विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति करेंगी अलीगढ़ एवं एटा के अधिकारियों के साथ बैठक

Aligarh Media Desk
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कार्यवाही न करने वाले अफसरों की लगेगी क्लास

अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 10 सदस्यीय नियम पुनरीक्षण समिति मा0 सभापति श्री धर्मेन्द्र भारद्वाज की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में अपरान्ह 2ः30 बजे से अलीगढ़ एवं एटा के अधिकारियों के साथ निर्धारित बिन्दुओं पर समीक्षा करेगी। समीक्षा के दौरान विधान परिषद के सदस्यों के पत्रों पर कार्यवाही न करने और विशेषाधिकार हनन के मामलों की सुनवाई की जाएगी। 

समिति द्वारा इससे पूर्व जनवरी माह में मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मण्डल के जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई जिसमें जनहित के लम्बित कार्यों को निर्धारित समय के अर्न्तगत पूरा कराने के निर्देश दिए गए थे। नियम विरूद्ध किये गये कार्यों व विशेषाधिकार हनन से जुड़े मामलों पर विधान परिषद में चर्चा के लिए विभिन्न नियमों के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं में विलम्ब करने, जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही न करने से जुड़े मामलों में समिति के मा0 सभापति धर्मेन्द्र भारद्वाज द्वारा कई जिलों के अधिकारियों को लखनऊ में स्पष्टीकरण के लिए तलब किया गया था। 

मा0 सभापति धर्मेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि बुधवार 19 मार्च को आयोजित होने वाली बैठक में जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही न करने, विधान परिषद में चर्चा के लिए विभिन्न नियमों के तहत मांगी जाने वाली सूचनाओं के तहत विलम्ब करने समेत कुल 10 बिंदुओं पर समिति अफसरो से जबाब तलब करेगी। बैठक में चर्चा के 10 बिंदु पूर्व में ही संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध करा दिए गए हैं और समिति की प्राथमिकता जनहित के लम्बित मामलों को तय समय में पूरा कराने की है। बुधवार को जनपद अलीगढ़ के कलेक्ट्रट में समिति बैठक करेगी। समिति के सदस्य मंगलवार शाम ही सर्किट हाउस में पहुँच गये हैं।


👉समिति के मुख्य सवाल:

1. विगत तीन वर्षों में विधान परिषद् के कितने अल्पसूचित/तारांकित/अतारांकित प्रश्न के उत्तर भेजे गए।

2. विगत तीन वर्षों में विधान परिषद् के नियम 115, 105, 110 एवं 111 की कितनी सूचनाओं का उत्तर भेजा गया।

3. विगत तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की कितनी याचिकायें प्राप्त हुई और उसके सम्बन्ध में अब तक क्या कार्यवाही की गई?


4. विशेषाधिकार हनन के कितने मामले लम्बित है?

5. विगत तीन वर्षों में विधान परिषद उत्तर प्रदेश के कितने मा० सदास्यों के पत्र प्राप्त हुए और उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?

6. सदन के कार्यों के प्रति जिलास्तर पर क्या विचार/सुझाव है?

7. क्या जिला स्तर के अधिकारियों को संसदीय व्यवहार तथा प्रक्रिया का पूरा ज्ञान है?

8. मा० विधायकों के प्रोटोकाल के उल्लंघन के कितने मामले लंबित है?

9. विगत तीन वर्षों में कितने विधायकों के पत्रो का उत्तर नहीं भेजा गया?

10. विभागीय बैठको में विधायको/ जनप्रतिनिधियों को न बुलाने के कितने प्रकरण है और उसके लिए कौन अधिकारी उत्तरदायी है।

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