‘वेब ऑफ साइंस और एंडनोट का उपयोग करके अकादमिक और शोध उत्कृष्टता प्राप्त करना’ विषय पर हुयी कार्यशाला

Chanchal Varma
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अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी द्वारा लाइब्रेरी के कल्चरल हॉल में ‘वेब ऑफ साइंस और एंडनोट का उपयोग करके अकादमिक और शोध उत्कृष्टता प्राप्त करना’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। क्लेरिवेट के रिसोर्स पर्सन विश्व शर्मा ने उन बिंदुओं पर प्रकाश डाला, जिन्हें शोध के लिए ऑनलाइन संसाधन सामग्री की खोज करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने वेब ऑफ साइंस प्लेटफॉर्म का लाइव डेमो दिया और बताया कि कैसे शोधकर्ता अपनी जरूरत के अनुसार अधिकतम परिणाम प्राप्त करने के लिए प्लेटफॉर्म का कुशलतापूर्वक उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने संदर्भ प्रबंधन के लिए एंडनोट सॉफ्टवेयर के ऑनलाइन संस्करण के उपयोग और गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन के लिए सही जर्नल चयन पर भी प्रस्तुति दी।


इससे पूर्व, विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन प्रो. निशात फातिमा ने विभिन्न तरीकों से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने के आज के परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्यशाला के महत्व को समझाया, जिसमें वेब ऑफ साइंस और एंडनोट पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने संसाधन व्यक्ति को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।


डॉ. सैयद शाज हुसैन ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और वेब ऑफ साइंस और एंडनोट का संक्षिप्त परिचय दिया, जबकि डॉ. शजरुल इस्लाम खान ने एमए लाइब्रेरी में उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया और डॉ. नसीर अहमद ने एमए लाइब्रेरी के ओरिएंटल संग्रह का विवरण प्रस्तुत किया।


कार्यशाला का समन्वयन डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. मोनव्वर इकबाल ने किया। कार्यशाला में लगभग 560 पंजीकरणों में से 210 से अधिक संकाय सदस्यों, शोधार्थियों और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सैयद शाज हुसैन ने किया।


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विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस के उपलक्ष्य में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन


अलीगढ़, 24 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खां तिब्बिया कालिज के इलाज बित तदबीर विभाग द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी के तहत विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस के उपलक्ष्य में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ऑस्टियोपेनिया और ऑस्टियोपोरोसिस का शीघ्र पता लगाने, रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने और ऑस्टियोपोरोसिस प्रबंधन की प्रभावशीलता की निगरानी के बारे में बताया गया।


तंत्रिका क्षति के किसी भी स्तर का पता लगाने के लिए मधुमेह अपवृक्कता सहित न्यूरोपैथी के लिए भी जांच की गई। शिविर का उद्घाटन अजमल खां तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर बदरुद्दुजा खां ने किया।


शिविर में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ-साथ काफी संख्या में मरीज शामिल हुए। निदान किए गए मामलों को निशुल्क उपचार और जीवनशैली में बदलाव के बारे में परामर्श प्रदान किया गया।


शिविर में इलाज बित तदबीर विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद अनवर और डॉ. मोहम्मद साद अहमद खान भी मौजूद थे। प्रो. आसिया सुल्ताना, डॉ. मोहम्मद शोएब और डॉ. सफिया उस्मानी द्वारा परामर्श सत्र आयोजित किए गए, जिन्हें स्नातकोत्तर छात्रों द्वारा सहयोग दिया गया, जिन्होंने विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं के लिए समय पर अस्थि खनिज घनत्व (बीएमडी) परीक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला।


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एएमयू के हिन्दी विभाग में इंडक्शन कार्यक्रम आयोजित


अलीगढ़, 24 अक्टूबरः भारत सरकार के निर्देश एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेशानुसार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, के हिंदी विभाग द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए एक ‘प्रेरण कार्यक्रम’ आयोजित किया गया। नवागंतुक विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर आयोजित उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य, चाहे समाज हो या विश्वविद्यालय या फिर जीवन में, कहीं भी धर्म - जाति - समुदाय-लिंग आदि के आधार पर आपस में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए, की भावना और प्रेरणा पर आधारित था।


हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. में.  आशिक अली की अध्यक्षता में आयोजित उक्त कार्यक्रम में विशेष व्याख्यान देने के लिए अँगरेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. शाहिना तरन्नुम एवं प्रोफेसर विभा शर्मा को आमंत्रित किया गया। दोनों विद्वान वक्ताओं ने बहुत विस्तार से विषय के संबंध में अपने विचार रखे।


प्रो. शाहिना तरन्नुम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अपने अनुभवों के हवाले से इस संदर्भ में उसकी अनेक खूबियों और विशेषताओं को रेखांकित किया, वहीं प्रो. विभा शर्मा ने लड़कियों या महिलाओं की दृष्टि से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में मिलने वाले सुरक्षित परिवेश और स्वस्थ परंपराओं का उल्लेख किया।


हिंदी विभाग की प्रोफेसर, प्रो. तसनीम सुहेल ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की सांस्कृतिक परंपरा का उल्लेख करते हुए यहाँ के परिवेश को पूरे भारत के सांस्कृतिक परिवेश से अलग शिक्षा के साथ संस्कृति की शिक्षा देनेवाला विशिष्ट संस्थान कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. मो. आशिक अली ने विद्यार्थियों से जाति-धर्म-समुदाय-लिंग आदि के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं करने का आग्रह किया।


इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षकों, प्रो. इफ्फत असगर, प्रो. कमलानंद झा, डॉ. पंकज पाराशर, डॉ. सना फातिमा, डॉ. दीपशिखा सिंह, डॉ. जावेद आलम, डॉ. गुलाम फरीद साबरी, डॉ. शाहबाज अली खान के अतिरिक्त स्नातक-स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजकत्व प्रो. शंभुनाथ तिवारी ने किया।


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यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक में दो अत्याधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन


अलीगढ़, 24 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक में दो अत्याधुनिक सुविधाओं- आर्किटेक्चर सेक्शन के लिए एडवांस्ड कंप्यूटर लैब और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नए यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ब्रोशर का आधिकारिक विमोचन भी हुआ।


इस अवसर पर प्रोफेसर नईमा खातून ने पॉलिटेक्निक के समग्र विकास की सराहना की और कौशल विकास के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित होने की इसकी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने शीर्ष स्तरीय तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए एएमयू की प्रतिबद्धता की पुष्टि को दोहराया।


प्राचार्य प्रो. अरशद उमर ने संकाय के समर्पण और तकनीकी शिक्षा में संस्थान के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए पॉलिटेक्निक की उपलब्धियों का एक सिंहावलोकन प्रदान किया। उन्होंने प्रशिक्षण और प्लेसमेंट गतिविधियों में प्रगति पर भी प्रकाश डाला।


डीन प्रोफेसर मिर्जा सालिम बेग ने अपने संबोधन में, भारत के बेहतरीन पॉलिटेक्निक में से एक होने के लिए पॉलिटेक्निक की प्रशंसा की, इस गौरव का श्रेय इसके कुशल संकाय और अत्याधुनिक सुविधाओं को दिया जो शिक्षा और कौशल विकास की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।


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