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श्री वार्ष्णेय मंदिर में अक्षय नवमी पर आंवला पूजन 2 नवंबर को |Aligarh Adhyatm

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ| अलीगढ के के मध्य स्थित भव्य श्री वार्ष्णेय मंदिर पर अक्षय नवमी के शुभ अवसर पर आंवला पूजन व तुलसी माता का पूजन व परिक्रमा कार्यक्रम 2 नवम्बर 2022 दिन बुधवार को प्रातः 9 बजे से रहेगा। श्री वार्ष्णेय मंदिर के प्रवक्ता भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार हमारे ब्रज क्षेत्र ही नही अपितु सम्पूर्ण भारतवर्ष में गोपाष्टमी के अगले दिन अर्थात श्री अक्षय नवमी को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह दो नवंबर को मनाया जाएगा। आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आंवले के पेड़ में सदैव भगवान विष्णु वास करते हैं। आंवला नवमी पर लोग पवित्र नदी में स्नान, ध्यान, दान आदि करके भगवान से हर मनोकामना को पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं । 


श्री वार्ष्णेय मंदिर के महंत पंडित मनोज मिश्रा ने बताया कि आंवला के पेड़ में जहां भगवान विष्णु वास करते हैं वहीं दूसरी तरफ इसकी छाया में भोजन करने और आंवले के सेवन से शरीर व मन दोनों ही ठीक रहता है। इसी कारण से इसे आंवला नवमी भी कहते हैं। आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ के नीचे पका हुआ भोजन खाने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें भोग में आंवला जरूर चढ़ाएं। आंवले के पेड़ की 108 परिक्रमा कर दान करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है । परिवार कष्टों से दूर रहकर निरोगी  रहता है । साथ मे तुलसी माता की भी पूजा की भी परम्परा है । 

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