अलीगढ़ मीडिया डिजटल, अलीगढ| जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संजीव कुमार एवं सचिव, अपर जिला जज नितिन श्रीवास्तव के तत्वाधान में लीगल एड डिफेंस काउन्सिल सिस्टम संचालित है। जिसके माध्यम से गरीब, निर्धन एवं जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। तत्कालीन सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुपालन में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट सं0-14, में विचाराधीन सत्र परीक्षण सं0 561/2013 एवं 562/2023 बनाम रंजीत कुशवाहा आयुध अधिनियम थाना गंगीरी, जिला कारागार अलीगढ़ में निरूद्ध था। जिसके पास अधिवक्ता करने के लिए रूपये नहीं थे और न ही उसके उपरोक्त मामलों की पैरवी करने वाला कोई नहीं था। अभियुक्त की पैरवी किये जाने के लिए 18 नवम्बर 2023 को पत्र प्राप्त हुआ था।
उपरोक्त मुकदमें में वादी मुकदमा राजपाल द्वारा अपने भाई भगवान दास उर्फ बन्दर जो कि अविवाहित था की हत्या करने के आरोप में 16 अक्टूबर 2012 को थाना गंगीरी जिला में सुनहरी व उसके बेटे रंजीत के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। विवेचनाधिकारी द्वारा विवेचना के दौरान सुनहरी व रंजीत को आरोपित मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
उपरोक्त मुकदमें में इन्द्रजीत सिंह चड्डा, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउन्सिल द्वारा पैरवी करते हुए 08 साक्षियों से प्रतिपरीक्षा की उसके उपरान्त धारा 313 द0प्र0सं0 की कार्यवाही की गई और 18 अक्टूबर 2024 को उक्त मामलों में बहस पूर्ण की गई, तदपरोन्त 28 अक्टूबर को माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट सं0-14, अमित कुमार तिवारी द्वारा अभियुक्त को सन्देह का लाभ देते हुए उपरोक्त दोनों सत्र परीक्षण में दोषमुक्त कर दिया गया। उपरोक्त मुकदमें में 01 वर्ष से भी कम समय में लीगल एड डिफेंस काउन्सिल सिस्टम द्वारा न्याय दिलाया गया।