अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, वाराणसी|वाराणसी में सामूहिक हत्याकांड की ख़बर सुर्खियों में हैं, 27 साल पुराने हत्याकांड के बदला लेने में 5 लोगों का कत्ल कर दिया गया|फिर से मामला मीडिया में सुर्खियों में आने के बाद पुलिस परेशान हैं|
वाराणसी के भेलूपुर में 4-5 नवंबर 2024 की रात एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या ने पूरे शहर को दहला दिया| मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता और उसके भाई प्रशांत ने अपने माता-पिता और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए अपने चाचा, चाची और तीन चचेरे भाई-बहनों को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन इस केस ने पुलिस के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी|
पुलिस क्यों थी इस केस में क्लूलेस?
1. कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं: हत्याकांड आधी रात को अंजाम दिया गया, जिससे किसी ने कुछ नहीं देखा।
2. बिना सुराग के फरार: आरोपी हत्या के बाद मुगलसराय से पटना, फिर कोलकाता और मुंबई तक भागता रहा।
3. नकली पहचान: विशाल ने दो फर्जी आईडी बनाई और अपने भाई प्रशांत से संपर्क में रहा, जिससे पुलिस को ट्रेस करने में दिक्कत आई।
4. प्लानिंग इतनी शातिर थी कि पुलिस चौंक गई: दो साल पहले ही बदले की साजिश रच ली गई थी, बिहार से हथियार और सिम कार्ड खरीदे गए थे।
5. हत्या का मकसद साफ नहीं था: शुरुआती जांच में पुलिस इसे लूटपाट या दुश्मनी का मामला समझ रही थी, लेकिन विशाल ने खुद कबूला कि यह खून 1997 की हत्या का बदला था!
क्यों बनी यह खबर इतनी बड़ी सनसनी?
बदले की आग में 5 हत्याएं – पूरे परिवार को खत्म कर दिया गया!
पुलिस 3 महीने तक गुमराह रही – आरोपी बेखौफ घूमता रहा।
फिल्मी स्टाइल में फरारी – विशाल ने होटल में रुकने की बजाय स्टेशन पर सोकर खुद को छिपाए रखा।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे – "अगर चाचा बच जाते तो हम भी नहीं बचते!"
यह केस इतना शातिर और चौंकाने वाला था कि पुलिस को भी इस गुत्थी को सुलझाने में तीन महीने लग गए| (श्रोत:सोशल मीडिया)