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धर्म समाज महाविद्यालय में प्रबन्धक के रूप में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुॅचे जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की पहली क्लास, देखिए

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*डीएम ने डीएस कॉलेज का किया निरीक्षण*

*परिसर समेत शौचालयों में साफ-सफाई के दिये निर्देश*

*डीएम ने छात्र व शिक्षक दोनों भूमिकाओं का किया निर्वहन*

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ 02 दिसम्बर 2022(सू0वि0) जनपद के लोकप्रिय जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह को जब भी मौका मिलता है वह छात्र-छात्राओं के मध्य पहुंचकर न केवल सम्बन्धित विषय के बारे में पढ़ाते हैं बल्कि प्रशासनिक कार्यो के बारे में समझाते हुए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाकर बच्चों को लक्ष्य निर्धारण करने में सहयोग भी प्रदान करते हैं। विगत दिनों डीएम द्वारा डीएवी एवं रघुनंदन इण्टर कॉलेज में छात्राओं के मध्य अध्यापन कार्य कराया गया।

अपनी प्रशासनिक व्यस्तताओं के मध्य डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने शुक्रवार को धर्म समाज डिग्री कालेज पहुंच विद्यार्थियों को पढ़ाया। धर्म समाज महाविद्यालय में प्रबन्धक के रूप में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुॅचे जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह को प्रधानाचार्य आर0के0 वर्मा ने बताया कि विद्यालय में कुछ पाठ्यक्रमों में परीक्षाएं चल रहीं हैं, जबकि कुछ में कक्षाएं संचालित हो रहीं हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं के परिसर में बाहर बैठने पर सवाल उठाया तो बताया गया कि अध्यापक कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी पर तैनात हैं। इस पर उन्होंने प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि अध्यापन एवं परीक्षा कार्यक्रम में शिक्षकों की इस प्रकार तैनाती करें कि कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के शौचालय व टॉयलेट में साफ-सफाई की समस्या के सम्बन्ध में अवगत कराया। इस पर जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य को सम्पूर्ण विद्यालय परिसर समेत शौचालयों की समुचित साफ-सफाई कराने के निर्देश दिये। 

परिसर भ्रमण के उपरान्त जिलाधिकारी ने क्लासरूम का रूख किया और छात्र-छात्राओं से उनके अध्ययन व अध्यापन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए काबिल होने के लिये पढ़ें। पढ़ाई का कोई शॉर्टकट नहीं होता, किसी भी विषय के अध्ययन में उसकी पूरी जानकारी लें। परीक्षाफल में नम्बर एवं परसेंटेज का महत्व न देते हुए विषय पर अपनी पकड़ बनाएं, परीक्षाफल आपकी अपेक्षा से भी बेहतर प्राप्त होगा। अध्ययन के लिये नये आयाम बनाकर अपनी सोच के स्तर को बढ़ाएं। अध्ययन कार्य को प्रासंगिक बनाते हुए उसे अपने दैनिक रूटीन में शामिल करें। 

जिलाधिकारी भ्रमण करते हुए एमए हिन्दी की कक्षा में पहुॅचे वहां उन्होंने एक छात्र की भांति बच्चों के साथ बैठकर अध्ययन कार्य किया। जब डीएम क्लासरूम में पहुॅचे तो शिक्षक ’’कामायनी’’ का इडा सर्ग पढ़ा रहे थे। उन्होंने एक एकाग्र छात्र की भांति उसको सुना और उसके उपरान्त शिक्षक की भूमिका निभाते हुए छात्र-छात्राओं को हिन्दी विषय का पाठ पढ़ाया। उन्होंने ’’निराला’’, ’’जय शंकर प्रसाद’’ के विषय में सवाल भी किये। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को बताते हुए कहा कि एक कुशल शिक्षक वही है जो अपने कमजोर से कमजोर विद्यार्थी से भी उसका शत-प्रतिशत निकालते हुए उसे सफलता की राह पर अग्रसर करे। छात्र-छात्राओं ने बताया कि जिलाधिकारी को एक शिक्षक के रूप में सामने देखना एक अनूठा अनुभव है। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है, यह उनके जीवन का विशेष दिन रहा और यह आगे बढ़ने में हमेशा प्रेरणादायी रहेगा। 

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