कृषि मंडियों पर जारी राष्ट्रीय नीति का किसान संगठनों ने विरोध किया, मांगपत्र सौंपा

Chanchal Varma
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अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर किसान दिवस पर क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान सभा और जय किसान आंदोलन ने मिलकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति का विरोध किया। कलेक्ट्रेट गेट पर नीति की प्रतियां जलाईं‌ और राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।

कलेक्ट्रेट गेट पर सभा को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत अलीगढ़ ने कहा कि सरकार ने कृषि बाजार की राष्ट्रीय नीति ढांचा'जारी किया है। इस ढांचे में केन्द्र सरकार राज्यों के अधिकार यानी संघवाद को नकारा गया है और बढ़े हुए दर कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने की कोई बात नहीं कही गई है।  इसमें किसानों को दिग्भ्रमित करने के लिए कृषि बाजार को प्रतियोगिता एवं एकाधिकारी संरचना से मुक्त करने हेतु इसके बुनियादी ढांचे को पारदर्शी बनाने और डिजिटलीकरण किया जाएगा। इसके अलावा इस प्रारूप में अनुबंध खेती यानी ठेका खेती और खरीद के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने की है, ताकि कृषि उत्पादन एवं विपणन पर काॅरपोरेट घरानों का नियंत्रण हो सके। 

आगे उन्होंने बताया कि इस ढांचे के अनुसार सरकार की नजर देश की 7057 विनियमित मंडियों से लेकर 22,931 गांव-देहात के हाट-बाजारों तक को कारपोरेट घरानों को सौंपने की है।  'कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचा' किसानों के लिए काफी खतरनाक है। उन्होंनें आम किसानों एवं खेती-बाड़ी में लगे अन्य लोगों का आह्वान किया कि राष्ट्रीय नीति ढांचा के खिलाफ व्यापक मोर्चाबद्ध आंदोलन खड़ा करें। किसान सभा के नेता इदरीश मोहम्मद ने कहा कि राष्ट्रीय नीति के बहाने सरकार एक बार फिर देश के किसानों पर तीनों काले कानूनों को थोपने जा रही है।जिसका देश के किसान, खेतिहर मजदूर, मंडी आढ़तियां, पल्लेदार मिलकर विरोध कर रहे हैं। वरिष्ठ उपाध्यक्ष नगेन्द्र चौधरी, जिला उपाध्यक्ष सत्यवीर चौधरी, किसान सभा के जिलाध्यक्ष सूरज पाल उपाध्याय, जय किसान आंदोलन के आत्मप्रकाश सिंह,धर्मपाल सिंह, कृष्णकांत सिंह, रामवीर सिंह, हेम सिंह, ध्यान पाल सिंह, चेतन सिंह, मनोज चौहान, शेर सिंह आदि प्रमुख किसान नेताओं ने अपनी बात रखी।


   कलेक्ट्रेट पहुंचकर किसानों ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार को सौंपा। ज्ञापन में किसान संगठनों के साथ बातचीत करने और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने; दिल्ली कूच करने वाले किसानों पर दमन बंद करें। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करें; राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लें और सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और 9 दिसंबर, 2021 के पत्र में सहमति के अनुसार सभी लंबित मुद्दों का समाधान करें। किसानों ने भविष्य किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ और शंभू-खनौरी बार्डर पर किसी भी अप्रिय घटना के लिए केन्द्र सरकार को दोषी ठहराया।

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