राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ’’सुरक्षा से सम्पूर्ण सुरक्षा’’ विषय पर कार्यशाला आयोजित

Aligarh Media Desk
0

वर्कशॉप में सुरक्षित यौन व्यवहार, एड्स से जुड़े मिथकों का खण्डन, समय से परीक्षण और उपचार पर की गई चर्चा

एचआईवी-एड्स एक गंभीर लेकिन नियंत्रित किया जाने वाला संक्रमण

एचआईवी-एड्स नियंत्रण के लिए जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण हथियार- डा0 नीरज त्यागी, सीएमओ, अलीगढ़

अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़: मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नीरज त्यागी की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ’’सुरक्षा से सम्पूर्ण सुरक्षा’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप का उद््देश्य एचआईवी/एड्स की रोकथाम, उपचार एवं जागरूकता को बढ़ावा देेना था। वर्कशॉप में स्वास्थ्य विशेषज्ञों, जिला स्तरीय अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और समाजसेवियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। वर्कशॉप में सुरक्षित यौन व्यवहार, एड्स से जुड़े मिथकों का खण्डन, समय से परीक्षण और उपचार पर चर्चा की गई। सीएमओ ने कहा कि एचआईवी/एड्स नियंत्रण के लिए जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। 

शाइस्ता बदर ने बताया कि एचआईवी एक वायरस है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, यदि इसका ईलाज न किया जाए तो यह एड्स में परिवर्तित होकर शरीर में विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से लड़ने में अक्षम बना देता है। वर्कशॉप के दौरान निःशुल्क एचआईवी परीक्षण परामर्श सेवाएं और सुरक्षित संबंधों को लेकर संवाद सत्रों का भी आयोजन किया गया। 

वर्कशॉप में समझाया गया कि एचआईवी-एड्स असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त से संपर्क, मॉ से बच्चे में, संक्रमित सुई या सिरिंज के उपयोग से हो सकता है। एचआईवी-एड्स से सुरक्षित रहने के लिए सावधानियों के बारे में बताया गया कि यौन संबंध बनाते समय सही तरीके से कंडोम का प्रयोग करें। बिना जांचा हुआ रक्त मरीज को न चढ़ाएं। एक ही सुई या सिरिंज का दोबारा प्रयोग न करंे। यदि जोखिम हो तो नियमित टैस्ट कराएं। गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार मिलने से नवजात को संक्रमण से बचाया जा सकता है। 

एचआईवी-एड्स एक गंभीर लेकिन नियंत्रित किया जाने वाला संक्रमण है। सही जानकारी, सावधानी और समय पर जांच से इसे रोका जा सकता है। सामाजिक जागरूकता बढ़ाने से न केवल संक्रमण कम किया जा सकता है, बल्कि संक्रमित लोगों के प्रति सहानुभूति और समर्थन को भी बढ़ाया जा सकता है। 

कार्यशाला में डा0 एम के माथुर, डा0 कृष्ण कुमार, पवन कुमार यादव, नारायण सिंह, दीपक शर्मा, शिवकुमार वर्मा, महिपाल सिंह, मनोरमा ठाकुर, एमआर कुशवाहा, सीमा अब्बास, अजीत यादव, वेदप्रकाश, केपी सिंह, जितेन्द्र कुमार, एससी गुप्ता, राहुल वर्मा, रूपेश कुमार मण्डल, स्मृति अवस्थी, सतीश शर्मा, डा0 एसके जैन, डा0 पी चौबे, ललित, एमपी सिंह, नसीम अहमद, विष्णु कुमार, अवधेश कुमार मिश्रा, दीपक कुमार, संदीप कुमार उपस्थित रहे। 

------

                                                                                                                     

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)