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AMU Breaking| मैत्री मैच में हिंसक हमले के संबंध में फेक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नदीम तरीन हाल में क्रिकेट मैच के दौरान हुई हिंसक घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया गया है, जिसमें एक छात्र के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। कमेटी में प्रो. हशमत अली खान संयोजक के रूप में और प्रो. अरशद हुसैन खान और श्री अजय बिसरिया सदस्य के रूप में शामिल हैं।


एएमयू प्रॉक्टर प्रो मुहम्मद वसीम अली ने कहा कि मामले की जांच कर रही कमेटी पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट देगी। उन्होंने यह भी बताया कि घायल छात्र के साथ कथित तौर पर मारपीट करने वाले छात्र को तुरंत निलंबित कर दिया गया है और विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आगे की पूछताछ जारी है।


घायल छात्र को बेहोशी की हालत में तुरंत जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ले जाया गया और अब उसकी हालत स्थिर है।


कथित हमलावर और घायल दोनों एएमयू के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं।


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समाजशास्त्र विभाग में दीक्षारंभ का आयोजन किया

अलीगढ़, 19 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग ने बीए और एमए प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए दीक्षारंभ यानी स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया।

उद्घाटन सत्र के रिसोर्स पर्सन अपर जिला जज श्री महेशानंद झा ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें बहुमूल्य सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान छात्रों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हैं।


दूसरे सत्र में शिक्षकों व छात्रों ने आपसी संवाद किया और छात्रों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए।


इंडक्शन कार्यक्रम को अलीगढ़ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बृजिंदर सिंह यादव ने भी संबोधित किया। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं और राष्ट्र निर्माण में एएमयू की अहम भूमिका पर जोर दिया।


समाजशास्त्र विभाग की चेयरपर्सन प्रो शिरीन सादिक ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि दीक्षारंभ का उद्देश्य नए छात्रों को विश्वविद्यालय की परंपराओं, शिक्षण प्रणाली और सुविधाओं से परिचित कराना है।


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जेएन मेडीकल कालिज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने जीते पुरस्कार

अलीगढ़, 19 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के त्वचा रोग विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने गोरखपुर में आयोजित 40वें वार्षिक सम्मेलन ‘आईएडीवीएल- क्यूटिकॉन’, यूपी-यूके 2022 में अवार्ड पेपर, फ्री पेपर, पोस्टर और क्विज प्रतियोगिताओं में प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किये हैं।


 


अवार्ड पेपर प्रतियोगिता में डॉ हानिया कमर ने प्रथम पुरस्कार जीता। उन्होंने पोस्टर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया। डॉ साइमा नाज ने फ्री पेपर प्रस्तुति में दूसरा पुरस्कार जीता, जबकि डॉ मोनिका कुलहरी पुरस्कार पेपर प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहीं।


क्विज प्रतियोगिता में डॉ. सायमा व डॉ. मोनिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दोनों रेजीउेंट्स ने नेशनल आईएडीएस और जीएसके नेशनल क्विज प्रोग्राम फॉर पोस्ट ग्रेजुएट्स (आईजीएनक्यूपीपी) 2022-23 के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है।


त्वचा रोग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद सुहेल अमीन ने रेजीडेंट्स चिकित्सकों द्वारा हासिल किये पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ये पुरस्कार रेजिडेंट डॉक्टरों की कड़ी मेहनत और प्रयासों का परिणाम हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी उपलब्धियां अन्य रेजीडेंट चिकित्सकों दूसरों को भी प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगी।


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एएमयू कोर्ट व एकेडमिक काउंसिल के नए सदस्य नियुक्त


अलीगढ़, 19 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मल्लापुरम केंद्र की विधि इकाई के समन्वयक डॉ शाहनवाज अहमद मलिक को एएमयू कोर्ट और अकादमिक परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

इसके अलावा, मल्लापुरम केंद्र की विधि इकाई के शिक्षक अखलाकुल आजम को भी अकादमिक परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है|

कुलपति ने जेएन मेडीकल कालिज के डायबिटीज राजीव गांधी केंद्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टाइप वन डायबिटीज का उद्घाटन किया

अलीगढ़, 19 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में मधुमेह प्रबंधन व्यवस्था के अंतर्गत टाइप वन मधुमेह के लिए उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन को कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर द्वारा किया गया।


राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलाजी और नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन, बैंगलोर के बीच एक समझौते के तहत डायबिटीज के क्षेत्र में उपचार प्रबंधन को आगे बढ़ाने और टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों के लिए एक बेहतर स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए इस केंद्र की स्थापना की गयी है।


कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि नया केंद्र उच्च गुणवत्ता वाली मधुमेह देखभाल सुनिश्चित करने में सहायता करेगा और जरूरतमंद लोगों को इंसुलिन की आसान आपूर्ति की व्यवस्था करेगा क्योंकि यह सहूलत सभी वंचित लोगों, विशेष रूप से बच्चों को, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर बहुत अधिक निर्भर हैं, उनकी पहुंच सही इलाज तक नहीं है।


उन्होंने जा़ेर देकर कहा कि जेएनएमसी बड़ी संख्या में मधुमेह के रोगियों का उपचार कर रहा है, जो सीओई से लाभान्वित होंगे और चूंकि राजीव गांधी सेंटर फॉर डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मानदंडों को पूरा करता है, इसलिए यह सही समय है कि हमें यहां एक सुपरस्पेशियलिटी डीएम एंडोक्रिनोलॉजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए जोर देना चाहिए।


मेडिसिन फैकल्टी के डीन, प्रोफेसर एम.यू रब्बानी ने टाइप वन मधुमेह रोगियों के उचित प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि इसकी कमी से पुरानी जटिलताएं तीव्र हो सकती हैं।


जेएनएमसी प्रिंसिपल, प्रोफेसर राकेश भार्गव ने टाइप वन मधुमेह और अन्य पुरानी बीमारियों के प्रबंधन के लिए अच्छी शिक्षा और टीम वर्क का आह्वान किया।


स्वागत भाषण में निदेशक राजीव गांधी मधुमेह एवं एंडोक्रिनोलॉजी केंद्र, डा हामिद अशरफ ने कहा कि टाइप वन मधुमेह वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है और दुर्भाग्य से ऐसे कई रोगी 30 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले ही मर जाते हैं। इस परिदृश्य में, यह आशा की जाती है कि नव स्थापित केंद्र टीवनडी जटिलताओं के लिए भविष्य कहने वाले मार्करों और चिकित्सीय लक्ष्यों की पहचान करने का कार्य करेगा। उन्होंने आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए श्री जगजीत सिंह और नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन की टीम का आभार व्यक्त किया।


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