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बड़ा सवाल| जामा मस्जिद को सार्वजानिक भूमि पर बताने वाले नगर निगम के संपत्ति प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| ऊपर कोट स्थित जमा मस्जिद को सार्वजनिक भूमि पर स्थित बताकर विवाद खड़ा करने वाले नगर निगम के जान सूचना अधिकारी और नगर निगम के संपत्ति प्रभारी के खिलाफ अभी तक जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है जबकि नगर निगम द्वारा लिखित में प्रदान की गयी इस सूचना को मीडिया में सार्वजनिक करने वाले आरटीआई एक्टविस्ट केशवदेव शर्मा के खिलाफ पुलिस ने मुक़दमा दर्ज करा दिया है| आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ मुक़दमा दर्ज होने का लोग विरोध कर रहे है|  आपको बताते चले की केशवदेव लगातार आरटीआई के जरिये अलग अलग विभागों से जानकारी मांगते रहते है| ऐसी ही एक जानकारी उन्होंने नगर निगम अलीगढ के जनसूचना अधिकारी से सूचना कानून के तहत मांगी| जिसमे उन्होंने अलीगढ की उपरकोट स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर लगाने वाले भवन टैक्स के बारे में जानना चाहा था, साथ ही उन्होंने इसके मालिकाना हक़ और उसकी जमीन के स्वामी के बारे में जानना चाहा था| इस आवेदन पर नगर निगम के संपत्ति प्रभारी ने भ्रामक और भड़काऊ जानकारी देते हुए जबाब भेज दिया कि मस्जिद सार्वजनिक जगह पर बनी हुयी है| जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया|


....केशव देव शर्मा के ऊपर हुआ मुकदमा पूर्वाग्रह से प्रेरित: गौरव शर्मा 

बजरंगबल अलीगढ़ की एक बैठक आगरा रोड स्थित श्री माहेश्वरी मोंटेसरी बाल मंदिर पर आहूत हुई, बैठक की अध्यक्षता विभाग अध्यक्ष शेखर शर्मा ने की।  बैठक में अलीगढ़ प्रशासन द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट केशव देव शर्मा के ऊपर लगाए गए मुकदमे दर्ज किए जाने की जमकर आलोचना हुई। 


    प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बजरंगबल के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि क्या देश के ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी प्राप्त करना अपराध है। अलीगढ़ प्रशासन यह तय करें कि जो जानकारी नगर निगम अलीगढ द्वारा केशव देव शर्मा  को दी गई है वो गलत है और यदि नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी सही है, तो उस पर उचित कार्यवाही करें या तो नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी का अलीगढ प्रशासन खंडन करें या फिर उसका मंडन करें।

  

     गौरव शर्मा ने आगे कहा कि अगर कोई भी चीज सार्वजनिक स्थान पर बनी हुई है तो वह सरकार की स्वाभाविक संपत्ति होती है, ये स्वाभाविक ज्ञान है जिसे सभी जानते है, लेकिन समुदाय विशेष अगर शहर की शान्ति व्यवस्था भंग कर सकता है तो इसके दबाव मे जो लोग राष्ट्रवाद की आवाज बन रहे है उन पर इस प्रकार की कार्यवाही करना घोर निंदनीय है और ये पूर्वाग्रह से प्रेरित है। 


     उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में गंगा-जमनी तहजीब का जो झूठा नरेटिव चलाया गया उसमें प्रशासनिक अधिकारियों की सर्वाधिक भूमिका है, उसी का दुष्परिणाम आज पूरा देश भुगत रहा है और आज भी मुस्लिम तुष्टिकरण की विघटनकारी मानसिकता के चलते राष्ट्रवादी युवाओं का दमन किया जा रहा है जो निंदनीय है।बैठक मे रितेश वर्मा,अमित भारद्वाज्,अजय गुप्ता,गुलशन ठाकुर,राहुल गुप्ता,अजय सिंह,मोनू पंडित,नीरज,संजय सिंह,केशव कुमार,सुनील कुमार,सतीश मूर्ति,ऋतिक शिवाजी,सुभ्रान्त वार्ष्णेय,राहुल जे.डी,अजय आजाद,धनंजय शर्मा,दीपक सक्सेना,कन्हा पंडित,विशाल् शर्मा,प्रमोद् कुमार् अमित ठाकुर,आशू सक्सेना,भोला ठाकुर,डा.ब्रजेश कुमार,अभिषेक सारस्वत,गोपाल कुमार,हर्ष सोनी,हिमांशु सविता,राहुल गोस्वामी,सजल गोयल,पिंटू कुमार आदि उपस्थित रहे।

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