Header Ads Widget

Responsive Advertisement

एएमयू में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत मैराथन का आयोजन


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज विश्वविद्यालय के एथलेटिक्स मैदान से ‘बाब-ए-सैयद’ होते हुए आईजी खान सर्किल तक देशव्यापी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और फिट इंडिया के लिए के तहत मिनी-मैराथन में भाग लिया। कुलपति प्रो. तारिक मसंरू ने शांति एकता और भाईचारे के संदेश के साथ हवा में रंग बिरंगे गुब्बारे छोड़कर राष्ट्रगान के साथ मैराथन का शुभारंभ किया। जिसमें सीनियर बॉयज वर्ग में मुहम्मद कमर (एमएम हॉल) पहले स्थान पर रहे, जबकि मुहम्मद अंसार (एमएम हॉल) और मुहम्मद रेहान (अल्लामा इकबाल हॉल) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।


बालिका वर्ग में नेहा कुमारी (आईजी हॉल) ने पहला, आलिया (अब्दुल्ला हॉल) ने दूसरा और अबीरा (अब्दुल्ला हॉल) ने तीसरा स्थान हासिल किया।


जूनियर बालक वर्ग में ऋषि (एसटीएस स्कूल), आकाश (एसटीएस स्कूल) और एम जुबैर (एबीके स्कूल, ब्वायज) क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे, जबकि जूनियर बालिका वर्ग में एबीके स्कूल की छात्रा येशा मजहर, जैनब फातिमा और प्रेसाना ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस विशाल मैराथन में 700 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।


मिनी मैराथन के बाद एएमयू के कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने इस पल को यादगार बनाने में छात्रों के उत्साह और साहस की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मैराथन उस भविष्य की आशा का प्रतिनिधित्व करता है जिसका प्रतिनिधित्व एक नया भारत करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ लोगों को स्वस्थ और फिट रहने के लिए शारीरिक गतिविधि और खेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है।


कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने प्रथम विजेताओं को पुरस्कार दिया जबकि सहकुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने उपविजेताओं तथा प्रो. मुहम्मद मोहसिन खान (वित्त अधिकारी), प्रो. मुहम्मद वसीम अली (प्रॉक्टर), प्रो. मासूम रजा, प्रो. मोइनुद्दीन, प्रो. मिर्जा अस्मर बेग, प्रो. एम. अशरफ, प्रो. शकील अहमद के अतिरिक्त प्रो. तारिक मुर्तजा, प्रो. एम. आसिम सिद्दीकी, प्रो. जकी अनवर सिद्दीकी और डॉ. शफीउल्लाह ने अन्य विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।


खेल समिति के सचिव प्रोफेसर सैयद अमजद अली रिजवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन मजहर अल कमर ने किया। विजेताओं के नामों की घोषणा एएमयू ऐथलेटिक क्लब के अध्यक्ष प्रो. जमीरउल्लाह खा ने की। इस अवसर पर गेम्स कमेटी के कोच भी मौजूद रहे।



इससे पहले 13 अगस्त को एएमयू के सेंटर फॉर कंटीन्यूइंग एंड एडल्ट एजुकेशन एंड एक्सटेंशन ने सामाजिक कार्य विभाग और यूनिवर्सिटी हेल्थ क्लब के सहयोग से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स ग्राउंड में ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ का आयोजन किया था। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान, मुख्य अतिथि और प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ हमीदा तारिक ने छात्रों से फिटनेस पर ध्यान केंद्रित करने और इसे अपनी जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाने का आग्रह किया।यह एक बड़ी युवा आबादी के साथ भारत को मजबूत और स्थिर बनाएगा। प्रो-वाइस चांसलर प्रो मुहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट लोगों की जीवनशैली को सकारात्मक दिशा में बदल देगा और स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति बहुत जरूरी जागरूकता पैदा करेगा।


विशिष्ट अतिथि प्रो. नईमा खातून (प्राचार्य, वीमेन्स कालिज) ने शिक्षा और शारीरिक फिटनेस पर समान ध्यान देने पर जोर दिया।


प्रो. नसीम अहमद खान (अध्यक्ष, सामाजिक कार्य विभाग) ने कहा कि छात्रों को एथलेटिक्स और खेल गतिविधियों में शामिल होना चाहिए।


विश्वविद्यालय खेल समिति के सचिव प्रोफेसर सैयद अमजद अली रिजवी ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव कर बीमारियों से बचा जा सकता है। ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रयास है।


प्रो. मिर्जा असमर बेग, प्रो. असीम सिद्दीकी, प्रो. ज़मीरुल्लाह खान, प्रो. आयशा मुनीरा रश्ीाद, प्रो. एफएस शिरानी, डॉ. शारिक अकील, डॉ. शमीम अख्तर, डॉ. उरूस फातिमा, डॉ. आरिफ, डॉ. अंदलीब, डॉ. क़ुर्रतुल ऐन, डॉ. ताहिर, डॉ. अज़ीर और डॉ समीरा ने शारीरिक फिटनेस के महत्व पर बल दिया और स्वतंत्रता सैनानियों को स्वतंत्रता को एक अनमोल उपहार बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।


मैराथन में 65 छात्राओं और 49 छात्रों ने भाग लिया।


-------------------------


एएमयू में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर कार्यक्रम


अलीगढ़, 14 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में राष्ट्रव्यापी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और भारतीय स्वतंत्रता के 75 गौरवशाली वर्षों को समारोह पूर्वक मनाने के लिए कार्यक्रमों की निरंतर श्रृंखला में, मौलाना आजाद पुस्तकालय के सहयोग से यूनिवर्सिटी डिबेटिंग एंड लिटरेरी क्लब द्वारा एक संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी में ‘भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एएमयू का योगदान’ पर प्रकाश डाला गया।


मुख्य अतिथि डॉ राहत अबरार (पूर्व निदेशक, उर्दू अकादमी) ने एएमयू के संस्थापक सर सय्यद अहमद खान द्वारा लिखित पुस्तकों, विशेषकर असबाब-ए-बग़ावत-ए-हिन्द के बारे में बात की जिनमें सर सय्यद ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारणों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में एएमयू के छात्रों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।


मानद अतिथि, प्रोफेसर सिराजुद्दीन अजमली (उर्दू विभाग) ने कवि, कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी, मौलाना हसरत मोहानी के योगदान के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने एमएओ कॉलेज में शामिल होने के बाद असहयोग आंदोलन का समर्थन करने के लिए एक स्वदेशी स्टोर खोला।


प्रोफेसर एफ एस शीरानी (समन्वयक, सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र) ने उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान दिखाने का आह्वान किया जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासन से मुक्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।


महात्मा गांधी की एएमयू की महत्वपूर्ण यात्रा पर बोलते हुए डॉ सदफ फरीद (अध्यक्ष, यूडीएलसी) ने कहा कि प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों जैसे राजा महेंद्र प्रताप सिंह, मौलाना हसरत मोहानी, डॉ जाकिर हुसैन, खान अब्दुल गफ्फार खान और कैप्टन अब्बास अली का सम्बन्ध एएमयू से था।


आफिया रिजवी ने अतिथियों का परिचय दिया, जबकि मोहम्मद शम्स खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


बेगम अज़ीज़उन निसा हॉल कि छात्राओं ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में लेखन, कला और सृजन के विशिष्ट अंश प्रस्तुत किए।


देवांशी सैनी (एमएफए) और बुशरा नाज़ (बीएफए) ने पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता जीती, जिसमें सलीना आसिम (डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग) ने दूसरा स्थान हासिल किया। फरहा नाज़ (पीएचडी केमिस्ट्री) और उरूज फातिमा (बीएफए) ने तीसरा स्थान साझा किया।


आयशा परवीन (एमए) को रचनात्मक-लेखन प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया, जिसमें शाइस्ता रहमा (पीएचडी) दूसरे स्थान पर रहीं।


स्टोन पेंटिंग प्रतियोगिता में देवांशी सैनी (एमएफए) ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। उरूज फातिमा (बीएफए) और हिना फातिमा (बी वोक) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं।


पुरस्कार वितरण के बाद, प्रोफेसर सुबुही खान (प्रोवोस्ट, बेगम अज़ीज़ुन निसा हॉल) ने पाठ्येतर गतिविधियों में भागीदारी के माध्यम से कौशल विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


फ़ौज़िया फ़रीदी (साहित्यिक और सांस्कृतिक वार्डन), रफ़ीदा सिद्दीकी (रेजिडेंट वार्डन और कार्यक्रम आयोजन सचिव) और डॉ मुनज्ज़ा नियाज़ ने बताया कि कैसे रचनात्मकता समस्या-समाधान में मदद करती है, जीवन में संतुष्टि में योगदान करती है और हमें उद्देश्य पर कार्य करने की भावना देती है।


डॉ जेड ए डेंटल कॉलेज के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में छात्रों, शिक्षकों और मरीजों को ‘हर घर तिरंगा’ और ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ अभियानों का पालन करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज दिए गए।


प्रोफेसर जी एस हाशमी (अध्यक्ष, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग) ने सभी से घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया।


समाजशास्त्र विभाग के शिक्षकों ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में अपनी देशभक्ति व्यक्त करने के लिए एक मानव श्रृंखला बनाकर एकता का प्रदर्शन किया।


प्रोफेसर शीरीन सादिक (अध्यक्ष) ने कहा कि इस अवसर को चिह्नित करने के लिए एक वृक्षारोपण अभियान और निबंध, एक्सटेम्पोर भाषण और पोस्टर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।


उन्होंने एक प्रेरक भाषण में संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।


जूलोजी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर मोहम्मद अफजाल ने ‘स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए संघर्ष’ पर एक व्याख्यान दिया और देश के विभिन्न हिस्सों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सक्रिय प्रसिद्ध नेताओं और क्रांतिकारियों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा अंग्रेजी और अन्य स्थानीय भाषाओं में संपादित कुछ प्रसिद्ध समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की भूमिका का भी उल्लेख किया।


उन्होंने युवाओं से स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और आदर्शों को अपनाने और राष्ट्र के लिए सेवा और बलिदान की भावना का प्रदर्शन करने का आग्रह किया।


विभाग के शिक्षकों और कर्मचारियों ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘हर घर तिरंगा’ पहल को चिह्नित करने के लिए आयोजित एक वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया। विभाग परिसर में 35 से अधिक पौधे रोपे गए।


‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम को चिह्नित करने के लिए जेएन मेडीकल कालिज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में स्नातकोत्तर और स्नातक मेडिकल छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।


हम्प्टी डम्प्टी स्कूल, चांदबाग में पीजी और 2019 और 2020 बैच के एमबीबीएस छात्रों द्वारा ‘टीबी से आजादी’ विषय पर एक नुक्कड़ नाटक और एक स्किट का मंचन किया गया, जिससे मोहम्मद जरगाम काजी ने एक परिचयात्मक भाषण दिया। नाटक में ट्यूबरक्लोसिस के शीघ्र निदान के महत्व पर प्रकाश डाला गया और जांच के लिए उपचार प्रोटोकॉल का पालन करने पर ज़ोर दिया गया।


डॉ चंदन कुमार तिवारी (जेआर-1) ने स्वतंत्रता दिवस मनाने के महत्व के बारे में बात की और विभिन्न बीमारियों से मुक्ति के विशेष संदर्भ में आजादी शब्द की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने मधुमेह के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि जीवनशैली, खान-पान में एक साधारण बदलाव और नियमित व्यायाम मधुमेह को रोकने में बड़ा बदलाव ला सकता है।


एमएसडब्ल्यू, श्रीमती शीबा खान और एमबीबीएस के छात्र मोहम्मद जारगाम काजी, मोहम्मद मजहर नासिर, हमजा मुजाहिद शेरवानी, मंताशा अहमद, मोहम्मद आदिल, तल्हा जावेद, आलिया चौहान, आयशा समदानी, साद हसन, उमर फारूक, ऋतिक शर्मा, राहुल अरोड़ा, नौसीन नेवरी, मोहम्मद सुफयान, इम्तियाज अंसारी ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।


उर्दू विभाग में, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया और गुल-ए-फानूस, आंवला, अर्जुन और जामुन के 24 से अधिक पौधे लगाए। उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तिरंगा भी लगाया।


पौधारोपण अभियान में उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद अली जौहर ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर सैयद मोहम्मद हाशिम और प्रोफेसर मोहम्मद ताहिर (अध्यक्ष, उर्दू विभाग, शिबली नेशनल कॉलेज, आजमगढ़) के साथ भाग लिया।


प्रोफेसर मोहम्मद शहाबुद्दीन साकिब ने अपने भाषण में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका और ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने में उनके बलिदान पर प्रकाश डाला।


कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुल्तान अहमद ने स्वतंत्रता आंदोलन कि घटनाओं पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ आफताब आलम नजमी ने आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा अभियान के महत्व को रेखांकित किया।


उर्दू अकादमी में वृक्षारोपण अभियान और हर घर तिरंगा जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि प्रोफेसर तारिक छतारी ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी कहानी ‘अपना घर’ भी प्रस्तुत की, जो देश की बहुलवादी विरासत और समकालिक मूल्यों पर आधारित है और गंगा जमुनी संस्कृति को रेखांकित करती है।


प्रोफेसर सगीर अफराहीम ने एक सत्र की अध्यक्षता की जिसमें डॉ आरिफ हसन खान और डॉ अब्दुल मोइद रशीदी ने देशभक्ति कवितायेँ पढ़ीं।


प्रोफेसर कमरुल हुदा फरीदी (निदेशक, उर्दू अकादमी) ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया और इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डाला।


अरबी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद समी अख्तर फलाही ने आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा अभियान के सात दिवसीय उत्सव की शुरुआत की। अपने संबोधन में, प्रोफेसर फलाही ने राष्ट्र के समग्र विकास में प्रत्येक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया।


उन्होंने कहा कि भारत ने सभी क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है और यह आज दुनिया के विकसित देशों के बीच खड़ा है। और यह केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि इसने अपने नागरिकों को अधिकतम व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित की।


प्रोफेसर मोहम्मद सनाउल्लाह नदवी ने सभी वर्ग के लोगों से एकजुट रहने और स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के महान आदर्शों को बनाए रखने के लिए सभी प्रयास करने का आग्रह किया।


प्रोफेसर अबू सुफियान इस्लाही ने छात्रों से सर सैयद के ‘असबाब-ए-बगावत-ए-हिंद’ और जवाहरलाल नेहरू की ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ को पढ़ने का आग्रह किया ताकि वे स्वतंत्रता आंदोलन के विभिन्न चरणों और उपाख्यानों से परिचित हो सकें।


एएमयू गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने ‘आजादी का अमृत महोत्स’ और ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम के उपलक्ष में प्रसिद्ध गीत ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ के विचारोत्तेजक शब्दों को गाकर देशभक्ति का जलवा बिखेरा।


श्रीमती आमना मलिक (स्कूल प्रिंसिपल) और अर्शी जफर खान (वाइस प्रिंसिपल) ने कहा कि स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी प्रसिद्ध देशभक्ति गीत गाने के लिए प्राथमिक वर्ग के छात्रों में शामिल हुए। शिक्षकों ने बाद में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर भी बात की।


एसटीएस स्कूल ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जिनमें प्रभात फेरी, क्राफ्ट एक्टिविटी, पेंटिंग और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कविता लेखन प्रतियोगिता और गायन और सस्वर पाठ प्रतियोगिता शामिल थी। विभिन्न वर्गों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक श्रेणी आधारित इन विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया।


एसटीएस स्कूल के प्राचार्य, श्री फैसल नफीस ने बताया कि प्रोफेसर परवेज नजीर (इतिहास विभाग, एएमयू) द्वारा ‘स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का महत्व’ पर एक व्याख्यान दिया गया।


अब्दुल्ला स्कूल में दूसरी से पांचवीं तक के छात्र-छात्राओं ने झंडा बनाने की गतिविधि में ‘हर घर झंडा’ अभियान और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का अवलोकन किया। बाद में एक प्रेरक भाषण में, उमरा ज़हीर (स्कूल अधीक्षक) ने छात्रों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।


उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 75 साल की यात्रा इस बात का प्रतिबिंब है कि हमें अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं और स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों पर कितना गर्व है।


एएमयू एबीके हाई स्कूल-गर्ल्स की छात्राओं ने भी ‘हर घर झंडा’ अभियान और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को चिह्नित करने के लिए कई कार्यक्रमों में भाग लिया।


डॉ सबा हसन (उप प्रधानाचार्य) ने कहा कि समारोह में छठी से दसवीं कक्षा की छात्राओं के लिए एक सुलेख प्रतियोगिता, नौवीं और दसवीं कक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय ध्वज, हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक’ पर भाषण प्रतियोगिता और छठी से आठवीं कक्षा के लिए ‘भारतीय झंडे का इतिहास’ पर एक निबंध प्रतियोगिता शामिल थी। उन्होंने आगे कहा कि यूएन नाज़नीन इस अवसर पर मानद अतिथि थीं और महताब अहमद प्रतियोगिता के निर्णायक थे।


एएमयू एबीके हाई स्कूल-बॉयज के छात्रों और शिक्षकों ने ‘हर घर झंडा’ अभियान और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को चिह्नित करने के लिए देशभक्ति बैनर और राष्ट्रीय ध्वज के साथ स्कूल से इमादुल मुल्क रोड तक मार्च निकाला।


स्कूल की प्रिंसिपल डॉ समीना ने बताया कि ‘राष्ट्रीय ध्वज, हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक’ पर भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें मोहम्मद शाहजेब (कक्षा दस) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, अरसलान अहमद (कक्षा नौ) ने दूसरा स्थान हासिल किया, अहमद फ़राज़ ने तीसरा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता के जज मोहम्मद जमील और फरहा नजम थे।


स्कूल के शिक्षक रईस अहमद, निदा उस्मानी और अफजाल अहमद ने छात्रों और स्कूल के कर्मचारियों से अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया।


------------------------


एएमयू में ‘विभाजन विभिषिका दिवस’ पर मौन मार्च का आयोजन


अलीगढ़, 14 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने 14 अगस्त, रविवार को भारत के विभाजन के कारण हुए कष्टों को याद करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के मौन मार्च के साथ ‘विभाजन विभिषिका दिवस’ मनाया गया।


डॉ अरशद हुसैन (कार्यक्रम समन्वयक, एनएसएस) ने कहा कि विभाजन के दौरान लोगों की पीड़ा को बांटने के लिए मौन मार्च शाम 5 बजे बाब-ए-सैयद गेट से शुरू हुआ। मार्च से पूर्व दो मिनट का मौन रखा गया। यह मार्च आर्ट्स फैकल्टी होते हुए सेंटेनरी द्वारा तक पहुंचा और बाब-ए-सैयद पर आकर समाप्त हुआ।


उन्होंने कहा कि मार्च सरकार के दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप आयोजित किया गया।


इससे पूर्व दिन में, एएमयू एनएसएस छात्र स्वयंसेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों और कार्यालय कर्मचारियों ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान और ‘आजादीका अमृत महोत्सव’ के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एनएसएस कार्यालय से लाल डिग्गी सर्किल तक प्रातः 7.30 बजे ‘प्रभात फेरी’ का आयोजन किया।


 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ