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पैथोलॉजी विभाग द्वारा नशे से मुक्ति पखवाड़ा, कैच द रेन कम्पेन तथा आजादी का अमृत महोत्सव समारोह आयोजित

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़, 7 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग ने आजादी का अमृत महोत्सव, नशे से मुक्ति पखवाड़े और कैच द रेन कम्पैन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर ‘जीवन चुनें, नशीले पदार्थ नहीं और पानी बचाओ, पृथ्वी बचाओ’ विषय पर आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता डॉ. सोहेल-उर-रहमान ने जीती। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में डॉ. आयशा अंसारी दूसरे स्थान पर रहीं।


इसी प्रकार स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में डॉ. गौतमी व डॉ. सुरभि गौतम क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहीं। कविता प्रतियोगिता में डॉ. इकरा उस्मानी व डॉ. कृति को संयुक्त विजेता घोषित किया गया।


विभागाध्यक्ष प्रो. एसएच आरिफ ने कहा कि देश के कई स्थानों और क्षेत्रों में पानी की भारी किल्लत है। दुनिया भर में जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। वर्षा जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के लिए समाधान खोजने का समय आ गया है।


नशीली दवाओं के नुकसान के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि ‘नशे की हालत में लोग अपना नियंत्रण खो देते हैं। लोगों को इसकी लत न लगे इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। प्रोफेसर वीना माहेश्वरी ने कहा कि किशोरों और युवाओं को नशे की लत का खतरा है। इस संबंध में जागरूकता अभियान बार-बार चलाया जाना चाहिए ताकि लोग इससे बच सकें।


प्रो. किरन आलम और प्रो. महबूब हसन ने नशीली दवाओं की लत को एक विनाशकारी समस्या के रूप में वर्णित किया, जिसमें उच्च मृत्यु दर और गंभीर सामाजिक परिणाम शामिल हैं। उन्होंने जल संरक्षण पर भी चर्चा की।


प्रो. कफील अख्तर, प्रो. रुबीना खान, डॉ. हिना अंसारी और डॉ. मुहम्मद फिरोज आलम ने नशीले पदार्थों के उपयोग और जल संरक्षण पर जागरूकता अभियान का आह्वान किया।


डॉ शगुफ्ता कादरी ने उपस्थितजनों को नशीले पदार्थों के प्रयोग के खिलाफ शपथ दिलाई और डॉ अवध ने पानी की रक्षा के लिए शपथ दिलाई। डॉ. बुशरा सिद्दीकी ने कार्यक्रम का निर्देशन करते हुए नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान पर एक कविता सुनाई। उन्होंने आभार भी व्यक्त किया।


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साइबर जागरूकता दिवस


अलीगढ़, 7 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेन्स कॉलेज के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग ने साइबर जागरूकता दिवस के अवसर पर ‘साइबर अपराध और सुरक्षा’ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसके तहत महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। छात्राओं को नियमित साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा, महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन साइबर अपराध, एसएमएस ओटीपी धोखाधड़ी, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई।


प्रोफेसर नईमा खातून (निदेशक, सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग) ने कहा कि हम ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर महीने के पहले बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाते हैं। जब छात्र और अन्य लोग साइबर सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक हो जाते हैं, तो वे समझते हैं कि साइबर हमले का उनके जीवन और कार्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। महिलाओं के सशक्तिकरण और छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टि से यह जागरूकता अभियान बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी में तेजी से वृद्धि हुई है और जागरूकता बढ़ाना अनिवार्य है।


विशेषज्ञ वक्ता मलिक मुहम्मद अरशद ने साइबर अपराध के प्रकार और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की। उन्होंने भारत सरकार के पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन अपराध और धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में भी बताया।


मलिक मोहम्मद अरशद ने मोबाइल ऐप्स के सुरक्षित उपयोग, यूएसबी स्टोरेज डिवाइस की सुरक्षा और ऑनलाइन जालसाजी और धोखाधड़ी से बचने के उपायों के बारे में भी बताया। डॉ. समरीन हसन खान ने कार्यक्रम का संचालन किया जिसमें 100 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।


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जियोग्राफिकल सोसायटी का समापन समारोह


अलीगढ़, 7 जुलाईः भूमि उपयोग और हरित क्रान्ति के विकास, उसके शोध कार्य और विस्तृत अध्ययन में अलीगढ़ मुस्लिम विष्वविद्यालय के भूगोल विभाग की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह भारतवर्ष का सबसे पुराना विभाग है जिसको भूमि उपयोग अध्ययन के शोध का जनक भी कहा जाता है। यह विचार एएमयू जियोग्राफिकल सोसायटी के समापन समारोह में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद नौशाद अहमद ने छात्रों के संबोधित करते हुए व्यक्त किये।


उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो पर्यावरण संबंधित समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं उन का विस्तृत अध्ययन करने के पश्चात भूगोलवेत्ता उसके हल हेतु उचित प्रयास करें और भूगोल के शोधार्थी उस का गहन अध्ययन कर रिसर्च पेपर तैयार कर इस समस्या के समाधान हेतु उच्च स्तर के प्रयास करें।


इस अवसर पर भूगोल विभाग के वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रोफेसर अतीक़ ने छात्रों के काउंसिलिंग सत्र को संबोधित करते हुए बताया कि एम0ए0 करने के पश्चात छात्र-छात्राओं को सिविल सर्विसेज के लिये तैयारी करनी चाहिए और देश की इन प्रतिष्ठित सेवाओं में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाने हेतु गंभीर होकर प्रयास करने चाहिये।  क्योंकि रिसर्च में कुछ ही लोग होते हैं जिनका रिसर्च का ऐप्टीट्यूड होता है जो अच्छी रिसर्च करते हैं। इसलिये शोधार्थियों के अलावा बाकी लोगों को खुद ही अपना आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और अपनी प्रतिभा, रूचि और क्षमता को पहचानकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। अलीगढ़ मुस्लिम विष्वविद्यालय छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिये बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराता है आप सभी को उन सुविधाओं का लाभ उठाकर सिविल सेवा में अमुवि का प्रतिनिधित्व बढ़ाने हेतु प्रयासरत रहना चाहिए।     


इस अवसर पर एएमयू जियोग्राफिकल सोसायटी की समन्वयक स्वालेहा जमाल ने वार्षिक रिपोर्ट और कार्यवाहियों को प्रस्तुत किया और बताया कि इस वर्ष सोसायटी ने क्विज, निबंध आदि प्रतियोगिताओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया। 


सोसायटी के सह समन्वयक डॉ0 अहमद मुजतबा सिद्दीकी ने सभी का स्वागत करते हुए भविष्य में भी सोसायटी को मजबूत तरीके से चलाने पर बल देने का आह्वाहन किया।


समारोह के अंत में एएमयू जियोग्राफिकल सोसायटी के पदाधिकारियों सहित सोसायटी की उपाध्यक्ष फौजिया अज़मल, सचिव इफ़्फत सादिया, कार्यकारिणी सदस्य कु0 तहरीम फातिमा एवं इंतजार अली को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया और सभी का सामूहिक फोटोग्राफ सेशन भी हुआ। 

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