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यहां, पुलिस की लचर कार्यशैली से खूनी संघर्ष में बदल रहे छोटे विवाद, सीओ और SHO को हटाओ..साहब!

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गजेंद्र कुमार,अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, हरदुआंगज : पीड़ित को न्याय मिले अपराध करने वालों की कुंडली कंगाल उस पर सख्त एक्शन हो। अपराधियों के मन में कानून का भय बना रहे। और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐसे निर्देश हैं। मगर जब पुलिस ही लचर कार्यशैली अपनाए, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हों और वह अपराध दर अपराध करते जाएं। पीड़ित कहां जाए, कैसे जीवन रक्षा करे।  

जबकि वर्तमान में हरदुआंगज कस्बा व क्षेत्र में छोटे विवादों को बड़ा बनने में पुलिस लचर शैली खाद बीज का काम कर रही है। तीन घटनाओं से समझें। अगर इन मामलों में पुलिस एक्शन ले लेती तो खूनी रंजिश ना होती।

*घटना एक*: पहला सीन- दिनांक 17.8.22 को गांव ग्वालरा के लवकेश उर्फ गोलू व भवनगढ़ी निवासी बंटी बीच विवाद होता है। गोलू ने बंटी व उसके अज्ञात चार साथियों पर तमंचे की नौकपर घर से उठाकर पिटाई करने का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा संख्या 0245/22 जानलेवा हमले की धाराओं में दर्ज। किया गया। पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की, चंददिन बाद जानलेवा हमले की धारा हटाकर इतिश्री कर ली। 

*दूसरा सीन* : दिनांक 3 नवंबर 2022 की शाम गांव भवनगढ़ी में  हथियारबंद बाइकर्स  सरेशाम फायरिंग करते हुए योगेश पुत्र जयवीर को पीटकर घायल कर देते हैं। और कोई नहीं ग्वालरा का लवकेश उर्फ गोलू,अमन,दिवाकर व कलाई के शनि, रिंकू थे। स्वजनों का दावा था कि ये गोलू से मारपीट का प्रतिशोध लेने बंटी की तलाश में भवनगढ़ी पहुंचे थे। बंटी नहीं मिला तो योगेश पुत्र जयवीर को पीटकर गंभीररूप से घायल कर दिया गया। इस मामले जानलेवा हमले कि धारा (307) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।मगर गिरफ्तारी कोई नहीं होती, कुछ दिन बाद जानलेवा हमले की धारा हटाकर महज 151 की कार्यवाही कर इतिश्री कर ली जाती है। जबकि बंटी व लवकेश के बीच छोटा विवाद बड़ा रूप ले सकता है आशंका जताते हुए पुलिस पर सवाल उठे थे। 

*तीसरा सीन* दिनांक 28.12.2022 को साधुआश्रम से घर जाते बंटी को गोली मार दी गई। बंटी का मेडिकल में उपचार जारी है। यदि पुलिस पहली या दूसरी घटना होते ही एक्शन मोड़ में आ जाती तो शायद ये खूनी रंजिश की नींव पड़ने से बच जाती। क्योकि कलाई ग्वालरा क्षेत्र कुछ साल पहले तक रोबी व कालू की खूनी रंजिश से दहलता रहा है। रॉबी-कालू जेल में हैं। अब लोग इन दोनों गुटों को रोबी - कालू का अपडेट वर्जन कह रहे हैं। 

*अन्याय पर अन्याय नहीं मिला न्याय*

*घटना नम्बर दो* : हरदुआंगज निवासी दिव्यांग सुमित बैरामगढ़ी बम्बा के पास मोमोज बेचकर परिवार पालता है। आरोप के मुताबिक बैरामगढ़ी का मोंटी व हरदुआंगज का शिवम सुमित से दारू लिए जबरन रुपये मांगते थे। तारीख 7.12 .22 को सुमित ने रुपये देने से मना  किया तो उसे पीटते हुए चाकू मारकर घायल कर दिया जाता है। पुलिस सुमित की डॉक्टरी कराकर मुकदमा संख्या 0390/22 लिखकर नामजदों पर 151 की कार्रवाई की जाती है।

*दूसरा सीन* पुलिस की लचर शैली के बीच रिपोर्ट लिखाना सुमित व उसके परिवार के लिए अभिशाप बन गया। गुंडे फैसला के लिए धमकाने लगे यहां तक कि 23.12.22 को मंडी के सामने सुमित को कार से कुचलने के प्रयास किया गया, पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी दी। थाने में सुनवाई न हुई।

*तीसरा सीन*  24.12.22 को शाम 7:00 बजे शिवम पांच अन्य हथियारों से लैस साथियों के साथ सुमित के घर जा पहुंचा। सुमित व उसके भाई की पत्नी को पीटा गया। महिलाओं ने किसी तरह जान व आबरू बचाई 1090 पर फोन किया, पुलिस के साथ थाने पहुंची जहां से फटकार दिया गया। छेड़छाड़ पीड़ित व उसका पति बस के नीचे कूदने को आमदा हुए तब जाकर छेड़छाड़ आदि की धाराओं में मुकदमा संख्या 0419/22 दर्ज किया गया। पीड़िता का बिना डॉक्टरी परीक्षण कराए घर भेज दिया गया। अब भी पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा है। पुलिस यदि पहली शिकायत पर सख्त एक्शन लेती तो शायद दूसरी घटना न होती। अभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए और भी नुकसान पहुंचा सकते है,  इसका अंत खूनी वारदात भी हो सकता है।

*पुलिस की नरमी से टूट गई दीवार*

*घटना नंबर तीन* : क्षेत्रीय श्रीगांधीआश्रम बन्नादेवी अलीगढ़ के मंत्री द्वारा उत्पत्ति केंद्र हरदुआंगज  की  बेसकीमती करीब चार बीघा जमीन व भवन दुकान इत्यादि सहित को दो करोड़ दो लाख रुपये में  तत्कालीन चेयरमैन तिलकराज यादव के पुत्र लोरिकराज यादव पुत्र के नाम 29 वर्ष की लीज कर देने पर पूर्व चेयरमैन राजेश यादव विरोध उतर गए। 21 अगस्त को एसडीएम कोल ने खादी आश्रम में हो रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया था।  जिला प्रशासन, खादी ग्रामोद्योग आयोग से लेकर सरकार तक शिकायत हुई। खादी आयोग व उपजिलाधिकारी कोल ने लीज को गलत करार दिया तो संस्था के मंत्री अंतरिम राहत पाने  को हाईकोर्ट जा पहुंचे, जहां याचिका खारिज हो गई। अब याचिका में पार्टी बनाए गए राजेश यादव, पत्रकार प्रवीण कुमार, खादी आयोग के चेयरमैन, मंडलीय निदेशक मेरठ से हाईकोर्ट ने पक्ष मांगा है। शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई होकर निर्णय आने का सभी को इंतजार है।

इस बीच तिलकराज यादव इस जमीन को हथियाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं, कभी गेट लगाने का प्रयास, ढाबा हटवाकर दुकान दौड़ने व दूसरे ढाबा संचालक को जबरन हटाने के मामले थाने पहुंचे हैं, पुलिस ने दौड़कर स्थिति संभाली है। कई बार थाने में हिदायतों का दौर दुकान की चाबी जमा कराने की कार्रवाई चर्चा का विषय रही है। 

इन दिनों निकाय चुनाव की सरगर्मी है। राजेश यादव व तिलकराज यादव दोनों चुनाव के दावेदार व एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी हैं। 

दिनांक 29.12.22 को तिलकराज यादव ने गाँधीअश्रम के पिछले हिस्से की दीवार तुड़वा दी। जिसपर राजेश यादव ने समर्थकों संग थाने पहुंचकर तहरीर देकर गुस्सा व्यक्त किया।

राजेश यादव का तर्क था कि जमीन नोन-जेडए स्वरूप की है, लीज विवादित होकर हाईकोर्ट में विचाराधीन है, अंतरिम राहत मिली नहीं है। अब दबंगई के बल पर दीवार तोड़ दी गई। इस हिमाकत में पुलिस द्वारा शह देने के आरोप हैं। शुक्रवार को एसडीएम कोल भी जांच करने पहुंचे। मामले में बड़े विवाद की आशंका से इंकार नहीं किया सकता। मामले में स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि हरदुआगंज थाना पुलिस यह सब सीओ अतरौली की सह पर कर रही है। इसलिए यहां से थानाप्रभारी समेत सीओ को भी हटाकर नए साल में नए व्यक्ति को तैनात करना चाहिए।

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