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चाटुकार शिक्षकों ही इसके ज़िम्मेदार, तारिक मंसूर ने एएमयू की गरिमा का गला घोंटा : जसीम मोहम्मद

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अमुटा एक लोकतांत्रिक संस्था है। एएमयू को इसमें हस्तक्षेप करना असंवैधानिक , एएमयू की गरिमा के विरुद्ध है।

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व मीडिया सलाहकार प्रो जसीम मोहम्मद ने एएमयू प्रशासन द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ को अपने अधिकार क्षेत्र में लेना असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा की, कुलपति तारिक मंसूर जो कर रहे है वो एएमयू शिक्षक संघ की गरिमा की हत्या है,  एएमयू कुलपति द्वारा एएमयू की सभी लोकतांत्रिक संगठनों को अपाहिज बनाना एक मंसूबे को तहत हो रहा है, इसके लिए ज़िम्मेदार भी कुछ दरबारी शिक्षक और दरबारी पुरातन शिक्षक में से ही हैं। एएमयू में अल्पबेतन में सियासत करते हैं। 


एएमयू कुलपति तारिक मंसूर का हमेशा से मंशा और नियत यही रही, एएमयू में अब कभी कोई लोकतांत्रिक संगठनों का चुनाव न हो। इसके लिए एएमयू शिक्षकों के अपने अधिकार और गरिमा को बचाने के लिए न्यायालय की दरवाज़ा खट खटाना चाहिए एवं फेडकुटा जैसे संगठनों के साथ मिलकर देश व्यापी आंदोलन चलानी चाहिए।

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