इस्लामिक अध्ययन विभाग द्वारा शैक्षिक संस्थानों में उत्पीड़न और हिंसा को रोकने में धर्म की भूमिका पर सेमिनार

Aligarh Media Desk
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अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस्लामिक अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित शैक्षिक संस्थानों में उत्पीड़न और हिंसा को रोकने में धर्म की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि दुनिया का कोई भी धर्म किसी भी तरह के उपहास की अनुमति नहीं देता जिससे किसी व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक पीड़ा पहुंचती हो या उसकी गरिमा को ठेस पहुंचती हो.


प्रोफेसर नईमा खातून ने समाज में बढ़ती अनैतिकता और यौन अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारी नैतिक और धार्मिक जिम्मेदारी है कि हम आगे बढ़कर ऐसी घटनाओं को रोकें। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण का माहौल बनाना हम सभी की साझी जिम्मेदारी है।


एएमयू के प्रोफेसर खालिक अहमद निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज के मानद निदेशक प्रोफेसर अब्दुल रहीम कदवई, ने अपने मुख्य भाषण में दुनिया में आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, कोई भी धर्म किसी भी तरह की हिंसा या आतंक की इजाजत नहीं देता। रैगिंग के नाम पर कई मिथकों और बेतुकी बातों को समाप्त करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर किदवई ने कहा कि हमारा संस्थान, उसके छात्र, शिक्षक और कर्मचारी इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि यहां रैगिंग की घटनायें शून्य हैं।


आंतरिक शिकायत समिति‘ की पीठासीन अधिकारी, एएमयू के अंग्रेजी विभाग से जुड़ी प्रोफेसर समीना खान ने छात्रों से कहा कि अगर उनके साथ किसी भी तरह की क्रूरता, दुर्व्यवहार या असमानता दिखाई जाती है, तो उन्हें शिकायत बिना किसी डर और जोखिम के विश्वविद्यालय द्वारा गठित इस समिति के पास करनी चाहिए और उन्हें न्याय दिलाना हमारी संवैधानिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है।


इस्लामिक अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुल हमीद फाजली ने अपने स्वागत भाषण दिया।कार्यक्रम के आयोजन का कार्य डॉ. बिलाल अहमद कट्टी ने बखूबी निभाया। प्रोफेसर आदम मलिक खान ने आभार व्यक्त किया। सेमिनार में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।


बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने विश्व हृदय दिवस मनाया गया

अलीगढ मीडिया न्यूज़,ब्यूरो,अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा आवासीय कोचिंग अकादमी के कांफ्रेंस हॉल में 25वां विश्व हृदय दिवस मनाया। रिसोर्स पर्सन कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिफ हसन ने दुनिया भर में युवा आबादी को प्रभावित करने वाले हृदय संबंधी मुद्दों पर विशेष कर दक्षिण-पूर्व एशिया में कम आय वाले देशों में हृदयघात की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने इन क्षेत्रों के युवाओं में हृदय संबंधी समस्याओं बढ़ने के लिए नींद की कमी और खराब आहार और जीवनशैली जैसी आदतों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने छात्रों को हृदय स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर पूछे गये सवालों का उत्तर भी दिया।


दूसरे रिसोर्स पर्सन, मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. आकाश प्रियदर्शी ने ‘उच्च रक्तचाप और मधुमेह’ के बीच समानता और हृदय के स्वास्थ्य में गिरावट पर दोनों के घातक संयोजन पर चर्चा की। उन्होंने इसके कारणों, लक्षणों, जोखिम कारकों पर विस्तार से चर्चा की तथा आम मिथकों के बारे में बताया।


डॉ. प्रियदर्शी ने स्वस्थ बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बनाए रखने तथा किसी व्यक्ति में हृदय रोग विकसित होने के जोखिम का आकलन करने के लिए रक्तचाप और ग्लूकोज के स्तर की नियमित निगरानी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इन स्थितियों की संभावना को कम करने के लिए निवारक उपायों की रूपरेखा भी बताई। कार्यक्रम में अतिथियों और उपस्थितजनों का स्वागत करते हुए बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आसिफ अली सैयद ने विश्व हृदय दिवस मनाने के महत्व को रेखांकित किया।


कार्यशाला में एमबीए के 120 से अधिक छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की, जिनमें मुख्य रूप से अस्पताल प्रशासन में विशेषज्ञता रखने वाले छात्र शामिल थे। विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सलमा अहमद ने कार्यक्रम का समन्वय किया। शोधार्थी रुशदा कलीम ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जबकि शोधार्थी तूबा बिलग्रामी ने उद्घाटन समारोह का संचालन किया।


 

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