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यह आवश्यक नहीं कि हमें किसी कार्य अथवा शोध में प्रथम बार में ही सफलता मिल जाए: पंकज

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*डीडीओ ने नव प्रदर्शनी एवं नवप्रवर्तन जागरूकता कार्यशाला का किया शुभारम्भ*

*आईआईएमटी काॅलेज में जिलास्तरीय कार्यक्रम सम्पन्न*

*प्रथम, द्वितीय, तृतीय समेत तीन नवप्रर्तकों को दिये सात्वना पुरस्कार*


अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ 20 जनवरी 2023 (सू0वि0)। जिला विकास अधिकारी भरत कुमार मिश्र एवं सचिव आईआईएमटी पंकज महलवार द्वारा आईआईएमटी काॅलेज में असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तकों के लिये जिला विज्ञान क्लब अलीगढ़ द्वारा आयोजित जिला स्तरीय नव प्रदर्शनी एवं नव प्रवर्तन जागरूकता कार्यक्रम शुभारम्भ माॅ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर किया गया। 

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला विकास अधिकारी ने कहा कि अधिकांशतः नवप्रवर्तन अभावों एवं विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिये अथवा अपने काम को किसी समय सरल तरीके से करने के लिये कोई नवीनतम अविष्कार को जन्म देते हैं और यह अन्वेषण ही नवप्रवर्तन कहलाता है। अधिकतर नवप्रवर्तक किसान, मकैनिक, मजदूर या शिल्पकार होते हैं। तकनीकी खोजों को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित ही सभी नव प्रवर्तकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा एवं उनमें नई तकनीक के प्रति रूझान बढ़ेगा। 

क्षेत्रीय संयोजक शिक्षक प्रकोष्ठ भाजपा पीयूष दत्त शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार का जोर वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के साथ-साथ नये-नये नव प्रवर्तन आइडिया का उपयोग करने पर है। समाज में ऐसे अनेक अशिक्षित एवं असंगठित क्षेत्र के नव प्रवर्तक हैं जिन्होंने दैनिक जीवन को आसान बनाया है। सचिव आईआईएमटी पंकज महलवार ने कहा कहा कि यह आवश्यक नहीं कि हमें किसी कार्य अथवा शोध में प्रथम बार में ही सफलता मिल जाए, इसके लिये निरन्तर कार्य करने की आवश्यकता है। 

डा0 रविदत्त गौड़ नवप्रर्वतक वैज्ञानिक अधिकारी लखनऊ ने पीपीटी के माध्यम से नवप्रवर्तकों के विषय में रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि प्रायः अधिकतर नवप्रवर्तक ऐसे वर्ग से आते हैं जिनका शैक्षिक स्तर अच्छा नहीं होता। अन्य नवप्रवर्तक भी जो विज्ञान वर्ग से पढ़े नहीं होते हैं पर उनकी सोच वैज्ञानिक होती है उनमें से ज्यादातर नवप्रवर्तक आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, विपरीत परिस्थितियों में नये अविष्कार करते हैं। 

जिला समन्वयक जिला विज्ञान क्लब राजीव कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम का उद््देश्य बताते हुए कहा कि अधिकतर नवप्रवर्तक किसान, मकैनिक, मजदूर या शिल्पकार होते हैं, जो वैज्ञानिक वर्ग से नहीं होते पर उनकी सोच वैज्ञानिक होती है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में नवप्रवर्तकों ने तकनीकी नवाचार के माॅडल बनाकर कार्यक्रम में प्रदर्शित किये। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों से विभिन्न प्रकार के माॅडल यथा- डिकम्पोजर, शिल्पकार, आयुर्वेद जड़ी, वर्मी कम्पोस्ट, डाॅल, धान पीटने की मशीन, वेस्ट टू बैस्ट माॅडल, गौमूत्र उत्पादन, नेचुरल फार्मिंग, डिजिटल ब्लोम्स, पेंडीमेज, मिट्टी के बर्तन, चोट-मोच-दर्द के तेल प्रस्तुत किये गये। 

कार्यक्रम में लगभग 200 किसान, मजदूर नवप्रवर्तकों ने प्रतिभाग कर अपने माॅडल का प्रदर्शन स्टाॅल लगाकर किया। निर्णायक मण्डल के सदस्य पीयूष दत्त शर्मा, प्रो0 अंजुल सिंह, डायट लैक्चरार विमल कुमार श्रीवास्तव ने माॅडलों का अवलोकरन किया। अवलोकन के पश्चात योगेन्द्र कुमार को आयुर्वेद जड़ीबूटी में प्रथम, अशोक कुमार धान कूटने की मशीन के लिये द्वितीय, रामस्वरूप को चोट-मोच-दर्द के तेल के लिये तृतीय स्थान एवं राजेन्द्र सिंह शिल्पकार, वीनेश शर्मा डाॅल, जयपाल सिंह को मिट्टी के लिये सात्वना पुरस्कार के लिये चयनित किया गया। जिन्हें क्रमशः 5000, 3000, 2000 एवं 01-01 हजार रूपये की धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से खाते में प्रदान किये जाएंगे। मुख्य अतिथि जिला विकास अधिकारी द्वारा विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अर्चना फौजदार द्वारा किया गया। इस अवसर पर डा0 अविनाश कुमार शर्मा, भूमिका, आध्या, संगीता, अंजलि, राहुल, सुमित, शिवम, निखिल, हृदयराज, चित्रांशी, दिव्या, डा0 इंदू सिंह, अमर चन्द, भारतेन्द्र, साकेत कुलश्रेष्ठ, शिल्पी, अनुज उपस्थित रहे। 

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