अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट आफ एप्लाइड साइंसेज विभाग द्वारा ओजोन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल ओजोन परत के संरक्षण के महत्व को समझाना था, बल्कि विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करना था।
मुख्य अतिथि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार के प्रो. देवदत्त चतुर्वेदी ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि ओजोन परत विश्व को हानिकारक अल्ट्रावायलेट विकिरण से बचाने का कार्य करती है। डीन रिसर्च प्रो. रविकांत ने बताया कि ओजोन दिवस हर वर्ष 16 सितंबर को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य ओजोन परत के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। पोस्टर प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर पोस्टर तैयार किए। पोस्टर के माध्यम से विद्यार्थियों ने ओजोन परत के संरक्षण, उसके महत्व और उससे संबंधित मुद्दों को उजागर किया। जिसमें समूह 18 की निशू, सुगंधा प्रथम, समूह 14 की पारुल, हंशिका द्वितीय व समूह 7 की सरगम, पलक, अंशिका, हंशिका तृतीय स्थान पर रही। निर्णायक डा. दीपशिखा व डा. प्रियांक गुप्ता रहे। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. मनीषा शर्मा रही। इस अवसर पर प्रो. वाईपी सिंह, डा. स्वाति अग्रवाल, डा. हिवा इस्लाही, डा. प्रभात बंसल, डा. नीलम सिंह, डा. मनोज रॉय, सौरभ गुप्ता आदि थे।
मंगलायतन विश्वविद्यालय में मनाई गई विश्वकर्मा जयंती
अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में मंगलवार को विश्वकर्मा जयंती बड़े हर्ष के साथ मनाई गई। इस अवसर पर भगवान विश्वकर्मा के चित्र के समक्ष पुष्प, धूप, नेवैध से उनका पूजन किया गया। कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह व डायेक्टर प्रो. किशन पाल सिंह ने यजमान के तौर पर हवन पूजन किया। मंत्रोच्चार द्वारा पूजा-अर्चना संपन्न हुई। कुलसचिव ने विद्यार्थियों को बताया कि विश्वकर्मा के प्राकट्य का यह दिवस है। इस दिन सृष्टि के सबसे बड़े शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। उन्होंने बताया ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की, तब इसके निर्माण कार्य की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा को दी थी। इस दिन यंत्रों और मशीनों की पूजा की जाती है। कार्यक्रम में अवतार सिंह कुंतल, श्वेता भारद्वाज, राजपाल, मुकेश शर्मा आदि का सहयोग रहा। इस अवसर पर प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. महेश कुमार, डा. संतोष गौतम आदि थे।