- आयुक्त संगीता सिंह की पहल मण्डल भर के लिए बनी प्रेरणा का सबब
- ग्राम तलेसरा निरीक्षण के दौरान 70 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के दिए थे निर्देश
- ग्राम प्रधान ने सभी 70 प्लस आयु वाले 106 बुजुर्गों के बनवाए आयुष्मान कार्ड
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़: अलीगढ़ मंडलायुक्त श्रीमती संगीता सिंह द्वारा अप्रैल मासांत में विकासखंड गोण्डा के ग्राम पंचायत तलेसरा का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्राम में चल रही विभिन्न सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत का अवलोकन किया और लाभार्थियों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं जानी।
आयुक्त अलीगढ़ मण्डल अलीगढ़ संगीत सिंह ने ग्राम प्रधान गजेंद्र सिंह को विशेष रूप से 70 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले बुजुर्गों की स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत उनके स्वास्थ्य कार्ड बनवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग नागरिकों को इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की दिशा में यह एक प्रभावी कदम है।
ग्राम प्रधान गजेंद्र सिंह ने मंडलायुक्त को आश्वस्त किया कि ग्राम तलेसरा के सभी 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड जल्द से जल्द बनवा दिए जाएंगे। बुधवार को ग्राम प्रधान तलेसरा गजेंद्र सिंह हाथ में सूची ले कमिश्नरी कार्यालय पहुंच मंडलायुक्त से भेंट की। उन्होंने बताया कि आपकी विशेष पहल और निर्देश पर ग्राम से सभी पात्र बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए हैं। इस सबंध में उन्होंने मण्डलायुक्त को 106 आयुष्मान लाभार्थियों की सूची भी सौंप दी। आयुक्त ने इस सराहनीय कार्य के लिए ग्राम प्रधान गजेंद्र सिंह की प्रशंसा की और कहा कि यह एक अनुकरणीय पहल है जिसे जिले के अन्य ग्राम पंचायतों को भी अपनाना चाहिए।
मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि जिले के सभी ग्राम प्रधान अपने साथी से प्रेरणा लेते हुए अपने-अपने ग्रामों में 70 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले सभी नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें, ताकि अधिक से अधिक बुजुर्ग इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस कार्य की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाए और प्रगति की समीक्षा की जाए।
आयुक्त संगीता सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर पात्र व्यक्ति को योजनाओं का समुचित लाभ मिले। उन्होंने सभी ग्राम प्रधानों से अपील करते हुए कहा है कि वे समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग के प्रति संवेदनशील रहते हुए योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं।
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