विशेष न्यायाधीश द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए समन्वय बैठक आहुत

Aligarh Media Desk
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अलीगढ मीडिया डिजिटल ,अलीगढ:: 14 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत सफलता के लिए गुरूवार को विशेष न्यायाधीश(एस.सी/एस.टी एक्ट) एवं नोडल अधिकारी लोक अदालत के विश्राम कक्ष में एक समन्वय बैठक सचिव डीएलएसए एवं अपर जिला जज नितिन श्रीवास्तव की उपस्थिति में अखिलेश यादव अपर जिलाधिकारी(न्यायिक) एवं नोडल अधिकारी, राजस्व विभाग, प्रभारी नोडल अधिकारी पुलिस प्रशासन आर.के. सिसोदिया पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वितीय एवं कैलाश चंद्र अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग के साथ की गयी।


उपस्थित आये नोडल अधिकारीगण को सुभाष चंद्रा, विशेष न्यायाधीश(एस.सी/एस.टी एक्ट)/नोडल अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अब तक आप लोगो द्वारा लगभग 63000 प्रीलिटिगेशन वादो को चिन्हित किया गया है। 13 जुलाई को आयोजित विगत राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 54529 प्रीलिटिगेशन वादो का निस्तारण किया गया था। आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में अभी 10 दिन शेष है, आप अपने समस्त अधिनस्थो को और अधिक प्रीलिटिगेशन वादो को चिन्हित करने के लिए निर्देशित करे राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादो का निस्तारण किया जा सके। इसके अतिरिक्त अपने स्तर से ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रो में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कराएं ताकि आम नागरिक आगामी सुलह समझौते के आधार पर विभिन्न न्यायालय में लंबित अपने-अपने वादो का निस्तारण करा सके। 


अपर जिला जज एव पूर्णकालीन सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नितिन श्रीवास्तव ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि 14 सितम्बर शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, अलीगढ, बाह्य स्थित न्यायालयों में एवं तहसील स्तर पर किया जाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों/विभागों में लम्बित विभिन्न प्रकृति के मामलों जैसे फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एनआईएक्ट, धन वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, विद्युत अधिनियम एवं जलकर से सम्बन्धित वाद, पारिवारिक एवं वैवाहिक वाद, भूमि अर्जन वाद, सेवा सम्बन्धित वाद अन्य दीवानी वाद, अन्य प्रकृति के वाद जो न्यायालयों में छोटे-छोटें प्रकृति के मामलें लम्बित हो एवं उक्त के अतिरिक्त पारिवारिक, वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन मामलों तथा प्रीलिटिगेशन स्तर पर विभिन्न बैंको, वित्तीय संस्थाओं एवं विभागों में लम्बित व प्रीलिटिगेशन स्तर के मामलों का भी निस्तारण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया जाएगा। 

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