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अलीगढ: एएमयू में 74वें गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने एएमयू में 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज स्ट्रेची हाल पर ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। गणतंत्र दिवस समारोह सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए 26 जनवरी हमारे संविधान द्वारा प्रतिपादित मूल मूल्यों पर विचार करने का दिन है। हमारे संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्य सभी के लिए पवित्र हैं। मैं इतिहास में और पीछे जाना चाहूंगा और ये देखना चाहूंगा कि इन मूल्यों ने हमारे राष्ट्र निर्माताओं का मार्गदर्शन किस प्रकार किया और उत्तर स्पष्ट है - इस पवित्र भूमि और इसके निवासियों ने अनादि काल से इन आदर्शों को संजोया है और ये हमारे जीवन दर्शन के शाश्वत सिद्धांत हैं।


उन्होंने कहा कि आज जब हम इस दिन को मन रहे हैं, हमें याद रखना चाहिए कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत काम करना है कि हमारे संवैधानिक मूल्यों को बरकरार रखा जाए और प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सफल होने का उचित मौका मिले। यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम सभी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने और एक अधिक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज बनाने का प्रयत्न करें। आइए हम एक मजबूत और जीवंत राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता स्थापित करें, जिसे दुनिया सम्मान और प्रशंसा कि दृष्टि से देखे।

1950 में जिस दिन संविधान को अपनाया गया था, उस दिन की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्ट्रेची हॉल में गणतंत्र दिवस को उत्साह और उल्लास के साथ मनाया।


एनसीसी कैडेटों द्वारा परेड कि सलामी लेने और तिरंगा फहराने के बाद, कुलपति, प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत महत्व है जब भारत सरकार अधिनियम 1935 को शासी दस्तावेज के रूप में प्रतिस्थापित करते हुए भारत का संविधान प्रभावी हुआ।


संविधान ड्राफ्ट समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ बी आर अम्बेडकर के नेतृत्व में तैयार भारतीय संविधान, किसी भी संप्रभु देश का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह भारत सरकार के लिए शासनिक ढांचा स्थापित करता है और अपने नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, जिसमें समानता, धर्म की स्वतंत्रता, संपत्ति और संवैधानिक उपचार का अधिकार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता भी हमारे संविधान की बुनियादी विशेषताएं हैं।


वाइस चांसलर ने कहा कि गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों की एकता और हमारे देश को महान बनाने वाले मूल्यों और सिद्धांतों का जश्न मनाने और सभी नागरिकों के लिए एक बेहतर, अधिक समृद्ध और समावेशी राष्ट्र के निर्माण के पुनरावलोकन का समय है। हमारा स्वतंत्रता आंदोलन केवल एक विदेशी शासन के खिलाफ संघर्ष नहीं था बल्कि यह हमारे देश की कायाकल्प करने और हमारे समाज को बदलने का संघर्ष भी था।


उन्होंने कहा कि हमारे देश ने विभिन्न क्षेत्रों में जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए मैं गर्व महसूस करता हूँ। यह सम्मान की बात है कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है और पहली बार जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। भारत की जी-20 अध्यक्षता इसके लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि यह सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है, और ऐसा करने में, ‘वासुदेव कुटुम्बकम’ की सच्ची भावना प्रकट करता है।


उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता, खाद्य पर्याप्तता, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और जी-20 की अध्यक्षता एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। इसलिए ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का मंत्र वैश्विक स्थिरता एवं विकास का एकमात्र मंत्र है।


प्रो मंसूर ने आगे कहा कि हमारे महान राष्ट्र के संस्थापकों ने विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, भाषाओं और जातीयताओं के पारस्परिक सह-अस्तित्व के साथ भविष्य की कल्पना की थी। ंउन के महान संस्थापक सर सैयद अहमद खान की दृष्टि ने भी भारत के लिए विविधता में एकता के विचार की परिकल्पना की थी। इसलिए विश्वविद्यालय के दरवाजे जाति, पंथ, क्षेत्र और धर्म से ऊपर सभी के लिए हमेशा खुले रहे हैं।


उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों और छात्रों के अथक प्रयासों से, हम एएमयू को भारत में अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में से एक बनाने में सफल रहे हैं, जो अपनी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान के लिए जाना जाता है और यह नेक तथा एनबीए, आदि और विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा अच्छी रैंकिंग द्वारा इसकी मान्यता से स्पष्ट है।


विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कुलपति ने कहा कि छात्रों के रोजगार और प्लेसमेंट क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों मंे कई नए पाठ्यक्रम और शाखाएं खोली हैं। हम अपने पूर्व चांसलर और बोहरा समुदाय के आध्यात्मिक गुरु परम पावन सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के कार्यालय के साथ एक फार्मेसी संस्थान की स्थापना के लिए काम कर रहे हैं।


हमने एचईएफए के तहत अनुसंधान विद्वानों, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग छात्रावासों के निर्माण के साथ-साथ विभिन्न संकायों और विभागों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए भी आवेदन किया है। हम मौलाना आजाद पुस्तकालय की बैठने की क्षमता को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और ऐतिहासिक इमारतों को बनाए रखने और पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।


उन्होंने एएमयू बिरादरी से एकजुट, प्रतिबद्ध और अपने दृष्टिकोण में सकारात्मक रहकर भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आइए हम एक स्वस्थ, मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मविश्वास से आगे बढ़ें। एएमयू की छात्रा आयशा तनवीर (बीकॉम फाइनल ईयर) और छात्र सैयद फहीम अहमद (बीटेक फर्स्ट ईयर) ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।


कुलपति ने बाद में यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी और अहमदी स्कूल फॉर द विजुअली चैलेंज्ड (एएसवीसी) द्वारा आयोजित हाफ-मैराथन के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। पुरुष वर्ग में सुहेल अंसारी, पुष्पेंद्र कुमार शर्मा व मोहम्मद कमर आबेदीन ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला वर्ग में निधि चैधरी, सुभलता कुमारी व दीक्षा आर्या ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया।


एएसवीसी द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस मैराथन में कैफ चाँद, इरशाद अहमद लोन और अरुण कुमार ने पुरुष वर्ग में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया और मंजू, तैय्याबा और जहरा बतूल महिला वर्ग में क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं।


इस अवसर पर एएमयू के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज और रजिस्ट्रार श्री मोहम्मद इमरान (आईपीएस) भी उपस्थित थे। ध्वजारोहण समारोह का संचालन रजिस्ट्रार श्री मोहम्मद इमरान ने किया।


कुलपति ने पर्यावरण और ऊर्जा के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ‘इको फॉक्स रन’ को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम का आयोजन यूनिवर्सिटी के इको क्लब ने किया था। समारोह के दौरान प्रोफेसर मंसूर ने 3 यूपी गर्ल्स बीएन एनसीसी एएमयू यूनिट को पहला पुरस्कार, 8 यूपी बीएन एनसीसी एएमयू यूनिट को दूसरा पुरस्कार और 1 यूपी इंजीनियर्स कंपनी एनसीसी एएमयू को तीसरा पुरस्कार दिया।


इससे पूर्व प्रातः काल में एसटीएस स्कूल व अब्दुल्ला हाल परिसर में प्रभात फेरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के सभी कार्यालयों, संकायों, कॉलेजों, विभागों और स्कूलों में भी ध्वजारोहण किया गया।


प्रशासनिक ब्लॉक भवन, कुलपति लॉज, मौलाना आजाद (एमए) पुस्तकालय, कला संकाय, विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों और कॉलेजों, डीन और डीएसडब्ल्यू के कार्यालयों, सभी प्रोवोस्ट कार्यालयों और प्रॉक्टर कार्यालय में भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इस के आलावा एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक बिल्डिंग, एमए लाइब्रेरी, विक्टोरिया गेट, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम, बाब-ए-सैयद और कला संकाय भवन पर प्रकाश व्यवस्था की गई।


कुलपति ने इनडोर रोगियों से मिलने और फल वितरण करने के लिए विश्वविद्यालय स्वास्थ्य सेवा का भी दौरा किया तथा वृक्षारोपण अभियान के तहत सर सैयद हॉल में पौधे लगाए गए।

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