विद्यालयों में प्रहरी क्लब गठन के साथ ही 100 मीटर परिधि को रखा जाए तम्बाकू मुक्त

Chanchal Varma
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मा0 अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग ने बाल संरक्षण के संबंध में अधिकारियों के साथ की बैठक

जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी तय कर पंचायतों में चलाए जाएं जागरूकता कार्यक्रम

भिक्षावृत्ति में संलिप्त परिवारों को चिन्हित कर शासकीय योजनाओं के साथ जोड़ते हुए स्पॉसर योजना का दिया जाए लाभ

 

अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़ 28 सितम्बर 2024 (सू0वि0): मा0 अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग डा0 देवेन्द्र शर्मा द्वारा सर्किट हाउस सभागार में बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल भिक्षावृत्ति, नशामुक्ति अभियान एवं बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं के संबंध में समीक्षा की गई। मा0 अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी को ईश्वर ने शासकीय सेवा मंे रहते हुए समाज के लिए कुछ नया करने का अवसर प्रदान किया है। हम अपने बच्चों के साथ ही समाज के अन्य जरूरतमंद बच्चे जो कहीं न कहीं समाज की मुख्य धारा से कट गए हैं उनका भी कुछ भला करें।


उन्होंने बताया कि जिले में सरकार की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना कोविड के तहत प्रभावित 367 बच्चों एवं स्पॉसर योजना के 267 लाभार्थियों को 4000-4000 रूपये एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के तहत 537 बच्चों को 2500 रूपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। इसी प्रकार पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत 15 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। कन्या सुमंगला योजना में 23416 बालिकाओं एवं 55617 महिलाओं को निराश्रित महिला पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण सामाजिक सेवा का कार्य है। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देशित किया कि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी तय करते हुए पंचायतों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। डीपीआरओ ने बताया कि जिले में बाल हितैषी गॉव बनाकर लोगों को बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जो परिवार आदतन भिक्षावृत्ति में संलिप्त हैं, उन्हें चिन्हित कर शासकीय योजनाओं के साथ जोड़ते हुए स्पॉसर योजना का लाभ दिलाया जाए। बच्चों को अटल आवासीय एवं कस्तूरबा गॉधी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि नशा अभिशाप की तरह है, स्कूली बच्चोें एवं युवाओं को नशे से दूर रखना है। उन्होंने डीआईओएस एवं बीएसए को निर्देशित किया कि विद्यालय के 100 मीटर की परिधि में पान, बीड़ी, गुटखा, तम्बाकू की दुकानें नहीं होनी चाहिए। बैठक के दौरान उन्होंने स्कूलों के आसपास होटल में केबिन व्यवस्था को समाप्त किए जाने के भी निर्देश दिए। सभी विद्यालयों में प्रहरी क्लब बनाए जाने के साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षक भी विद्यालय के अंदर गुटका, पान, बीड़ी, सिगरेट तम्बाकू का सेवन न करें।


बाल श्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जिले में बाल श्रम किसी भी दशा में नहीं होने देना है। बाल श्रम के लिए कार्य करने वाले एनजीओ को पंजीकृत किए जाने के भी निर्देश दिए। श्रम प्रवर्तन अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि बाल श्रम पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिए विगत वर्ष 87 निरीक्षण कर 90 बच्चों का पुनर्वासन कराया गया। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 89 निरीक्षण कर 110 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। बाल श्रम कराने वालों पर 3 लाख 30 हजार रूपये का जुर्माना लगाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। जिले में बंधुआ मजूदूरी की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। मा0 अध्यक्ष ने औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया कि सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। आरटीई के तहत गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को उनका हक दिलाते हुए निजी विद्यालयों में प्रवेश के निर्देश दिए गए।


बैठक में एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट, एसपी क्राइम ममता कुरील, डीडीओ आलोक आर्य, डीसी एनआरएलएम दीनदयाल वर्मा, अध्यक्ष सीडब्लूसी आनन्द पाण्डे, सीएमओ डा0 नीरज त्यागी, जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार, डीआईओएस, बीएसए, डीएसडब्लूओ, उप नगर आयुक्त, औषधि निरीक्षक समेत विभिन्न थानों के बाल कल्याण अधिकारी उपस्थित रहे।


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