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आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अलीगढ़ स्टेशन बम कांड के नायकों को याद किया

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| आज ही के दिन 03 सितम्बर 1942 को घटित अलीगढ़ स्टेशन बम कांड के नायक देवदत्त कलंकी एवं उनके पिता भीमसेन शर्मा का योगदान आजादी की लड़ाई में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। पुलिस ज्यादती के कारण इस परिवार की असमय मृत्यु हो गयी।

         उक्त उद्गार अलीगढ़ खण्ड गंग नहर के अधिशासी अभियता पवन कुमार ने व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि अलीगढ़ में आजादी की लड़ाई 1804 में ही शुरू हो चुकी थी। पहला बलिदान उदैया साहब केे रूप में 19 सितम्बर 1807 में हुआ।

        महान स्वतंत्रता सेनानी देवदत्त शर्मा कलंकी एवं अपने परिवार द्वारा दी गयी कुर्बानियों की गाथा जब उनके पुत्र अशोक उपाध्याय ने सुनाई तो लोगों की ऑखें भर आयीं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एसडीओ वैभव शर्मा ने लोगों से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता आन्दोलन के बारे में जानें।

           इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सुरेश चन्द शर्मा, कामेश गौतम, सुरेन्द्र शर्मा, वीरेश चौधरी, बबली सिंह, श्रीमती शशि कौशिक, आभा वार्ष्णेय, धर्मवीर सिंह, रमेश चौहान, पवन कुमार सेठ का अधिशासी अभियंता पवन कुमार एवं इजीनियर वैभव शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन आजादी के अमृत महोत्सव के जिला समन्वयक सुरेन्द्र शर्मा ने किया।

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