अलीगढ़ एवं आगरा मण्डल की रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 सम्पन्न

Aligarh Media Desk


सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह समर्पित

नवयुवक किसानों ने आज खेती को व्यवसाय की भांति अपनाया*

 -मा0 कृषि राज्य मंत्री

अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़ : अलीगढ़ एवं आगरा की मण्डल स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 का आयोजन नुमाइश मैदान स्थित कोहिनूर मंच पर भव्य रूप से किया गया। कार्यक्रम में अलीगढ़ एवं आगरा मण्डल के सैकड़ों कृषकों ने भाग लिया। किसानों द्वारा प्रस्तुत सुझावों एवं समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने हर संभव निराकरण का आश्वासन दिया।

गोष्ठी के मुख्य अतिथि मा0 कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि रबी उत्पादकता गोष्ठी का उद्देेश्य किसानों की जमीनी समस्याओं को सरकार तक पहुँचाना है ताकि उनके समाधान के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि ही देश की समृद्धि है। मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। श्री औलख ने कहा कि पारंपरिक खेती के साथ किसानों को सहफसली खेती, पशुपालन और प्राकृतिक कृषि की ओर भी ध्यान देना चाहिए। “खेती है तो पशु हैं, और पशु हैं तो खेती है,” इस सिद्धांत पर कार्य करें। सरकार द्वारा किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है और फसल बीमा योजना के माध्यम से नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जा रही है।

मा0 मंत्री जी ने कहा कि गोष्ठी का उद्देेश्य नई तकनीक और नवाचार उपलब्ध कराना है। भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। पहले 4 चार मण्डलों की गोष्ठियों होती थीं। किसानों से अधिकाधिक सुझाव लेने के लिए लिए दो मण्डल की संयुक्त गोष्ठी की जा रही हैं। मा0 मंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेश स्तरीय अधिकारी आपके बीच आकर समस्याएं और सुझावों को सुन रहे हैं। आप द्वारा दिए गए सुझावों को नोट किया गया है, जिन पर लखनऊ स्तर से कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। केंद्र व राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता किसान हैं। प्रदेश में आवश्यकता एवं लक्ष्य के सापेक्ष खाद की कोई कमी नहीं है, परन्तु किसानों भाईयों से अपील है कि उपयोग के अनुसार ही खाद क्रय करें, अनावश्यक स्टॉक न करें। आज पढ़ा लिखा नवयुवक खेती की तरफ बढ़ रहा है। प्रदेश से सब्जियों का निर्यात बढ़ा है। आज खेती को व्यवसाय की भांति अपनाया जा रहा है। कुछ नवयुवक किसान उन फलों की खेती  कर रहे हैं, जिनको पहले जानते भी नही थे। उन्नति प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हमने पहले किसानों का एक लाख तक का कर्जा माफ किया है और अब किसानों के नलकूपों के लिए निःशुल्क विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है। किसान सम्मान निधि दी जा रही है। सोलर पंप लगाए जा रहे हैं। आज एक हजार का बीज लेने पर 500 की सब्सिडी दी जा रही है। पहले 90 प्रतिशत फसल खराब होने पर बीमा मिलता था, आज एक किसान की फसल का नुकसान होता है तो उसका लाभ मिलता है। 

        प्रमुख सचिव कृषि श्री रविन्द्र ने कहा कि गोष्ठी में प्राप्त सुझावों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि “डिजिटल एग्रीकल्चर” के माध्यम से किसानों को नई तकनीक का लाभ मिल रहा है। उन्नत बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं और बीज उत्पादन की भावी योजना भी तैयार की जा रही है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती को भी अपनाएं और अन्य किसानों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पशुपालन और उद्यान दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनसे आप अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं, सरकार द्वारा जिन फसलों की एमएसपी लागू की गई है उनकी शत-प्रतिशत खरीद की जा रही है। उन्होंने मक्का एवं धान समेत अन्य उपज को सुखान के लिए ड्रायर की स्थापना हेतु एफपीओ का चयन कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साथ ही शिमला मिर्च का मूल्य संशोधित कराए जाने की भी बात कही। उन्होंने सख्ती से कहा कि डीएपी की ब्रिक्री 1350 रूपये से ऊपर नहीं होनी चाहिए, सुनिश्चित किया जाए कि ओवर रेटिंग और टैगिंग भी न हो। उन्होंने मनरेगा श्रमिक योजना के तहत अपने खेत में कार्य करने के साथ ही मत्स्य पालकों को भी कृषि की भांति विद्युत कनेक्शन देने के निर्देश दिए। उन्होंने क्रय केंद्रों पर किसानों द्वारा आई स्कैनिंग में आ रही समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। 

मण्डलायुक्त आगरा शैलेन्द्र कुमार सिंह ने आगरा मण्डल की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि मण्डल में गेंहू के आच्छादन का लक्ष्य 516336 हैक्टेयर है, वहीं तिलहनी फसलों के लिए 201205 और दलहनी फसलों के लिए 5215 हैक्टेयर रखा गया है। उन्होंने बताया कि आगरा प्रदेश में सर्वाधिक आलू उत्पादन वाला मण्डल है, यहां 166373 हैक्टेयर में आलू बोया जाता है। उन्होंने प्रमाणित आलू बीज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बीज उत्पादन के क्लस्टर विकसित करने एवं अनुदान दिए जाने की बात रखी। अपने उद्बोधन में उन्होंने आलू निर्यात की संभावनाओं एवं सुझाव पर भी विचार व्यक्त किए। 


मण्डलायुक्त अलीगढ़ संगीता सिंह ने अलीगढ़ मण्डल की प्रगति के बारे में बताया कि रबी में फसलों का कुल आच्छादन 700512 हैक्टेयर है, जिसमें मुख्य फसल गेंहू 457219 हैक्टेयर और सरसों 195791 हैक्टेयर के साथ 47502 हैक्टेयर में अन्य फसलें बोई जाती हैं। मण्डल की समस्याओं के बारे में उन्होंने बताया कि मध्य गंगा नहर निर्माण खण्ड 12 जोकि केवल खरीफ मौसम में संचालित होती है इसे रबी फसलों की सिंचाई के लिए भी संचालित की जाए। आलू के बीज की मांग के चलते अलीगढ़ एवं हाथरस में आलू के टिशु कल्चर से बीज बनाने की ईकाई की स्थापना उचित होगी। उन्होंने चिकोरी को मण्डी शुल्क से मुक्त किए जाने, फसलों को सुरक्षित करने के लिए इलैक्ट्रोनिक तार फेंसिंग पर अनुदान दिए जाने, जलेसर एवं सकीट में खारे पानी की समस्या को दूर करने के लिए नहरों का विकास और मण्डल में संयुक्त निदेशक, उप कृषि निदेशक भूमि संरक्षण, उप कृषि निदेशक शोध एवं हाथरस व कासगंज में उप कृषि निदेशक के कार्यालय भवनों की आवश्यकता के साथ ही अन्य रिक्त पदों के सापेक्ष अधिकारियों की तैनाती किए जाने की भी आवश्यकता बताई।  

       गोष्ठी में कृषि निदेशक डा0 पंकज त्रिपाठी, निदेशक उद्यान भानु प्रताप राम, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक सहकारिता ने भी किसान बन्धुओं द्वारा उठाई गई समस्याओं के बारे में निदान बताते हुए योजनाओं के बारे में जानकारी दी। गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.डी. दीक्षित ने मृदा स्वास्थ्य एवं डॉ. अशरफ अली ने फसल सुरक्षा, डॉ0 शैलजा ने फसलों के स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित तकनीकी जानकारियाँ, डा0 आशीष श्रीवास्तव ने दलहनी फसलों, डा0 नेत्रपाल मलिक ने प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को नवीन तकनीक के बारे में बताया। गोष्ठी में अलीगढ़ से किसान सतोष कुमार, चौधरी गुलवीर सिंह, हुकुम सिंह, हाथरस से राकेश कुमार सिंह, नरेन्द्र कुमार शर्मा, एटा से दौलत राम, गोपाल मिश्रा, विनोद चौहान, कासगंज से केहरी सिंह, अमित कुमार, आगरा से रामनिवास भारती, महावीर सिंह, फिरोजाबाद से राजवीर सिंह, राजेश प्रताप सिंह, मैनपुरी से संतोष मिश्रा, मथुरा से ओमप्रकाश ने बेहतर खेती किसानी कि संबंध में अपने अनुभव एवं सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में लाभार्थी किसानों को मृदा कार्ड एवं मिनी बीज किट का भी वितरण किया गया। 

इससे पूर्व मा0 मंत्री, प्रमुख सचिव, निदेशक एवं मण्डलायुक्त द्वारा कृषि प्रदर्शनी स्टॉल का फीता काटकर शुभारंभ करते हुए अवलोकन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिलाधिकारी संजीव रंजन द्वारा अतिथियों का स्वागत उद्बोधन देते हुए प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।  

इस अवसर पर मण्डल के सभी जिलों के सीडीओ, संयुक्त कृषि निदेशक श्रवण कुमार, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, संबंधित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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