अलीगढ़, 2 अगस्तः उत्तर प्रदेश सरकार की डिजीशक्ति योजना के अंतर्गत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिसिन संकाय के मेधावी एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न और स्नातकोत्तर छात्रों को युवाओं के डिजिटल सशक्तिकरण में तेजी लाने के उद्देश्य से मुफ्त टैबलेट और स्मार्ट फोन दिए गए।
छात्रों को गैजेट्स वितरित करते हुए मुख्य अतिथि, अलीगढ आयुक्त, श्री गौरव दयाल (आईएएस) ने कहा कि इक्कीसवीं सदी की मांगों को स्वीकार करते हुए यूपी सरकार ने डिजिटल शिक्षा तक युवाओं की पहुंच को आसान बनाने के साथ ही उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक मानक स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि इन टैबलेट और स्मार्ट फोन के वितरण से छात्रों के बीच सरकारी विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में काफी मदद मिलेगी। समय-समय पर उनके साथ कई अन्य जानकारियां और अपडेट भी साझा किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मेडिसिन संकाय के डीन प्रोफेसर राकेश भार्गव ने कहा कि आवश्यक गैजेट्स तक पहुंच मेडिकल और डेंटल छात्रों को उनकी पढ़ाई में तनाव कम करने में मदद करती है क्योंकि उन्हें कई बड़ी पाठ्यपुस्तकों और मेडिकल पत्रिकाओं को पढ़ने और ट्यूटोरियल में भाग लेने की आवश्यकता होती है। इस के प्रयोग से शिक्षण कार्य अधिक दिलचस्प हो जाता है, और जब आप पढ़ाई के लिए सर्वाेत्तम उपकरणों का उपयोग करते हैं तो उत्पादकता भी बढ़ जाती है।
जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, प्रोफेसर शाहिद ए सिद्दीकी ने कहा कि प्रौद्योगिकी का युग सभी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है, खासकर स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में बिना स्मार्ट गैजेट्स के मेडिकल और डेंटल छात्रों को कठिनाई हो रही है।
नोडल अधिकारी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, डॉ आदिल रजा ने जोर दिया कि टैबलेट, स्मार्ट फोन और अन्य गैजेट एक डॉक्टर बनने की यात्रा को कम तनावपूर्ण और आसान बनाने के लिए हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ हिबा समी ने किया।
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विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष में जेएन मेडीकल कालिज में कार्यकर्मों का आयोजन
अलीगढ़, 2 अगस्तः विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी), जवां द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
मेडिसिन फैकल्टी के डीन, प्रोफेसर राकेश भार्गव ने उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया, जबकि सामुदायिक चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष, प्रोफेसर सायरा महनाज़ और प्रोफेसर अतहर अंसारी इस अवसर पर मानद अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अपने स्वागत भाषण में, प्रोफेसर सायरा महनाज़ ने स्तनपान के महत्व और इसके उपलक्ष में मनाये जाने वाले सप्ताह के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्व स्तनपान सप्ताह के लिए इस वर्ष की थीम ‘स्तनपान के लिए कदम बढ़ाएंः लोगों को शिक्षित करें और उन्हें सहयोग दें’ है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए इष्टतम स्तनपान महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान शुरू करने, जीवन के पहले 6 महीनों के लिए विशेष रूप से स्तनपान कराने और 2 साल या उससे अधिक उम्र तक स्तनपान जारी रखने की सलाह देते हैं। पोषण की दृष्टि से सुरक्षित पूरक (ठोस) भोजन की शुरूआत बच्चे के 6 महीने की उम्र में हो सकती है।
डॉ. तबस्सुम नवाब ने स्तनपान सप्ताह के दौरान होने वाली गतिविधियों से अवगत कराया जिसमें जवां में स्कूली बच्चों के लिए कार्यक्रम, जवां और सुमेरा गांवों में महिलाओं और किशोरियों के लिए स्वास्थ्य वार्ता, प्रश्नोत्तरी और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता, स्कूली बच्चों द्वारा रैली, सामुदायिक व्याख्यान और पैरामेडिकल और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए एक कार्यशाला का आयोजन शामिल हैं।
उन्होंने गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सी-सेक्शन वाली महिलाओं में स्तनपान की शुरुआत के बारे में एक स्वास्थ्य वार्ता भी दी और बताया कि परिवार के अन्य सदस्य महिला को इसके लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं।
इस अवसर पर प्रोफेसर अतहर अंसारी ने जोर देकर कहा कि नवजात शिशु के लिए स्तन का दूध एक संपूर्ण भोजन है और स्तनपान कराने पर माँ को विभिन्न स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
फैकल्टी ऑफ मेडिसिन, प्रोफेसर राकेश भार्गव ने नवजात शिशुओं को और विशेष रूप से प्री-मैच्योर नवजात शिशुओं को स्तनपान के लाभों के बारे में बताया और अपने नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने में असमर्थ माताओं के लिए ब्रेस्ट-मिल्क बैंक विकसित करने के महत्व पर भी जोर दिया।
प्रभारी सदस्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. उज्मा इरम ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया जबकि सीनियर रेजिडेंट डॉ. समीना अहमद, जूनियर रेजिडेंट्स डॉ. शाहनवाज, डॉ. इरम, डॉ. जुबैर, डॉ. असरा, डॉ. दानिश कमाल, डॉ. क़यामुद्दीन, डॉ. जाबिर, इंटर्न, मेडिको-सोशल वर्कर श्रीमती ज़किया, श्री तौसीफ़, श्री जावेद, श्री हसन कार्यक्रम में शामिल हुए।
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एमेजॉन द्वारा एएमयू छात्रों का चयन
अलीगढ़, 2 अगस्तः ई-कॉमर्स दिग्गज, अमेज़ॅन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अरबी विभाग के दो छात्रों को अकाउंट हेल्थ सपोर्ट विशेषज्ञ के रूप में नौकरी के लिए चयनित किया है।
प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी सामान्य, साद हमीद ने कहा कि चयनित छात्रों में एम सुलेमान और अहसान उल हक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अधिक विदेशी भाषा के छात्रों की भर्ती की जाएगी।
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ऑन-कैंपस प्लेसमेंट के उपलक्ष में वृक्षारोपण
अलीगढ़, 2 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सर रॉस मसूद हॉल ने दुबई स्थित खाद्य प्रसंस्करण बहुराष्ट्रीय निगम, इफको में हॉल में रहने वाले विश्वविद्यालय पॉलिटेक्निक के 18 छात्रों के चयन के उपलक्ष में एक कार्यक्रम का आयोजन किया और वृक्षारोपण अभियान शुरू किया।
चयनित छात्रों को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि एवं सहकुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि शीर्ष कंपनियों में रोजगार का अवसर मिलना गर्व का विषय है और जब इस सकारात्मकता को जीवन के अन्य हिस्सों में लाया जाता है तो यह एक आशीर्वाद बन जाता है। मुझे यकीन है कि हॉल के प्रोवोस्ट, वार्डन और रेजिडेंट छात्र इस अवसर के उपलक्ष में पौधे लगाकर दूसरों पर अच्छा प्रभाव छोड़ेंगे।
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रोफेसर मोहम्मद अल्तमश सिद्दीकी ने छात्रों से वृक्षारोपण के साथ अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी जारी रखने का आग्रह किया।
प्रोफेसर असफर अली खान (ओएसडी), प्रोफेसर मुबीन बेग (समन्वयक, बीई), मेजर मोहम्मद इसराइल (प्रोवोस्ट, सर रॉस मसूद हॉल), साद हमीद (टीपीओ-जनरल) और डॉ मोहम्मद फैसल खान (टीपीओ, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक) ने ऑन-कैंपस भर्ती अभियान में शामिल होने और पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए छात्रों से आग्रह किया।
प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी-जनरल साद हमीद ने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक छात्रों को जॉब प्लेसमेंट ड्राइव द्वारा रोज़गार के अवसर मिलेंगे। चयनित छात्रों को सेलिब्रेशन डिनर भी दिया गया।
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एएमयू फैकल्टी ने जर्मनी में शोध पत्र प्रस्तुत किया
अलीगढ़, 2 अगस्तरू अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक, डॉ सैफ उल्लाह खान ने हैम्बर्ग के तकनीकी विश्वविद्यालय, जर्मनी में हाल ही में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में इंजीनियरिंग समस्याओं और उनके अनुप्रयोगों में अनुकूलन की आवश्यकता और महत्व पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।
डॉ खान टीयूएचएच में ‘इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन कॉलम रिएक्टर में क्रोमेट रिमूवल के लिए सेंट्रल कम्पोजिट डिजाइन का उपयोग कर प्रक्रिया अनुकूलन’ विषय पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत कर रहे थे, जहां वे भारत-जर्मन विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) के पूर्ण यात्रा अनुदान पर गए थे।
कार्यक्रम में प्रख्यात भारतीय और जर्मन वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों द्वारा वार्ता भी शामिल थी।
खान औद्योगिक अपशिष्ट जल से भारी धातुओं को हटाने के साथ जल उपचार के क्षेत्र में योग्यता रखते हैं।