- साइबर सेल टीम द्वारा पी0एम0 श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय सुजानपुर में साइबर सेमिनार का किया गया आयोज
- प्रशिक्षु आईपीएस सुश्री अरीबा नोमान ने छात्र- छात्राओ को बढ़ते साइबर अपराधों से बचाव के बारे में जानकारी देकर किया जागरुक
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़|वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय के पर्यवेक्षण में श्रीमान पुलिस अधीक्षक अपराध महोदया के नेतृत्व मे मिशन शक्ति फेस 5 के अन्तर्गत सहायक पुलिस अधीक्षक/प्रशिक्षु आईपीएस सुश्री अरीबा नोमान व साइबर सैल टीम द्वारा पी0एम0 श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय सुजानपुर थाना खैर जनपद अलीगढ में साइबर जागरुकता सेमिनार आयोजित की गई| जिसमें अध्ययनरत छात्र व छात्राएँ व अध्यापकगण को वर्तमान में होने वाले विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों जैसे लोन एप के माध्यम से फोन का एक्सेस लेकर पैसे मांगना ,परिचित बनकर खातें मे पैसे डालने का बहाना बनाकर आनलाईन ठगी करना,लॉटरी व उपहार का लालच देकर आनलाईन ठगी करना ,मोबइल सिम व खाते को अपडेट करने के बहाने खाते व ए टी एम की जानकारी लेकर आनलाईन ठगी करना ,गूगल से कस्टमर केयर का न0 सर्च कर बात करने पर ठगी होना ,फेसबुक व व्हाट्सएप पर दोस्ती कर विडियो कॉल के द्वारा अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करना ,ओ एल एक्स तथा फेसबुक पर सामान बेचने व खरीदने के बहाने से ठगी करना के बारे मे जानकारी दी गई तथा साइबर अपराध से बचने के तरीको जैसे किसी अन्जान नम्बर से परिचित बनकर आने वाली फोन कॉल पहले अपने फोन से उक्त परिचित से बात कर लेने से इस प्रकार की घटना से बचा जा सकता है तथा अपने फोन पर सिम व खाते को अपडेट कराने वाली फोन कॉल से बचें।यदि आपको कभी भी किसी कम्पनी के कस्टमर केयर न0 की आवश्यकता होती है तो सदैव उस कम्पनी की वास्तविक साइट पर जाकर फोन न0 प्राप्त करें।
साइबर अपराधियों द्वारा आवाज को कापी कर व वीडियो काल पर परिचित का चैहरा लगाकर AI (आर्टीफिशियल इन्टेलीजेन्स) के द्वारा सगे सम्बन्धियों से साइबर ठगी की जाती है, साइबर जागरूकता कार्यक्रम में साइबर अपराधों के अतिरिक्त Tipline/CSEAM (Child Sexual Exploitation and Abuse Material) से सम्बन्धित जानकारी भी दी गयी। जिससे बचने के लिए सम्बन्धी व्यक्ति से बात कर पूर्ण पुष्टि कर लेनी चाहिए तथा साइबर ठगों द्वारा नकली पुलिस अधिकारी बनकर पीडित को फोन पर बताया जाता है कि आपके नाम से एक शिकायत दर्ज हुई है| झूठे मामले को लेकर पीडित को पहले काफी डराया धमकाया जाता है इसके बाद घऱ से बाहर निकलने से मना कर देते है और यह कहते है कि आपको डिजीटल अरेस्ट किया जाता है। पुलिस द्वारा इस प्रकार डिजीटल अरेस्ट नही किया जाता है|
अगर किसी के पास ऐसी काल आती है तो वह फ्रॉड काल है इसे इग्नोर करें। इस प्रकार वर्तमान समय मे होने वाली साइबर अपराध की घटनाओं से बचा जा सकता है। यदि साइबर अपराध की घटना हो जाती है तो इसकी सूचना तुरन्त साइबर अपराध हैल्पलाइन नं0 1930 पर कॉल करें तथा इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर करने के बारें मे भी बताया गया।