अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंतःविषयी जैव प्रौद्योगिकी इकाई के प्रोफेसर रिजवान हसन खान को अलीगढ़ के मंगलायतन विश्वविद्यालय में बायोफार्मास्युटिकल्स और मानव स्वास्थ्य के लिए अनुवाद संबंधी अनुसंधान में उभरते रुझानों पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ईटीबीटीआरएच-2024) में “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया गया है। उन्हें प्रोटीन जैव रसायन और मानव स्वास्थ्य के लिए अनुवाद संबंधी अनुसंधान के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा और उन्नति में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रोफेसर खान ने अपने 26 वर्षों से अधिक के विशिष्ट शैक्षणिक करियर के साथ एक प्रख्यात वैज्ञानिक और शिक्षाविद के रूप में नाम कमाया है, और शिक्षण और अनुसंधान दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एक संरक्षक के रूप में, उन्होंने 29 पीएचडी शोधार्थियों, 70 से अधिक स्नातकोत्तर छात्रों, जिनमें कई एमडी उम्मीदवार और कई पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता शामिल हैं, का मार्गदर्शन किया है।
विज्ञान को आगे बढ़ाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके विपुल शोध आउटपुट में स्पष्ट है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनके 430 से अधिक प्रकाशित लेख शामिल हैं, जिनमें लगभग 17,200 की प्रभावशाली उद्धरण संख्या, 70 का एच-इंडेक्स और 395 का आई10-इंडेक्स शामिल है। उनके अभिनव योगदान के परिणामस्वरूप दो राष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुए हैं, जो प्रभावशाली शोध को आगे बढ़ाने के लिए उनके समर्पण को दर्शाता है। प्रोफेसर खान की शोध रुचि में प्रोटीन बायोकेमिस्ट्री की समझ शामिल है, जिसमें प्रोटीन फोल्डिंग और मिसफोल्डिंग, एकत्रीकरण, एमाइलॉयड गठन, प्रोटीन-ड्रग इंटरैक्शन और संरचना-कार्य संबंध जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उनके अध्ययनों ने एमाइलॉयड से संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए चिकित्सीय दृष्टिकोण विकसित करने में योगदान दिया है, जिससे उनका शोध ट्रांसलेशनल मेडिसिन में अत्यधिक प्रासंगिक हो गया है।
उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और मान्यताएँ प्राप्त हुई हैं, जिनमें “यूजीसी मिड-कैरियर अवार्ड” (2018), “मालवीय मेमोरियल अवार्ड” (2020), और “एम. विजयन लेक्चर अवार्ड” (2022) शामिल हैं। उनके अन्य पुरस्कारों में वीनस इंटरनेशनल फैकल्टी अवार्ड्स (2018) द्वारा “डिस्टिंग्विश्ड फैकल्टी इन साइंस अवार्ड”, वीनस इंटरनेशनल फाउंडेशन (2015) द्वारा “डिस्टिंग्विश्ड साइंटिस्ट अवार्ड”, करियर360 (2017-18) द्वारा “भारत के सबसे उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार” और सर सैयद डे स्मारक बैठक (2015) में “आउटस्टैंडिंग रिसर्चर ऑफ द ईयर अवार्ड” शामिल हैं। उन्हें मुस्लिम एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (2002) द्वारा “यंग मुस्लिम साइंटिस्ट अवार्ड (ल्डै।)” भी मिल चुका है।
उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप भी प्राप्त हुई हैं, जिनमें 2011 में प्रतिष्ठित ‘कॉमनवेल्थ फेलोशिप’, 2000 में ‘बॉयस्कास्ट फेलोशिप’, 2001 में ‘आईएनएसए विजिटिंग फेलोशिप’ और 2002 में ‘एसईआरबी विजिटिंग फेलोशिप’ शामिल हैं।
प्रोफेसर खान ने कई प्रमुख प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है और वे ‘बायोटेक रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया’ और ‘द प्रोटीन सोसाइटी’ सहित कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक समितियों के फेलो सदस्य रहे हैं। वे ‘इंडियन बायोफिजिकल सोसाइटी’, ‘सोसाइटी ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्ट्स, इंडिया’ और ‘इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन’ के आजीवन सदस्य भी हैं।