जनता से वित्तपोषित, UPI, PhonePe, और PayTM: 9219129243

जेएनएमसी शिक्षक डा मुईद ने आईएससीसीएम सम्मेलन में विचार, अनुभव साझा किए

0




अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस कालेज के खेल अनुभाग द्वारा विश्वविद्यालय की छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों के लिए आयोजित सात दिवसीय योग कार्यशाला में सहभागियों ने योग मैट बिछाकर शारीरिक एवं मानसिक व्यायाम का प्रदर्शन किया। ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2022‘ के उपलक्ष में इस कार्यशाला का आयोजन वीमेंस कालेज ग्राउंड में आज से प्रारम्भ हुआ और इसका समापन समापन 21 जून को होगा।

मुख्य अतिथि, प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ, डा. हमीदा तारिक ने कहा कि योग की सुंदरता यह है कि आपको लाभ प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नहीं है। चाहे आप युवा हों या बूढ़े, अधिक वजन वाले हों या फिट, योग में मन को शांत करने और शरीर को मजबूत करने की शक्ति होती है।

महिला कॉलेज की प्राचार्य, प्रो नईमा खातून ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों में फिटनेस और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने प्रतिभागियों से योग को अपने दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने का आग्रह किया।

योग सत्र के बाद, संसाधन व्यक्ति, नई दिल्ली स्थित योग विशेषज्ञ, शारदा तिवारी ने बताया कि प्रतिभागियों ने नियमित योग अभ्यास करने के लिए विभिन्न योग मुद्राओं को सफलतापूर्वक सीखा और उनका प्रदर्शन किया।

मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर रूमाना एन सिद्दीकी ने जोर दिया कि नियमित योग अभ्यास मानसिक स्पष्टता और शांति पैदा करता है और शरीर की जागरूकता बढ़ाता है। यह पुराने तनाव पैटर्न से छुटकारा दिलाता है, मन को शांत करता है, ध्यान केंद्रित करता है और एकाग्रता को तेज करता है।

डा रजिया बी रिजवी, डा बुशरा नाज और डा शगुफ्ता नियाज ने भी नियमित योगाभ्यास के लाभों पर बात की।

कार्यशाला की संयोजक सहायक निदेशन डा नाजिया खान ने कार्यक्रम का संचालन किया।

कार्यशाला में डा नाजिश बेगम, डा फरहा आबिदीन सैफी, तस्कीन, महवश खान, खालिदा, सना रजा, अफशां ओबैद ने भी भाग लिया।


------------------------------------

वीमेंस कालिज ने हाथ की कढ़ाई पर कार्यशाला का आयोजन

अलीगढ़ 15 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस कॉलेज के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग द्वारा बेसिक स्टिचिंग एंड नीडल पेंटिंग पर दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

वीमेंस कालेज, कम्युनिटी कॉलेज, वीमेंस पॉलिटेक्निक और इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइनिंग एंड फैशन टेक्नोलॉजी की लगभग 50 छात्राओं ने पारंपरिक हाथ की कढ़ाई, स्टेम स्टिचेज़, लज़ी डेज़ी, फ्रेंच नॉट और नीडल पेंटिंग की बुनियादी सिलाई पर विशेष बल के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया।

केंद्र की निदेशक, प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि यह नीडल वर्क करने वाली उत्साही महिलाओं का एक सामाजिक नेटवर्क बनाने का एक अभ्यास था जो हाथ की कढ़ाई कौशल को पुनर्जीवित करने और इस पारंपरिक कला को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।

कार्यक्रम का संचालन स्टूडेंट्स काउंसलर डा समरीन हसन खान ने किया। डा निदा आलम कार्यक्रम की रिसोर्स पर्सन थीं।

--------------------------------

डा सारा जावेद सहायक समन्वयक नियुक्त

अलीगढ़ 15 जूनः डा सारा जावेद, सहायक प्रोफेसर, मनोविज्ञान सेक्शन, महिला कालेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को छात्र परामर्श केंद्र का सहायक समन्वयक नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल मौजूदा समन्वयक के साथ तक होगा।

------------------------------------

जेएनएमसी शिक्षक डा मुईद ने आईएससीसीएम सम्मेलन में विचार, अनुभव साझा किए

अलीगढ़, 15 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कालेज के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ शिक्षक, प्रोफेसर सैयद मुईद अहमद ने इंडियन सोसाइटी आफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आईएससीसीएम), यूपी और यूके स्टेट चैप्टर के हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, वाराणसी में आयोजित सम्मेलन में देश भर के शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों और युवा डॉक्टरों के साथ विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान किया।

हाल ही में इंडियन सोसाइटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आईएससीसीएम) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त, प्रोफेसर मोइद को एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की अपनी टीम के साथ सम्मेलन में व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था, उनके साथ जेएनएमसी शिक्षक, डा अबू नदीम, डा ओबैद ए सिद्दीकी और डा एस कामरान हबीब भी शामिल हुए।

प्रोफेसर मोइद ने ‘कौन बनेगा क्रिटिकल केयर चौंप‘ क्विज कार्यक्रम के बारे में बात की, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को एनेस्थिसियोलॉजी, शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ‘यंग इंटेंसिव अवार्ड‘ और मेडिकल छात्रों को तैयार करने के लिए एक ‘रिफ्रेशर कोर्स‘ सहित डीएनबी, पीडीसीसी और डीएम पाठ्यक्रम में रुचि विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने ‘स्टाफिंग की कमी मरीजों के परिणाम को प्रभावित करती है और ‘गंभीर रूप से बीमार मरीजों में वायुमार्ग प्रबंधन‘ पर व्याख्यान भी प्रस्तुत किया।

श्री अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर ए के सिंह ने एक पुस्तक, ‘क्रिटिकल केयर मेडिसिनः बेंच टू बेडसाइड‘ और आईएससीसीएम द्वारा प्रकाशित एक समाचार पत्र का विमोचन किया, जिसमें विभिन्न शहरों में सोसाइटी की शाखाओं की महत्वपूर्ण देखभाल और गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।

डा अबू नदीम, डा ओबैद ए सिद्दीकी और डा एस कामरान हबीब ने सत्रों की अध्यक्षता की और ‘मैकेनिकल वेंटिलेशन और वे एबीजी कार्यशाला‘ में संसाधन व्यक्ति के रूप में शिरकत की।

जेएनएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर जहान आरा ने सैद्धांतिक प्रस्तुति में ‘सर्वश्रेष्ठ पेपर‘ का पुरस्कार जीता।

-------------------------------

एएमयू फैकल्टी डा. फहीम अहमद को मिला ‘यंग साइंटिस्ट एसोसिएट अवार्ड‘

अलीगढ़, 15 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संकाय के शिक्षक डा. फहीम अहमद को सोसाइटी ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन साइंसेज, आईसीएआर-नेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट, नई दिल्ली के ‘यंग साइंटिस्ट एसोसिएट अवार्ड 2022‘ से सम्मानित किया गया है।

उन्हें ‘स्थायी फसल उत्पादन और जलवायु लचीलापन हासिल करने के लिए जैविक तनाव प्रबंधन रणनीतियों‘ पर राष्ट्रीय सम्मेलन में प्लांट पैथोलॉजी और नेमाटोलॉजी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

---------------------------------

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

अलीगढ़, 15 जूनः बुरामी विश्वविद्यालय, ओमान के उप-कुलपति, प्रो इमरान सलीम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग द्वारा ‘उद्यमिता के माध्यम से विकास को बढ़ावा देना‘ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन‘ के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए बताया कि एन्त्रेप्रेंयूरिअल इंटेंशन (ईआई) किस प्रकार एक नियोजित व्यवहार पर आधारित गतिविधि है।

उन्होंने कहा कि ‘एक नियोजित व्यवहार के माध्यम से ईआई का मतलब है कि परिणाम प्राप्त करने के लिए हमेशा विशिष्ट व्यावसायिक लक्ष्यों की ओर ध्यान दिया जाएगा‘।उन्होंने बताया कि कैसे विफलता का डर ईआई को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और इससे कैसे निपटा जाना चाहिए।मुख्य अतिथि के रूप में सत्र में भाग लेते हुए, कुलपति, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, प्रोफेसर चंद्रशेखर ने जोखिम लेने और प्रयासों में निरंतरता पर बात की। उन्होंने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।

प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान संकाय के डीन, प्रोफेसर एम नासिर ज़मीर कुरैशी ने उद्यमी विकास को नई फर्मों और उद्यमों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, व्यापार और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार करने में मदद करने के लिए एक प्रक्रिया के रूप में समझाया।

मानद अतिथि, वित्त अधिकारी, प्रोफेसर मोहम्मद मोहसिन खान ने उद्यमिता माडल में जोखिम लेने के महत्व पर एक सिंहावलोकन दिया और सभी नवोदित उद्यमियों को अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखने की सलाह दी।

कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर नवाब अली खान ने स्वागत भाषण दिया। आयोजन सचिव प्रोफेसर आसिया चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम का संचालन डाक्टर नेशात अंजुम ने किया।


एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)