जनता से वित्तपोषित, UPI, PhonePe, और PayTM: 9219129243

अलीगढ़| ‘उद्यमिता के माध्यम से विकास को प्रोत्साहन‘ विषय पर सम्मेलन

0



अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़|  विषय विशेषज्ञों, संसाधन व्यक्तियों और शिक्षकों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग द्वारा ‘उद्यमिता के माध्यम से विकास को प्रोत्साहन‘ विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्यमियों द्वारा लाए जा सकने वाले आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के बारे में विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि ‘उद्यमी अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए महत्वपूर्ण हैं। समाज के लिए लाभ उन अर्थव्यवस्थाओं में अधिक होगा जहां उद्यमी लचीले ढंग से काम कर सकते हैं, अपने विचारों को विकसित कर सकते हैं और पुरस्कार प्राप्त कर सकते हैं”।

प्रोफेसर मंसूर ने रोजगार सृजन के महत्व पर चर्चा की और छोटे व्यवसायों की सुविधा के लिए ऊष्मायन केंद्रों की आवश्यकता पर जोर दिया। कुलपति ने डा मोहम्मद सईम खान द्वारा संपादित कामर्स विभाग का एक त्रैमासिक समाचार पत्र ‘वाणिज्य समाचार‘ भी जारी किया। मुख्य भाषण में, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के प्रमुख, प्रोफेसर तेजिंदर शर्मा ने छोटे व्यवसायों के विकास के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया और उद्यमियों द्वारा आवश्यक दक्षताओं के बारे में बताया।

मुख्य अतिथि, पूर्व कुलपति, डा बी.आर अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, प्रोफेसर अशोक मित्तल ने बताया कि किस प्रकार से ‘कौशल भारत कार्यक्रम‘ उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ जुड़ा हुआ है।

उन्होंने ‘मेक इन इंडिया‘ पहल और ‘वोकल फॉर लोकल‘ स्लोगन के महत्व पर भी बात की।

कॉमर्स संकाय के डीन, प्रोफेसर नासिर ज़मीर कुरैशी ने बताया कि कैसे उद्यमी कोविड महामारी द्वारा लाई गई आर्थिक समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकते हैं।

विशिष्ट अतिथि, दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉमर्स वीभाग के प्रोफेसर रीतेश कुमार सिंह ने देश में छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों और प्रौद्योगिकी के विकास पर बात की।कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक, प्रोफेसर नवाब अली खान ने स्वागत भाषण दिया और आर्थिक विकास के लिए उद्यमियों की सहभागिता पर चर्चा की। मानव संसाधन प्रबंधन विभाग, व्यापार और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, केएसए के अध्यक्ष, प्रोफेसर सईद ज़फ़र ने विकासशील देशों के लिए उद्यमिता इरादा माडल पर विचार-विमर्श किया।

कालेज ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, प्रिंस सत्ताम बिन अब्दुलअजीज यूनिवर्सिटी, केएसए के डा मोहम्मद रिशाद फरीदी ने भारत में संभावित उद्यमियों की जनसांख्यिकी के बारे में बात की।

आयोजन सचिव, प्रो आसिया चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और डा शीमा तराब ने कार्यक्रम का संचालन किया।


--------------------------------

एएमयू में पिछड़े समूहों के साथ सामाजिक कार्य पर कार्यशाला आयोजित

अलीगढ़, 14 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग द्वारा ‘पिछड़े समूहों के साथ सामाजिक कार्यः सतत आजीविका के लिए रणनीतियां विकसित करना‘ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में संसाधन व्यक्तियों और शिक्षकों ने छात्रों को निर्बल समुदायों के लोगों को उनके सशक्तिकरण के लिए शुरू से अंत तक सहयोग और प्रशिक्षण प्रदान करने के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई।

कार्यशाला का आयोजन विकलांग मंद बुद्धि कल्याण समिति (वीकेएमबीएस) के सहयोग से किया गया।

लोगों की आजीविका प्रथाओं की जटिलताओं और गतिशीलता पर बोलते हुए, रोहित शर्मा (वीकेएमबीएस के संसाधन व्यक्ति) ने हाशिए पर मौजूद समूहों की आजीविका के लिए वैकल्पिक आजीविका दृष्टिकोण और रणनीति विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने निर्बल एवं कमजोर वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कौशल वृद्धि पर जोर दिया।

मुकुल जौहरी (वीकेएमबीएस) ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के कार्यों की रूपरेखा पर बात की। उन्होंने सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल वृद्धि पर चर्चा की।

प्रोफेसर नसीम अहमद खान (अध्यक्ष, सामाजिक कार्य विभाग) ने विकलांग बच्चों के साथ वीकेएमबीएस के कार्य और उनके विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में बताया। उन्होंने बच्चों को बाल श्रम और गरीबी उन्मूलन से बचाने की योजनाओं पर प्रकाश डाला।

डा. मोहम्मद ताहिर, डा. कुर्रतुल ऐन अली, डा. मोहम्मद आरिफ खान, डा. अंदलीब, डा. मोहम्मद उजै़र और डा. समीरा खानम ने गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए आजीविका के अवसरों की पहुंच पर विचार-विमर्श किया।

डा. मोहम्मद उजै़र ने कार्यशाला का संचालन किया और डा. कुर्रतुल ऐन अली ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

--------------------------------

इंजीनियरिंग कालिज में ‘रिसर्च मेथडोलाजी एंड इनोवेटिव स्टैटिस्टिकल एप्लीकेशन‘ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

अलीगढ़, 14 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कालिज के वास्तुकला विभाग के ‘रिसर्च मेथडोलॉजी एंड इनोवेटिव स्टैटिस्टिकल एप्लीकेशन्स‘ विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों और शिक्षकों ने वास्तु अनुसंधान में प्रयुक्त अनुसंधान विधियों और रणनीतियों पर चर्चा की।

इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रोफेसर एम अल्तमश सिद्दीकी ने व्याख्यात्मक, गुणात्मक, सहसंबंधी, प्रयोगात्मक, अर्ध-प्रयोगात्मक, अनुकरण, मॉडलिंग, तार्किक तर्क और संयुक्त रणनीतियों के कार्यान्वयन पर बात की।

जेडएच कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजीके प्रिंसिपल, प्रोफेसर एम.एम सुफियान बेग ने कहा कि नवाचार के लिए अनुसंधान और डिजाइन के बीच एक मजबूत संबंध की आवश्यकता होती है और यह वास्तुशिल्प अभ्यास के लिए प्रासंगिक है कि अनुसंधान वास्तुशिल्प पेशे और अध्यन का एक अभिन्न अंग बन जाता है।

मुख्य अतिथि के रूप में समापन समारोह में भाग लेते हुए, प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान संकाय की डीन, प्रोफेसर सलमा अहमद ने कहा कि वास्तुकला कला का एक रूप है जो वर्षों में विकसित हुआ है। इस क्षेत्र में ध्यान स्थायित्व से सौंदर्यशास्त्र पर स्थानांतरित हो गया था और आज आर्किटेक्ट सौंदर्यशास्त्र के साथ कार्यक्षमता का भी मिश्रण करते हैं।

उन्होंने एफिल टॉवर, पेट्रोनास टॉवर, बुर्ज खलीफा, कलकत्ता में विक्टोरिया मेमोरियल, जयपुर के हवा महल और उदयपुर के लेक पैलेस की सुंदरता पर भी बात की।

विश्वविद्यालय की रैंकिंग समिति के अध्यक्ष, प्रोफेसर मिर्जा सालिम बेग ने प्रतिभागियों को उनके क्षेत्र में अनुसंधान को एकीकृत करने के लिए एक रोड मैप प्रदान किया।

आयोजन समिति के सदस्य डा मोहम्मद खालिद हसन (अध्यक्ष, वास्तुकला विभाग और कार्यक्रम के संयोजक), डा शर्मिन खान (मुख्य समन्वयक), फ़राज़ फारूक (समन्वयक) और आर्किटेक्ट सदफ फरीदी (समन्वयक) ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में कर्नाटक, तमिलनाडु, नई दिल्ली, यूपी और हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों और ओमान, मलेशिया, दुबई  समेत अन्य देशों के शिक्षाविदों, शोधार्थियों और छात्रों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।  

विभिन्न विषयों के संसाधन व्यक्तियों ने अनुसंधान की वैज्ञानिक पद्धति, सर्च इंजनों के अनुप्रयोग, खोज रणनीतियों, अनुसंधान नैतिकता, डेटा संग्रह, अनुमान संबंधी सांख्यिकी और अन्य विषयों के बीच अनुसंधान डिजाइन पर सत्र आयोजित किए।

-------------------------

ज़ायतुन इंटरनेशनल एकेडमी द्वारा एएमयू के छात्रों का चयन

अलीगढ़ 14 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के चार बी.एड छात्रों को प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय (सामान्य) और शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से गाज़ियाबाद स्थित स्कूल, जैतुन इंटरनेशनल अकादमी द्वारा शिक्षकों के रूप में चयनित किया गया है।

टीपीओ श्री साद हमीद ने कहा कि चयनित छात्रों में निष्ठा सिंह, किश्वर जमाल, अनम और आदिल सिद्दीकी शामिल हैं।

शिक्षा विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर मुजीबुल हसन सिद्दीकी ने चयनित छात्रों को बधाई दी और उनसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया।

प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी, शिक्षा विभाग, प्रोफेसर नसरीन ने एएमयू में प्रतिभा खोज में रुचि लेने के लिए ज़ायतुन इंटरनेशनल अकादमी की प्लेसमेंट टीम को धन्यवाद दिया।

-------------------------------

पर्यावरण प्रतियोगिता में एएमयू के छात्र को मिला पुरस्कार

अलीगढ़ 14 जूनः अमेरिकन सोसाइटी आफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर-कंडीशनिंग इंजीनियर्स (अशराऐ) एएमयू चैप्टर के छात्र सदस्य हुसाम बिन महरे ने एनवायरनमेंट डे से सम्बंधित विषयों पर प्रस्तुति प्रतियोगिता में 5000 रुपये के नकद पुरस्कार प्रमाण पत्र के साथ प्रथम स्थान हासिल किया। उनहोंने पर्यावरण दिवस से संबंधित ‘केवल एक पृथ्वी‘ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी।

उन्होंने ऊर्जा की बचत, जल संरक्षण, ओजोन रिक्तीकरण, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, स्थिरता, आदि सहित पृथ्वी दिवस से संबंधित विभिन्न विषयों से संबंधित प्रस्तुति प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उन्हें  ‘सतत विकास‘ विषय पर दूसरी सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति देने के लिए 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला और प्रमाण पत्र दिया गया।

ज्ञात हो कि इन प्रतियोगिताओं का आयोजन अशराऐ एएमयू चैप्टर द्वारा ऑनलाइन मोड में किया गया था और दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, पूसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली, एबीईएस गाजियाबाद, एमएआईटी नोएडा, आईआईएमटी नोएडा और यूपीईएस गाज़ियाबाद के विभिन्न अशराऐ छात्र चैप्टर्स के छात्र सदस्यों ने इन कार्यक्रमों में भाग लिया।

-----------------------------------

यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के लिए सीएमई का आयोजन

अलीगढ़, 14 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी चिकित्सा संकाय अजमल खां तिब्बिया कालिज के इलाज बित तदबीर विभाग के 6 दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम में यूनानी चिकित्सा अधिकारियों ने अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाया। सीएमई को आयुष मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया था।

उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए पूर्व प्रो-वाइस चांसलर, एएमयू और वर्तमान निदेशक, अकादमिक कार्यक्रम, एफएच मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल नियर, एतेमादपुर, प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग ने दिल के रोग की रोकथाम के लिए आहार और जीवन शैली के महत्व पर बात की।

उन्होंने कहा कि कम संतृप्त वसा, उच्च फाइबर, उच्च पौधे वाले खाद्य आहार हृदय और अन्य बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

समापन समारोह में जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए दैनिक जीवन में स्वस्थ व्यवहार अपनाने पर जोर दिया।

यूनानी चिकित्सा संकाय के डीन, प्रोफेसर एफ एस शीरानी ने स्वस्थ विकल्प बनाने, पर्याप्त नींद लेने, नियमित स्वास्थ्य जांच और नियमित शारीरिक गतिविधि के बारे में बात की।

अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर शगुफ्ता अलीम ने पुरानी बीमारियों को रोकने और प्रमुख जोखिम वाले व्यवहारों से बचने के टिप्स साझा किए।

मानद अतिथि, इलाज बित तदबीर विभाग के पूर्व अध्यक्ष, प्रोफेसर एम एम एच सिद्दीकी और मौलीजात विभाग के पूर्व अध्यक्ष, प्रोफेसर मिस्बाहुद्दीन सिद्दीकी ने चर्चा की कि जीवनशैली रोग प्रबंधन के लिए रेजिमेंटल थेरेपी का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

प्रोफेसर मोहम्मद अलीमुद्दीन कमरी, प्रोफेसर अब्दुल हसीब अंसारी (राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बैंगलोर), प्रोफेसर उषा सिंघल (पूर्व अध्यक्ष, फिजियोलाजी विभाग, जेएन मेडिकल कालेज), डा सोहराब अहमद खान (जामिया हमदर्द, नई दिल्ली) और डा मोहम्मद तनवीर आलम (गवर्नमेंट तिब्बी कॉलेज, पटना) ने जीवन शैली विकल्पों जैसे तंबाकू और शराब छोड़ने और शारीरिक गतिविधि में संलग्न होने के माध्यम से पुरानी बीमारियों की रोकथाम के बारे में बताया।

इलाज बित तदबीर विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर मोहम्मद अनवर ने 6 दिवसीय कार्यक्रम का सारांश दिया।

उद्घाटन समारोह के स्वागत भाषण में सीएमई की संयुक्त आयोजन सचिव प्रोफेसर आसिया सुल्ताना ने रेजिमेंटल थेरेपी के इस्तेमाल पर जोर दिया।

प्रोफेसर आसिया और डा मोहम्मद साद ए खान ने क्रमशः उद्घाटन और समापन समारोह में धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

कार्यक्रम का संचालन डा एम शोएब ने किया।

सीएमई में विभिन्न राज्यों के लगभग 30 चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया।

--------------------------

उन्नत उद्योग नियंत्रण पर ऑनलाइन कार्यशाला

अलीगढ़, 14 जूनः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेड एच कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘उन्नत उद्योग नियंत्रण‘ विषय पर आयोजित एक दिवसीय आनलाइन कार्यशाला को संबोधित करते हुए साफकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा के शाखा प्रबंधक, श्री राजेश सिंह ने कहा कि पुस्तक ज्ञान उद्योग क्षेत्र में खड़े होने या उपयुक्त रोजगार खोजने के लिए पर्याप्त नहीं है। छात्रों को उद्योग की जरूरतों के अनुसार कौशल हासिल करने के लिए प्रयास करना चाहिए।

श्री सिंह ने कहा कि उद्योग को भी आवश्यकता के अनुसार स्वचालित होना चाहिए, और इसके लिए पीएलसी, स्काडा, एचएमआई और आईएसीएस जैसी विभिन्न प्रकार की नियंत्रण प्रणालियां प्रचलन में हैं, हालांकि इंजीनियरिंग के सभी क्षेत्रों में अधिक शोध और उन्नति समय की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न इंजीनियरिंग स्ट्रीम में छात्रों के लिए नौकरी के बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं, जिसके लिए छात्रों को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।

उन्होंने छात्रों को प्रोग्राम योग्य भाषा सीखने और विशेषज्ञता पर आधारित प्रशिक्षण हासिल करने की सलाह दी।

कार्यशाला के दौरान, साफकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक टीम ने पीएलसी और स्काडा पर ऑनलाइन व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया।

इससे पूर्व, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. मुज़म्मिल ने स्वागत भाषण दिया और श्री मोहम्मद नासिर खान ने संसाधन व्यक्तियों का परिचय कराया।

प्रोफेसर मोहम्मद अली ने विशेषज्ञों की टीम से छात्रों के लिए एक आफ़लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करने का अनुरोध किया।

प्रोफेसर अली और श्री नासिर खान ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

---------------------------

एएमयू में विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

अलीगढ़, 14 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, स्कूलों और कार्यालयों में शिक्षकों और छात्रों ने विश्व रक्तदान दिवस कार्यक्रम के तहत जागरूकता अभियान में लोगों को निस्वार्थ स्वैच्छिक रक्त दाता बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

जेएन मेडिकल कालिज कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी), जवा में विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर सायरा मेहनाज, ने कहा कि ‘रक्तदान एक एकजुटता का कार्य है‘ और जीवन बचाने और एकजुटता बढ़ाने में स्वैच्छिक रक्तदान की भूमिका बहुत अहम होती है।

डा उज़मा इरम (सदस्य-प्रभारी, आरएचटीसी) ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने व्यापक अभियान के माध्यम से स्वैच्छिक रक्त दाता गतिविधियों को आगे बढ़ाने और रक्त दाता संगठनों का सहयोग करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. सलीम मोहम्मद खान ने की।

डा. दानिश कमाल ने विषय की प्रासंगिकता के बारे में बात की, डा. आयशा ने रक्तदान की आवश्यकता और रक्तदान के लाभों पर विचार-विमर्श किया और डा इकबाल अहमद ने रक्त दाता बनने के लिए स्वास्थ्य आवश्यकताओं के बारे में बताया।

इसी प्रकार प्लांट प्रोटेक्शन विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर पी.क्यू रिजवी ने जरूरतमंदों को रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रयास करने के लिए सभी से सहयोग करने का आह्वान किया।

प्रोफेसर रिज़वी ने शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों को रक्तदान करने का संकल्प भी दिलाया।

एएमयू सिटी गर्ल्स स्कूल में रक्तदान पर जागरूकता कार्यक्रम में, प्रिंसिपल, डा. मोहम्मद आलमगीर ने छात्रों को बताया और रक्तदान करने की शपथ भी दिलाई।

स्कूल की शिक्षिका तहमीना अशरफ ने रक्तदान के महत्व, आवश्यकता पर जानकारी दी।

कार्यक्रम का संचालन फरजाना नजीर ने किया। कार्यक्रम में शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और छात्र शामिल हुए।

अब्दुल्ला स्कूल की अधीक्षक, सुश्री उमरा ज़हीर ने रक्तदान की शपथ दिलाई और छात्रों और शिक्षकों को स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा वर्ष 2005 से हर वर्ष 14 जून को विश्व भर में रक्तदान दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करना है।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)