राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह, छात्रा नेहा को कुलाधिपति पदक समेत मिले दो मेडल

Aligarh Media Desk


  • 51552 छात्रों की उपाधियां डिजिलॉकर में हुईं सुरक्षित
  • मा0 कुलाधिपति ने 36 छात्राओं एवं 11 छात्रों समेत 47 को दिए स्वर्ण पदक

  • मुख्य अतिथि निदेशक आईआईटी रूड़की को प्रदान की गई डी लिट की मानद उपाधि
  • कुलाधिपति ने शैक्षणिक भवन-3 एवं अतिथिग्रह का किया शिलान्यास

  • अलीगढ़ एवं हाथरस के 500 आगंनबाड़ी केंद्रों को प्रदान की गईं किट
  • मा0 राज्यपाल ने डीएम अलीगढ़ एवं सीडीओ हाथरस को प्रदान की पुस्तकें

  • मा0 राज्यपाल एवं मंत्रीगणों ने विश्वविद्यालय की स्मारिका का किया विमोचन
  • दीक्षांत समारोह ज्ञान और प्रेरणा का उत्सव
  •                 *-मा0 राज्यपाल*


अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़: राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षान्त समारोह बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित शीला गौतम सेंटर फॉर लर्निंग सभागार में भव्य रूप से संपन्न हुआ। दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि प्रो0 कमल किशोर पंत निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की, विशिष्ट अतिथि श्री योगेन्द्र उपाध्याय माननीय मंत्री (उच्च शिक्षा) एवं श्रीमती रजनी तिवारी, माननीय राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) कर गरिमामयी उपस्थिति रही।

कुलाधिपति एवं मा0 राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय पदयात्रा एवं मा0 सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने उपरान्त दीक्षान्त समारोह के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की। मा0 कुलाधिपति द्वारा डिजिटली माध्यम से 51552 उपाधियों एवं अंक पत्रों को डिजिलॉकर में संरक्षित कर समावेशन किया गया। दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि प्रो0 कमल किशोर पंत निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की को कुलाधिपति ने डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। कुलाधिपति एवं अतिथियों द्वारा स्नातक स्तर पर 17 एवं परास्नातक स्तर पर 30 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं उपाधियां प्रदान की गई, जिसमें 36 छात्राएं एवं 11 छात्र शामिल रहे। कासंगज के अमांपुर की बीए की छात्रा नेहा को बैचलर ऑफ आर्ट के स्वर्ण पदक व उपाधि के साथ ही कुलाधिपति पदक से भी सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर गोद लिए ग्रामों के विद्यालयों में कराए जाने वाली भाषण, चित्रकला एवं कहानी लेखन प्रतियोगिताओं में क्रमशः पल्लवी उपाध्याय, मीना कुमारी एवं मुस्कान को उपहार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में अलीगढ़ एवं हाथरस के आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए 500 किटों का वितरण किया गया। जिसमें अलीगढ़ की पला साहिबाबाद की आंगनबाड़ी नविता निर्मल, सराय काजी की गुंजन, अटलपुर की कु0 भावना, लोधा की संगम, नादा वाजिदपुर की राधा तोमर एवं हाथरस की अंजना, रूपवती, सुमन, कांता व प्रीती को प्रतीक स्वरूप मंच पर किट प्रदान की गईं। मा0 कुलाधिपति ने राजभवन द्वारा संकलित 05-05 पुस्तकों को जिलाधिकारी अलीगढ़ संजीव रंजन एवं सीडीओ हाथरस पी0एन0 दीक्षित को भेंट करने के साथ ही प्राथमिक विद्यालयों के लिए भी पुस्तकें प्रदान कीं। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में बनने वाले शैक्षणिक भवन-3 एवं अतिथिग्रह हा भी डिजिटली रूप से रिमोट का बटन दबाकर शिलान्यास किया। 

मा0 राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि जो काम हम सही ढ़ंग से करेंगे वही प्रथा बन जाएगी। विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययन-अध्यापन के साथ ही अनुशासन आवश्यक है। हमें दूसरे विश्वविद्यालयों से भी एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रखनी है। जिन छात्रों में प्रतिभा है उनको आगे बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने बताया कि आज 51 हजार से अधिक उपाधियों को डिजिलॉकर में संरक्षित किया गया है, जिससे प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी, फर्जी डिग्रीयों का खेल खत्म होगा। छात्र कभी भी अपने दस्तावेजों को डिजिलॉकर से डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले विभिन्न प्रकार की समस्याएं थीं, हमने नवीन तकनीक के माध्यम से समाधान निकाला। हमारे पास विभिन्न विश्वविद्यालयों में 15 लाख से अधिक उपाधियां थीं जिनका वितरण कराया जा रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि भविष्य संवारने के लिए आपको पढ़ने, सीखने और आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। विद्यार्थी हित में हमने कठोर निर्णय लेते हुए परीक्षा में बैठने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य किया है। उन्होंने विद्यार्थियों से सवाल किया कि जब पढ़ेंगे नहीं तो साक्षात्कार में क्या बताएंगे। मा0 कुलाधिपति ने छात्रों को सचेत किया कि टेलेंट को आगे बढ़ाएं, शॉर्टकट न ढ़ूढ़े, गुरूजनों के अनुभव का लाभ लेते हुए गुरू-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाएं। 

मा0 राज्यपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एमओयू करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में कई विश्वविद्यालयों द्वारा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एमओयू कर सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गुजरात स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के साथ डा0 शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा एमओयू कर पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सफल क्रियान्वयन में निभाई गई महती भूमिका का भी जिक्र करते हुए कहा कि किस प्रकार हम तकनीक से देशहित में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में अनुभव और रिसर्च पर जोर देते हुए कहा कि देश रिसर्च के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। 

मा0 कुलाधिपति ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एचपीवी वैक्सीन अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि 09 से 15 की बालिकाओं को गर्भाशय के कैंसर से बचाने के लिए दो डोज में वैक्सीन दी जा रही है। आज 300 बालिकाओं को वैक्सीन लगाई गई है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि अपनी 09 से 15 वर्ष आयुवर्ग की बालिकाओं का एचपीवी वैक्सीनेशन अवश्य कराएं। उन्होंने विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों से अपील करते हुए कहा कि सही समय पर परीक्षाएं आयोजित कराएं ताकि विद्यार्थियों को समय से परिणाम निर्गत किए जा सकें। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा विकसित समर्थ पोर्टल के माध्यम से किस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आई है। पोर्टल में 42 मॉडयूल शामिल हैं जिनमें एडमीशन से लेकर परीक्षा परिणाम तक की सुविधा है। उन्होंने बताया कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता के साथ से अकेले उत्तर प्रदेश सरकार को 200 करोड़ रूपये की बचत हुई है। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में 01 लाख पौधरोपण के लक्ष्य को पूर्वनियोजित कार्ययोजना के अनुसार पूरा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने भवन निर्माण के समय ही फर्नीचर का भी बजट सुनिश्चित करने के साथ ही निरीक्षण टीमों द्वारा सुधार और निगरानी प्रक्रिया जारी रखने की बात कही। उन्होंने समाज सुधार के क्षेत्र में स्वच्छता, नशामुक्त जीवन और बेटियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर को नशामुक्त बनाए रखने का संकल्प लेने की भी बात कही। अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने कहा कि आज मिलने वाला यह पदक धातु का नहीं बल्कि उज्ज्वल भविष्य का मार्गदर्शन है। सदैव सकारात्मक सोच रखें और अपने प्रयासों से समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें। 

दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि प्रो0 कमल किशोर पंत निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की ने अपना संबोधन देते हुए कहा कि आज मा0 प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के विकसित भारत में 50 प्रतिशत महिलाओं के योगदान को मूर्त रूप लेते हुए देखना बेहद सुखद अनुभव है। आज प्रदान किए गए 47 स्वर्ण में से 36 स्वर्ण बेटियों ने प्राप्त किए हैं जोकि 77 प्रतिशत है। उन्होंने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नवीनतम विकास और देश के समग्र विकास पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि विज्ञान और कला का समन्वय होने पर ही देश वास्तव में विकसित बन सकता है। निदेशक पंत ने ईकोलॉजी बेलेंस बनाए रखने और वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धान्त को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक हम मिलजुलकर कार्य नहीं करेंगे देश विकसित नहीं बन सकेगा। विकास यात्रा का कोई अंतिम बिन्दु नहीं है, हमें नई चुनौतियों के लिए अनेक रास्ते खोजने होंगे। पहले कछुआ और खरगोश की कहानी होती थी, आज सभी को यह देखना होगा कि कैसे निरन्तर और बिना बाधा के आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने तनावमुक्त रहने और नवीन तकनीक को अपने ज्ञान में सम्मिलित करना छात्रों और युवा वैज्ञानिकों के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को आधार बनाकर स्टार्टअप को अपनाना चाहिए और असफलता से सीख प्राप्त कर धारा के विपरीत आगे बढ़ने का हुनर आना चाहिए। श्री पंत ने कम्युनिटी कनेक्शन और छोटे उद्योगों को गति देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। युवाओं और छात्रों को मैसेज दिया कि आने वाले समय में अनेक चुनौतियां और अवसर दोनों की होंगे, जिन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग से सफलता में बदला जा सकता है। विशिष्ट अतिथि माननीय मंत्री (उच्च शिक्षा) उत्तर प्रदेश श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि अलीगढ़ प्राचीन, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर है। राजा सूरजमल के शासन के समय यह रामगढ़ के नाम से जाना जाता था, फिर कोल और कालान्तर में अलीगढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। अलीगढ़ उद्योग और शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और इसके संस्थापकों की दूरदर्शिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उन्होंने शैक्षणिक जीवन में मेहनत और अनुशासन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आज आपकी ऑखों में जो चमक है वह आपके माता-पिता की प्रेरणा और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है। आपका कल खुशहाल बने यही उनकी सच्ची पूर्ति है। उन्होंने कहा कि डिग्री का मतलब अलंकृत होना नहीं है अपने जीवन में उत्कृष्टता लाएं, पदचिन्हों पर चलना आसान है, लेकिन पदचिन्ह बनाना उतना ही कठिन है। उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय के निर्माण के प्रेरणास्रोत के रूप में मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने पूर्वजों की स्मृति में विश्वविद्यालय की स्थापना की और विद्यार्थियों के लिए सीखने एवं सृजन का केंद्र बनाया। उन्होंने बताया कि मा0 कुलाधिपति के मार्गदर्शन में प्रदेश में विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की गई है। ए प्लस प्लस में 07, ए प्लस एवं ए में 2-2, क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में 3, एशिया यूजीसी ग्रेड में 3 शासकीय विश्वविद्यालय शामिल हैं उन्होंने बताया कि पहले जहां टॉप 500 में भी प्रदेश का कोई विवि नहीं था अब टॉप 100 में प्रदेश के 03 विवि शामिल हैं और शोध कार्य में भारत के 40 विवि में से 03 उत्तर प्रदेश के हैं। उन्होंने बताया कि मण्डल स्तर पर 06 मण्डलों में कोई विश्वविद्यालय नहीं था अब यशस्वी मुख्यमंत्री योगी जी ने सभी मण्डलों में विवि की स्थापना कराई है। उन्होंने उद्योगों और शिक्षा की जुगलबंदी पर जोर देते हुए उद्यमियों से आव्हान किया कि वह शोध कार्यों को बढ़ावा दें। उन्होंने स्वदेशी अपनाने के साथ ही स्वदेशी बनाने का आव्हान करते हुए कहा कि जब हम सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे तभी भारत विकसित होगा। हमें नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना होगा। उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि उपाधियों की उपयोगिता केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं है, अपने मेडल को समाज और राष्ट्र के विकास का मॉडल बनाएं। 

विशिष्ट अतिथि श्रीमती रजनी तिवारी, माननीय राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) उत्तर प्रदेश ने कहा कि विद्यार्थियों को इस भव्य समारोह में पदक और उपाधि मिलना छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावकों के लिए भी गौरव का क्षण है। दीक्षान्त समारोह साधना और संस्कार का उत्सव है। आपने यहां न केवल ज्ञान अर्जित किया बल्कि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को भी सीखा। जब आप यहां से निकलेंगे तो नई चुनौतियां आपके सामने होंगी जिन पर आपको अपनी प्रतिभा के बल पर जीत पानी होगी। आज हम विकासशील देशों में अग्रिम पंक्ति पर हैं और विकसित देशों में शामिल होने से चंद कदम दूर हैं। मा0 प्रधानमंत्री जी का संकल्प कि बेटियां घर ही नहीं देश की दिशा और दशा बदल सकतीं है आज यहां पूर्ण होता दिख रहा है। उन्होंने मा0 राज्यपाल द्वारा लिखित पुस्तक ’’चुनौतियां मुझे स्वीकार हैं’’ का जिक्र करते हुए कहा कि किस प्रकार एक शिक्षक, प्रधानाचार्य, विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री पद को सुशोभित करने के उपरांत इनका राज्यपाल के रूप में हमें मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने वाली विंग कमाण्डर भूमिका सिंह एवं ऑपरेशन लीडर सोफिया कुरैशी का जिक्र करते हुए कहा कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं से आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आप स्वयं प्रकाशित होंगे और अपने आसपास के क्षेत्र को भी प्रकाशवान करेंगे। 

कुलपति प्रो0 नरेंद्र बहादुर सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन करते हुए द्वितीय दीक्षांत समारोह के उपाधि प्राप्त छात्रों को विशेष बधाई दी। उन्होंने बताया कि सत्र 2024-25 में कुल 2,64,619 विद्यार्थी नामांकित थे, जिनमें 69,458 विद्यार्थी अंतिम वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित हुए, और 51,522 छात्र उत्तीर्ण हुए। उत्तीर्ण होने वालों में 52.89 प्रतिशत छात्राएँ और 47.11 प्रतिशत छात्र हैं। आज के समारोह में स्नातक स्तर पर 44,139 और परास्नातक स्तर पर 7,361 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 47 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 1 को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति और उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि सत्र 2025-26 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप 25 स्नातक और 26 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम 1 अगस्त 2025 से मुख्य परिसर में शुरू कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय ने 57 अतिथि प्रवक्ताओं को पठन-पाठन कार्य में शामिल किया और कुल 1,04,091 छात्रों का प्रवेश सुनिश्चित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9,882 अधिक हैं। विश्वविद्यालय परिसर में फर्नीचर, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ और छात्रावास की आवश्यकताओं के अनुसार सुधार एवं व्यवस्थाएँ की गई हैं। 135 छात्राओं और 183 छात्रों के लिए छात्रावास आवंटन प्रक्रिया भी शुरू की गई। प्रशासनिक और सामाजिक कार्यों के तहत कुलानुशासन समिति, एंटी-रैगिंग समिति, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट समिति, करियर काउंसलिंग समिति, महिला अध्ययन केंद्र एवं आंतरिक शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया गया। कुलपति ने विश्वविद्यालय के विस्तार कार्यों पर भी प्रकाश डाला। संबद्ध महाविद्यालयों की संख्या 354 से बढ़कर 387 हो गई है। छात्रों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों के लिए ’’फेयर स्टॉपेज’’ की घोषणा की गई और अलीगढ़ से खैर तक तीन इलेक्ट्रिक बसें संचालन में लाई गई हैं। विश्वविद्यालय परिसर में हाई मास्ट लाइट्स की व्यवस्था की गई है और 100 आंगनवाड़ी किटों का वितरण किया गया।

शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों में शिक्षक-छात्रों द्वारा 2 पुस्तकें, 4 अध्याय और 5 शोध पत्र प्रकाशित किए गए। अतिथि प्रवक्ता डॉ. मोहित कुमार को प्रदूषण निवारक उपकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय पेटेंट मिला और डॉ. आयुष गौड़ को ’’साहित्य में पर्यावरण एवं मानविकी’’ पर उत्तर प्रदेश सरकार का पुरस्कार प्रदान किया गया। सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत विश्वविद्यालय ने गोद लिए गए गांवों में कहानी लेखन, भाषण और चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। महिला अध्ययन केंद्र द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। मिशन शक्ति के तहत स्वास्थ्य जांच शिविर और मानसिक स्वास्थ्य कार्यशालाएँ सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। खेलकूद में विश्वविद्यालय की टीमों ने अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में 4 स्वर्ण, 5 रजत और 10 कांस्य पदक अर्जित किए। 11 खिलाड़ियों का चयन खेलो इंडिया अंतरविश्वविद्यालय प्रतियोगिता के लिए हुआ। विश्वविद्यालय ने अखिल भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली द्वारा आयोजित आर्म-रेस्लिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया।

कुलपति ने आगामी सत्र के लिए नई योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि नियमित शिक्षकों की नियुक्ति, नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत, तीन नए शैक्षणिक भवनों और अतिथिगृह का निर्माण शीघ्र शुरू किया जाएगा। एनएसएस और एनसीसी की नई इकाइयों की स्थापना के लिए प्रयास जारी हैं। विश्वविद्यालय परिसर में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने और नए मार्ग निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं। अंत में कुलपति ने विद्या के महत्व पर जोर देते हुए गार्कण्डेय पुराण का श्लोक उद्धृत किया: ’’विद्या नाम नरस्य रूपमधिकं प्रच्छन्न गुप्तम धनं। विद्या भोगकरी यशः सुखकरी विद्या गुरुणाम् गुरुः।’’

कुलपति ने कहा कि विद्या मनुष्य का सबसे बड़ा धन है, जो छिपा हुआ और गुप्त है, और यह जीवन में सफलता और यश की प्राप्ति करती है। उन्होंने सभी छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी और समारोह में उपस्थित अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन किया।


*इनको मिला गोल्ड मेडल:*


बी.कॉम. वोकेशनल रिंकी, बी.पी.एड. जितेन्द्र यादव, बी.पी.एड. नज़रीन, बी.एससी. (वोकेशनल) बायोटेक्नोलॉजी पारुल सिंह, बी.एससी. (वोकेशनल) कम्प्यूटर एप्लीकेशन तनिष्का सक्सेना, बी.एस.सी. बायोटेक्नोलॉजी तुलिका वार्ष्णेय, बी.एससी. एग्रीकल्चर (ऑनर्स) रजनी यादव, बैचलर इन लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस प्रियंका, बैचलर ऑफ आर्ट्स (बी.ए.) नेहा, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बी.बी.ए.) अक्षिता जैन, बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी.कॉम.) मोहिनी गुप्ता, बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बी.सी.ए.) शिल्पी चौहान, बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड.) कु. उज्जवल शर्मा, बैचलर ऑफ फाइन आर्ट (बी.एफ.ए.) नेहा वार्ष्णेय, बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स (बी.पी.ई.एस.) नरेंद्र कुमार, बैचलर ऑफ साइंस (बी.एससी.) कुमारी दिशा, एल.एल.बी. साक्षी शर्मा, एल.एल.एम. हिमांशु सक्सेना, एम.ए. म्यूजिक (इंस्ट्रुमेंटल तबला) सृष्टि कौशिक, एम.ए. (डिफेन्स एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज) दीक्षा शर्मा, एम.ए. (ड्रॉइंग एंड पेंटिंग) माधुरी, एम.ए. (इकोनॉमिक्स) गौरव पराशर, एम.ए. (एजुकेशन) गरिमा परमार, एम.ए. (इंग्लिश) हिमांशी जादौन, एम.ए. (जियोग्राफी) शोभित शर्मा, एम.ए. (हिन्दी) कु. पूनम पाल, एम.ए. (हिस्ट्री) दममतंर वार्ष्णेय, एम.ए. (होम साइंस) मिथिलेश वर्मा, एम.ए. (पॉलिटिकल साइंस) रमन कुमार, एम.ए. (साइकोलॉजी) आकाश नगर, एम.ए. (संस्कृत) विदूषी द्विवेदी, एम.ए. (सोशियोलॉजी) भारती, एम.कॉम. लक्ष्मी, एम.एससी. बायोटेक्नोलॉजी दिव्या सक्सेना, एम.एससी. बॉटनी आद्या दीक्षित, एम.एससी. केमिस्ट्री वरुण तालान, एम.एससी. कम्प्यूटर साइंस डॉली अग्रवाल, एम.एससी. एनवायरनमेंटल साइंस हिमाद्री सरस्वत, एम.एससी. फॉरेस्ट्री अविनाश पटेल, एम.एससी. जियोलॉजी अंजु सिंह, एम.एससी. मैथमेटिक्स कु. आयशा, एम.एससी. माइक्रोबायोलॉजी पल्लवी शर्मा, एम.एससी. फिजिक्स सौम्या तिवारी, एम.एससी. जूलॉजी आकांक्षा अग्रवाल, एम.एससी. (एग्रीकल्चर) एग्रोनॉमी निखिल चौहान, एम.एससी. (एग्रीकल्चर) हॉर्टिकल्चर यतेन्द्र कुमार, मास्टर ऑफ एजुकेशन (एम.एड.) अंजली गर्ग को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में 36 छात्राएं व 11 छात्र शामिल रहे।

दीक्षान्त समारोह में मा0 सांसद हाथरस श्री अनूप बाल्मीकि, मा0 अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती विजय सिंह, मा0 विधायक इगलास श्री राजकुमार सहयोगी, मण्डलायुक्त संगीता सिंह, डीआईजी प्रभाकर चौधरी, जिलाधिकारी संजीव रंजन, एसएसपी नीरज कुमार जादौन, सीडीओ प्रखर कुमार सिंह, अपर आयुक्त एवं कुलसचिव वी0के0 सिंह समेत अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं विश्वविद्यालय के अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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