ज्यादा से ज्यादा बनाये निःक्षय मित्र, जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उठा मुद्दा

Aligarh Media Desk
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डीएम की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न

डीएम ने 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान की प्रगति एवं सफलता के लिए की अन्तर्विभागीय समन्वय से कार्य करने के दिए निर्देश

अधिक से अधिक निःक्षय मित्र बनाए जाने के साथ ही मा0 जनप्रतिनिधियों एवं संभ्रांत नागरिकों को टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए करें प्रेरित


अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ: जिलाधिकारी विशाख जी0 की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में शनिवार को जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक आहुत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 07 दिसम्बर से संचालित 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान की प्रगति एवं सफलता के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम दिए गए निर्देशों के क्रम में जिले के सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनभागीदारी एवं अंतर्विभागीय समन्वय से व्यापक प्रचार प्रसार के साथ टीबी रोगियों को चिन्हित करें। अभियान में जनसहभागिता के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने क्षय रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए अधिक से अधिक निःक्षय मित्र बनाए जाने के साथ ही 100 दिवसीय अभियान में वल्नरेबल पापुलेशन की शत-प्रतिशत स्क्रीनिग कराते हुए स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जाँच कराने के निर्देश दिए।

डीएम ने कहा कि जिले स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक शिविर की स्थापना करते हुए अभियान की सफलता के लिए माइक्रोप्लान तैयार कर कार्य किए जाएं। सभी उपकराणों एवं संसाधनों की समय से पूर्ति कर ली जाए, यदि कोई आवश्यकता है तो अवगत कराया जाए। उन्होंने सभी सीएचओ का ओरिएन्टेशन प्रोग्राम आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग प्राप्त किया जाए। राशन वितरण दुकानों, विद्यालयों एवं फार्मर रजिस्ट्री शिविरों को आपस में जोड़ते हुए नमूना एकत्रीकरण कार्य को वृहद स्तर पर कराएं। उन्होंने सैंपल कलैक्शन को गंभीरता से लेने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी संदिग्ध व्यक्तियों का सैंपल लिया जाए। उन्होंने मा0 जनप्रतिनिधियों और संभ्रांत नागरिकों को टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए प्रेरित करने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य टीमों का प्रशिक्षण अच्छे से करा दिया जाए। उन्होंने टीबी से संबंधित दवाओं का स्टॉक चैक कर सीएमओ के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। 

सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य इकाइयों पर आधुनिक ट्रूनॉट मशीन स्थापित एवं संचालित है। जहाँ पर क्षय रोगियों के बलगम की जाँच निःशुल्क करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि 15 दिन से अधिक बुखार के साथ खाँसी आ रही हो तो ऐसे व्यक्ति की जाँच बेहद जरूरी है। अस्पताल आने वाले रोगियों में लक्षणयुक्त व्यक्तियों की बलगम की जॉच अवश्य कराई जाए। उन्होंने जनसामान्य से अपील करते हुए कहा कि 15 दिन से अधिक बुखार के साथ खाँसी होने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी टीबी की जांच अवश्य कराएं यह पूर्णतः निःशुल्क है। 

सीएमओ ने पीएचसी और सीएचसी की क्रियाशीलता एवं सुविधाओं के बारे मंे बताया कि सभी में औषधियां एवं उपकरण उपलब्ध हैं, कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बताया कि जिले में 04 आरोग्य मंदिर जल्द संचालित होंगे जिससे जिले में 40 आरोग्य मंदिर हो जाएंगे। 70 वर्ष से ऊपर के 4951 व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। ई-कचव एप के माध्यम से वीएचएनडी दिनों का नियमित अनुश्रवण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में 289 सीएचओ कार्यरत हैं जो ई-संजीवनी ओपीडी का संचालन करते हैं। 01 दिसंबर से 20 दिसंबर तक 23527 ओपीडी की गई है। डीएम ने सीडीओ को निर्देशित किया कि इसकी रैण्डमली जांच कराई जाए। उन्होंने डीपीओ को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन मशीन की उपलब्धता की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। नेत्र ज्योति अभियान के तहत कॉट्रैक्ट सर्जरी में सूची मंे नीचे के दो स्थानों पर रहने वाले सर्जन का स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए। 

डीएम ने रोगी कल्याण समिति एवं जनआरोग्य समिति के व्यय की समीक्षा के दौरान समय-समय पर आयोजित बैठकों के बारे में जानकारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिला मुख्यालय के चिकित्सालयों में आपातकालीन सेवाओं की स्थिति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी सीएमएस से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के भी निर्देश दिए। 

    ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति के व्यय की समीक्षा में पाया गया कि अतरौली में 45 प्रतिशत, बिजौली में 48, धनीपुर में 44 एवं अन्य सभी में 50 प्रतिशत से ऊपर व्यय किया गया है। उन्होंने आवंटित धनराशि का समय से सदुपयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए। एनएचएम के तहत प्राप्त धनराशि की समीक्षा में पाया गया कि 2017-18 में जेएनएमसी को एमसीएच विंग की स्थापना के लिए लगभग 21 करोड़ की धनराशि दी गई जोकि अभी तक धरातल पर नहीं आई है। डीएम ने धनराशि वापसी के लिए एएमयू को पत्र लिखने के निर्देश दिए। डीएम ने चिकित्सालयों के लिए उपकरणों एवं सामग्री के क्रय में नियमों का पालन करने के निर्देश देते हुए कहा कि अन्यथा की स्थिति में दोषी की विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी। 

बैठक में सीडीओ प्रखर कुमार सिंह, डीआईओएस डा0 सर्वदानंद, डीपीओ के0के0 राय समेत सभी सीएमएस, एमओआईसी एवं संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।  

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