स में ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मनाया गया। चेयरपर्सन प्रोफेसर सलमा अहमद ने शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को सामूहिक स्वच्छता शपथ दिलाई।


इसके बाद हितधारकों को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के आदर्शों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए एक स्वच्छता अभियान चलाया गया। कार्यालय के कर्मचारियों ने एकत्रित कचरे और प्लास्टिक की बोतलों, डिब्बे आदि सहित अन्य अवांछित सामग्री के संग्रह के लिए हितधारकों को हाथ के दस्ताने, झाड़ू और कचरा बैग वितरित किए।अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेन्स कॉलेज ने स्वच्छता पखवाड़ा के तहत स्वच्छता जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया।


डा. शगुफ्ता नियाज के मार्गदर्शन में नारा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। रुतबा अजीम (बी.ए. तृतीय वर्ष) और निशा राजपूत (बी.ए. द्वितीय वर्ष) क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि शगुफ्ता नाज और सैय्यद सुल्तान तीसरे स्थान पर रहीं। अनुप्रिया राघव (बी.एससी. तृतीय वर्ष) और मोबश्शरा खातून (बी.ए. द्वितीय वर्ष) को सांत्वना पुरस्कार मिला।


प्रोफेसर नाजिया हसन और डॉ. शगुफ्ता नियाज की देखरेख में नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। फातिमा और पलक के नेतृत्व वाली टीम ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया। डॉ मंसूर और डॉ. अताउर रहमान ने कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका निभाई।


वीमेन्स पॉलिटेक्निक की प्राचार्य डॉ. सलमा शाहीन के मार्गदर्शन में स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जिसमें छात्राओं को साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।

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