अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडीकल कालिज में आंतरिक शिकायत समिति के सहयोग से एड्स दिवस के अवसर पर आज एड्स जागरूकता कार्यक्रम और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि चिकित्सका अधीक्षक प्रोफेसर हारिस मंजूर खान ने महिलाओं के समान अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिये समाज में हो रहे भेदभाव को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कार्यस्थल या कहीं भी महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने का आव्हान किया।
डॉ. अब्दुल वारिस, डीएमएस, जेएनएमसीएच ने भी इस अवसर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर जेएनएमसीएच के रिसेप्शन हॉल में एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया जिसका विषय लड़की और महिलाओं के साथ भेदभाव पर आधारित था। जिसमें दो अलग-अलग परिवारों की लड़कियों को चित्रित किया गया। बिना किसी भेदभाव के घरवालों से अच्छा व्यवहार हासिल करने वाली लड़की आखिरकार आईएएस अधिकारी बन गई और दूसरी लड़की जिसे घरवालों और ससुराल वालों के भेदभाव का शिकार होना पड़ा। अशिक्षित होने के कारण समस्याओं से घिर गई।
नाटक के पात्रों द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को समान अधिकार का संदेश दिया गया। इसमें 200 से अधिक कर्मचारियों, छात्रों और मरीज के परिचारक ने भाग लिया।
उक्त नाटक में जेएनएमसीएच के जिन कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया उनमें सुश्री हुमा रूही, सहायक, नर्सिंग अधीक्षक, सुश्री बबीता, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी, श्रीमती निसार, वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी, सुश्री साइमा समी, नर्सिंग अधिकारी, श्री इमरान, नर्सिंग अधिकारी, श्री आशिक, नर्सिंग अधिकारी, डॉ. निहारिका त्यागी, जेआर, ओब्सटेट्रिक एण्ड गायनाकोलोजी डॉ. मुबश्शिर, जेआर, ओब्सटेट्रिक एण्ड गायनाकोलोजी, डॉ. फैजान, जेआर, ओब्सटेट्रिक एण्ड गायनाकोलोजी, डॉ. सिफत तनवीर, जेआर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, डॉ. रशिका, जेआर, ओब्सटेट्रिक एण्ड गायनाकोलोजी, डॉ. रोहित एस. राजू, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग शामिल हैं।
नुक्कड़ नाटक के बाद, विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आंतरिक शिकायत समिति, द्वारा मेडीसिन विभाग के सहयोग से एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. हिबा समी, सहायक प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जेएनएमसी इस कार्यक्रम की अतिथि वक्ता थीं। उन्होंने एचआईवी परीक्षण, प्रसार के तरीके और एआरटी केंद्र से प्रारंभिक उपचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति, खासकर एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिये।
मुख्य अतिथि प्रो हारिस मंजूर खान द्वारा इस अवसर पर स्किट में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को विशेष प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये गये।
प्रो. सीमा हकीम, पीठासीन अधिकारी, आईसीसी ने स्वागत भाषण दिया और आईसीसी की सदस्य डॉ. सुबूही अफजल ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। इस दौरान श्रीमती आदिला सुल्ताना व श्री जावेद सईद, आईसीसी सदस्य भी उपस्थित रहे।
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दवाखाना तिब्बिया कालेज में नई गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन
अलीगढ़, 2 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दवाखाना तिब्बिया कॉलेज में एक नई अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया जहां यूनानी दवाओं का उत्पादन अब सबसे उन्नत गुणवत्ता नियंत्रण तकनीकों और संवेदी और विश्लेषणात्मक निरीक्षणों वाले उपयुक्त मानकों के साथ किया जाएगा।
गुणवत्ता नियंत्रण लैब का उद्घाटन करते हुए, एएमयू रजिस्ट्रार, श्री मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने जोर देकर कहा कि चूंकि पारंपरिक औषधीय सामग्री और उत्पाद की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है, इसलिए यह जरूरी है कि हम यूनानी दवा की गुणवत्ता के स्तर को और ऊपर उठाएं। यह आवश्यक है कि पारंपरिक दवाओं की गुणवत्ता को रासायनिक रूप से संश्लेषित दवाओं की तरह नियंत्रित किया जाये।
उन्होंने दवाखाना तिब्बिया कॉलेज में निर्माण सुविधा का दौरा किया और यूनानी दवाओं के लिए गुणवत्ता नियंत्रण उपकरण के रूप में नई तकनीकों का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस पर विचार साझा किए।
श्री इमरान ने यूनानी उत्पादन को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के उपाय भी सुझाए।
दवाखाना तिब्बिया कॉलेज की मेम्बर इंचार्ज प्रोफेसर सलमा अहमद ने कहा कि हम इस गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला को यूनानी दवाओं के सुरक्षा मानकीकरण, प्रभावकारिता और शक्ति के लिए एक पूर्ण अनुसंधान और विकास केंद्र के रूप में विकसित करने का इरादा रखते हैं।
प्रोफेसर सलमा, कार्यवाहक महाप्रबंधक, दवाखाना तिब्बिया कॉलेज, श्री तौफीक अहमद और सहायक प्रबंधक मोहम्मद शारिक आजम और हकीम अब्दुल्ला के साथ श्री इमरान ने दवाखाना में नई लैब और अन्य सुविधाओं को देखा।
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‘कम्प्यूटरीकृत सिलाई मशीन‘ पर कार्यशाला और व्यवहारिक प्रशिक्षण
अलीगढ़, 2 दिसंबरः अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के विमेंस पॉलिटेक्निक ने शिक्षकों और कॉस्टयूम डिजाइन और ड्रेस मेकिंग में डिप्लोमा के द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया।
उत्पाद प्रबंधक और कुशल प्रशिक्षकों ने कम्प्यूटरीकृत मशीन 450ई उषा-जेनोम के कार्यों के बारे में समझाया, जिसमें आरेखण और कढ़ाई में रेखा कला पर व्यावहारिक प्रशिक्षण, पिछले मॉडल की तुलना में 5 गुना तेज स्कैनिंग, हाई डेफिनिशन एलसीडी डिस्प्ले शामिल है। प्रशिक्षकों ने अन्य उपयोगकर्ता के अनुकूल कार्यात्मक और तकनीकी पहलुओं का भी प्रदर्शन किया।
कार्यशाला में डिप्लोमा कॉस्टयूम डिजाइन एंड गारमेंट टेक्नोलॉजी के शिक्षकों, तकनीकी कर्मचारियों और इंटीरियर डेकोरेशन और इंजीनियरिंग के एडवांस डिप्लोमा के छात्रों ने भाग लिया।
डा शीबा मंज़ूर (ओएसडी-सीडी और डीएम सेक्शन) ने कहा कि उपस्थित लोगों ने विभिन्न कपड़ों पर पुष्प और पारंपरिक रूपांकनों के आकर्षक कढ़ाई के नमूने सीखे और तैयार किए।
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जेंडर रिस्पॉन्सिव बजटिंग (जीआरबी)‘ पर कार्यशाला
अलीगढ़, 2 दिसंबरः भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित जेंडर रेस्पॉन्सिव बजटिंग (जीआरबी) विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला 21 से 23 दिसंबर तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उन्नत महिला अध्ययन केंद्र में आयोजित की जाएगी।
महिला अध्ययन उन्नत केंद्र की निदेशक, प्रोफेसर अज़रा मुसवी ने बताया कि कार्यशाला केंद्र और राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, कॉर्पाेरेट क्षेत्र, पीआरआई और उत्तर प्रदेश स्थित गैर सरकारी संगठनों के अधिकारियों को नियोजन प्रक्रिया में लैंगिक पहलुओं को शामिल करने के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
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व्यावसायिक विकास और सामाजिक उद्यमिता पर कार्यशाला
अलीगढ़, दिसंबरः डा रूहा शादाब, संस्थापक सीईओ, लेडबी फाउंडेशन ने जटिल सामाजिक चुनौतियों पर चर्चा की और बताया कि कैसे सामाजिक उद्यमी तेजी से विविध और एक दुसरे पर निर्भर दुनिया में आवश्यक कौशल और स्वभाव विकसित करने में लोगों की मदद करने के लिए नेतृत्व के अंतराल को भरने में मदद कर सकते हैं।
वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के फ्रैंक एंड डेबी इस्लाम एंटरप्रेन्योरशिप इनक्यूबेशन सेंटर (एफडीआईईआईसी) में ‘पेशेवर विकास और सामाजिक उद्यमिता‘ विषय पर आयोजित कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन के रूप में बोल रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन (एफडीआईईआईसी) ने लेडबाई फाउंडेशन के सहयोग से किया।
डा रुहा ने एक सामाजिक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा के उपाख्यानों को साझा किया और बताया कि कैसे उनकी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की शिक्षा और नीति आयोग, क्लिंटन हेल्थ इनिशिएटिव और गेट्स फाउंडेशन में प्राप्त अनुभव ने उन्हें सामाजिक उद्यमिता का नेतृत्व करने के लिए उपकरण प्रदान किए।
उन्होंने छात्राओं से उपयोगी योगदान करने के बारे में सोचने का आग्रह किया और पेशेवर कौशल को सुधारने के लिए उन्हें एलईडीबी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि पेशेवर प्रशिक्षण और सलाह की मदद से वंचित वर्गों की महिलाएं अगली पीढ़ी की महिला परिवर्तनकर्ता बन सकती हैं।
डा अहमद फ़राज़ खान ने सत्र के प्रमुख बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया और समस्या वाले मुद्दों को जल्दी और स्पष्ट रूप से समझने के लिए सुझाव दिया।
उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने वाली छात्राओं से मेंटर्स की सलाह के साथ अपनी रूचि और क्षमता वाले क्षेत्रों का पता लगाने का आग्रह किया।
स्वागत भाषण में, मोहम्मद माज हुसैन (इनक्यूबेशन मैनेजर, एफडीआईईआईसी) ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना और उन्हें प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान करना है।
उन्होंने औपचारिक कार्यबल, शिक्षा और व्यवसाय में भारतीय मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने पर ध्यान देने का आह्वान किया। बाद में माज हुसैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।