प्रशासन अधिकारियों से मिलकर गरीब जनता की जेबों पर डाल रहे है डाका
अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। जहां एक तरफ सरकार अन्न महोत्सव मनाती है, वहीं गरीबों के राशन पर डीलर ही डाका डाल रहे हैं। हर कार्ड पर एक से दो यूनिट की कटौती हो रही है। वहीं, विरोध करने पर कार्डधारकों को राशन नहीं दिया जाता है। हालात यह है कि कोई शिकायत करता है तो उसका कार्ड ही निरस्त करा दिया जाता है। वहीं प्रिंस राशन डीलर नौंरगाबाद की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर देखने को मिला है कि सरकारी खाद्यान्न के अलावा बाजार से कम दाम में खरीदकर मसालों की बिक्री खुलेआम राशन डीलर द्वारा की जा रही है।
राशन वितरण में बड़ी धांधली कर गरीबों के राशन पर राशन डीलर डाका डाल रहे हैं। इस धांधली में आपूर्ति अधिकारियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। जिसके चलते गरीब अंजान बनकर ठगे जा रहे हैं। आपूर्ति कार्यालय के सहयोग से क्षेत्र के राशन डीलर गरीबों के राशन पर हाथ साफ करके वारे न्यारे कर रहे हैं।
प्रदेश की सरकार भले ही हर गरीब को राशन के लिए करोड़ों रुपये खर्च रही है, लेकिन जनपद में अफसरों की लापरवाही से दबंग राशन डीलर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं। उन्हें किसी का डर नहीं है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि कोटेदार इतने बेफिक्र हैं कि किसी से भी शिकायत करने की बात खुद कहते हैं। जिले के अधिकांश राशन डीलर गरीबों के राशन पर डाका का डाल रहे हैं।
शहर और देहात के विभिन्न गांव में राशन डीलर राशन वितरण में घोर लापरवाही एवं अनियमितताएं बरत रहे हैं। अधिकाश राशन डीलरों द्वारा एक यूनिट पर एक किलो राशन कम तोला ला जा रहा है। कई गांवों में अंगूठा लगवाने के बाद भी लोगों को राशन लेने के लिए कई-कई बार राशन डीलर के यहां चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई बार तो अंगूठा लगाने के बाद भी उपभोक्ता राशन से वंचित रह जाते हैं। इस बाबत लोगों द्वारा जिले पर शिकायत की जा रही है, लेकिन शिकायत के बाद भी पूर्ति विभाग के अधिकारी इस बाबत कोई ठोस कदम उठाने से परहेज कर रहे हैं। इसके अलावा कई राशन डीलरों द्वारा राशन लेने आए लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने और राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी देने के मामले भी सामने आ रहे हैं।
राशन डीलर द्वारा बताया जा रहा है कि यह 50 रुपये का राशन शासन से ही सभी को दिया रहा है, इसमें हमारा कुछ नहीं हैं। वहीं जनता द्वारा बतायां गया कि यह राशन डीलर हर उपभोक्ता से घटिया सामग्री देकर 50 रुपये अतिरिक्त वसूल रहे हैं, और यदि कोई उपभोक्ता 50 रुपये देकर घटिया सामग्री नहीं ले रहा है तो उसे सरकार द्वारा मिला राशन नहीं दिया रहा है। वहीं देखा गया कि राशन दीवारों ने सामग्री तोलन वाले कांटे में भी सेटिंग कर रखी है।
जनता द्वारा बताया गया कि हर गरीब को 300 से 400 ग्राम कम राशन दिया जा रहा है,राशन पर कांटे ठीक करने वाले मजदूर द्वारा बनाया गया कि हम राशन डीलरों के यहां कांटा देते हैं जिस कांटे में 300 से 400 ग्राम एसी सेटिंग करवाते हैं, जिससे जनता को मिलने वाला राशन कम तुले और यह मनमानी से घटतौली कर सकें। गरीबों के फ्री में काफी योजनाएं चला रही है, जो हर गरीब जनता को नहीं मिल पाती हैं और केवल कुछ को देकर सिर्फ सारी योजनाएं कागजों तक सीमित हैं।. राशन डीलरों द्वारा गेंहू 10 किलों मिलना चाहिए जबकि 9 किलो दिया रहा है। वहीं चावल 15 किलो दिया जाना चाहिए वह 14 किलो दिया रहा है।
इनका कहना है...
इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी अभिनव सिंह से पूछा गया तो वह संतोष जनक जबाव देने से कतराते नजर आए और खानापूर्ति करते हुये कहा कि अगर किसी राशन की दुकान पर मसाले बेचने के लिये कोई स्कीम नहीं हैं अगर कोई राशन डीलर बेच रहा है तो उसकी जांच कराई जाएगी।