*असहाय की मदद के लिए जिलाधिकारी बने प्रेरणास्रोत*
*डीएम बोले सप्ताह में एक कार्य परोपकार के दृष्टिकोण से करना चाहिए*
अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ़ 17 नवम्बर(सू0वि0) कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो...! दुष्यन्त कुमार की इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने। वैसे तो कोमल हृदय वाले जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के लिए किसी की मदद करना, सहारा बनना, कोई नई बात नहीं है। लेकिन आपकी थोड़ी सी पहल पर जिस व्यक्ति को जो फायदा पहुंचा है, उसको तो सारा जहान ही मिल गया। दरअसल हम बात कर रहे हैं सियाखास निवासी ओमवीर सिंह की। दो दिन पूर्व यह व्यक्ति जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह के पास आकर प्रार्थना कर अपनी वेदना व्यक्त करता है कि इस बुढ़ापे में उसका कोई सहारा नहीं है। आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। उसे आंखों से दिखाई भी नहीं दे रहा है जिससे वह अपना जीवन चलाने के लिए मजदूरी भी कर ले। फिर क्या था, डीएम इन्द्र विक्रम सिंह की मानवीयता जाग उठी, उन्होंने ओमवीर सिंह को अपनी ही गाड़ी से गांधी नेत्र चिकित्सालय भिजवाया प्रशासनिक अधिकारी मधुप लहरी ने निर्देश पाकर गांधी नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सकों से ओमवीर सिंह की आंखों की जांच कराई और ऑपरेशन भी कराया। वह भी पूरी तरह निशुल्क। आज ओमवीर सिंह अपनी दोनों आंखों से पूरी तरह से अच्छे से देख सकते हैं और उनकी आंखें ठीक हो गई है। ओमवीर कहते हैं कि ज़िला कलक्टर इन्द्र विक्रम सिंह धरती पर साक्षात भगवान का रूप हैं।
डीएम इन्द्र विक्रम सिंह पूर्ण सेवा भाव से निरन्तर कार्य करते हुए अन्य जिलास्तरीय अधिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। उनका कहना है कि शासकीय पद पर रहते यदि आप लोक सेवा भाव से कार्य करते हैं तो ख्याति के साथ ही आप बेसहारा की मदद कर पुण्य कमा सकते हैं। डीएम का कहना है कि कम से कम सप्ताह में एक कार्य परोपकार के दृष्टिकोण से करना ही चाहिए।
डॉ0 मधुप लहरी बताते हैं कि डीएम साहब व्यक्तिगत दिलचस्पी लेकर समाधान नहीं करते बल्कि फोन से बात करके भेजे हुए मरीज की सेहत की जानकारी भी प्राप्त करते हैं। बहुत से इलाज में हमें कुछ सामान और अन्य दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती है इसके लिए वह कहते हैं कि पैसे की कमी पड़े तो हमसे मंगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी महोदय जैसे अधिकारी बहुत कम होते हैं जो पीड़ित लोगों की तन, मन और धन से मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि ओमवीर सिंह का इलाज निशुल्क और बहुत उत्तम तरीके से किया गया है। ओमवीर को स्टॉफ द्वारा ही खाना और दवाई दी जा रही है क्योंकि परिवार का कोई भी सदस्य उनका हालचाल पूछने तक नहीं आया। डॉ0 साहब ने बताया कि ये पहला अवसर नहीं है जिसमें जिलाधिकारी ने ऐसे असहाय लोगों की मदद की है, इससे पहले भी उनके दिशा निर्देशानुसार 2 अक्टूबर को राहत शिविर लगाया गया था। शिविर में 117 लोगों की ऑंखों का सफल आपरेशन किया गया था।