वहीं कार्यक्रम के संयोजक सुबोध अग्रवाल 'डब्बू लोहिया' ने बताया कि कंस्ट्रक्शन के काम में बदलाव हो रहा है| टेक्नोलॉजी भी नई आ रही है. सीमेंट की दुनिया में वंडर सीमेंट ने नई टेक्नोलॉजी का यूज किया है. जिससे निर्माण को लंबे समय तक टिकाऊ बनाकर रखा जा सकेंय इस बारे में राज मिस्त्रियों, ठेकेदारों और डिस्ट्रीब्यूटर को जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि वंडर सीमेंट की ईकाई सोमना में जल्द लगने जा रही है. जो रोबोटिक टेक्नीक से सीमेंट का उत्पादन करेंगी|
वंडर सीमेंट कंपनी के मार्केटिंग स्टेट हेड चंदन चटर्जी ने बताया सीमेंट की क्वालिटी को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. ताकि भवन निर्माण से जुड़ी बारीकीयों को बता रहें है. उन्होंने कहा कि कस्टमर को अच्छी क्वालिटी की सीमेंट मिलें और मकान टिकाऊ हो. उन्होंने कहा कि कमर्शियल बहुत सी सीमेंट कंपनियां मार्केट में मौजूद है. लेकिन हमारी पहचान वंडर सीमेंट की उच्च क्वालिटी के लिए है .उन्होंने कहा कि कस्टमर को अपने पैसे की पूरी कीमत मिले, एक ऐसा मकान बनें, जो सालों साल चलें. इस तरह की गुणवत्तापूर्ण सीमेंट दे रहे हैं, अच्छी सीमेंट की पहचान के सवाल पर चंदन चटर्जी ने बताया कि उसके मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस से पता कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि वंडर सीमेंट अब रोबोटिक टेक्नोलॉजी से सीमेंट उत्पादन कर रहा है. यह डस्ट फ्री प्रोडक्शन करता है. उन्होंने बताया कि वंडर सीमेंट में बहुत बारीकियों का ध्यान रखा जाता है. मार्केट में प्रोडक्ट अपने आप बोलता है.
वही वंडर कंपनी के टेक्निकल हेड विष्णु शर्मा ने वंडर सीमेंट की विशेषता के बारे में बताया कि मार्केट में अन्य सीमेंट से हटकर हमारा प्रोडक्ट है. उन्होंने बताया कि कंस्ट्रक्शन के समय में जो केमिकल इफेक्ट होते हैं वह न हो और वंडर सीमेंट में एल्कली की मात्रा कम है. फ्लोराइड की मात्रा कम है. इससे जंग से लोहा सुरक्षित रहता है. वही सल्फेट से लड़ने की क्षमता है वातावरण के सेल्फैटिक अटैक को वंडर सीमेंट रोकता है. जिससे निर्माण मजबूत होता है और लंबे समय तक भवन टिकाऊ बना रहता हैं. वही इस सीमेंट से गर्मी कम निकलती है. इससे निर्माण के बाद दरारे नहीं आती हैं. उन्होंने बताया कि वंडर सीमेंट का इस्तेमाल करने पर नींव से लेकर फिनीशिंग तक मकान मजबूत बनेगा. हमारा उद्देश्य फाउंडेशन टू फिनिश यानि कि वंडर सीमेंट से एक समान मजबूत निर्माण और टिकाऊ निर्माण करना है.