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करने का कार्य किया वह राष्ट्र के प्रति समर्पित व्यक्ति थे पंडित मदन मोहन मालवीय

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 *महामना मालवीय का आर्दश वाक्य था सत्यमेव जयते*

*उ.प्र.जर्नलिस्ट एसो.की संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे विचार*

*पत्रकार व शिक्षाविदों को किया गया सम्मानित*


अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान में भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का देश के विकास में योगदान विषय पर संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को राजकीय कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी के कोहिनूर मंच पर किया गया। इस दौरान संगोष्ठी का शुभारंभ मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण एवं उनके समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। वहीं समारोह की अध्यक्षता टीकाराम कॉलेज की प्राचार्य डॉ.शर्मिला शर्मा ने की और एसोसिएशन के जिला महामंत्री पंकज धीरज ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जबकि मुख्य अतिथि एमएलसी डॉ.मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि महामना का देश के विकास में सबसे बड़ा योगदान शिक्षा का अलख जगाना था।उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करके कन्याओं को शिक्षित करने का कार्य किया वह राष्ट्र के प्रति समर्पित व्यक्ति थे।मुख्य वक्ता भाषाविद डॉ.महेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि पंडित जी ने शिक्षा के तीन उद्देश्य बताए थे जिनमें पहला व्यक्तित्व विकास दूसरा शारीरिक विकास तथा तीसरा चारित्रिक विकास था।उन्होंने कहा कि महामना पूजनीय के साथ साथ भजनिय भी थे उन्होंने अदालतों में हिंदी का प्रयोग अनिवार्य कराया औऱ उनका आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते था।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए टीआर कॉलेज की प्राचार्य डॉ.शर्मिला शर्मा ने कहा कि वह एक महान व्यक्ति थे,इसलिए उनको रविंद्र नाथ टैगोर ने महामना की उपाधि दी थी औऱ उनके आदर्शों पर चलने से शिक्षा के स्तर और भी मजबूत हो गया।एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री प्रदीप शर्मा ने आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महामना जैसे व्यक्तित्व अमर रहते हैं जबकि उन्होंने देशवासियों को संस्कारित करने का जो बीड़ा उठाया था उसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है।


प्रदीप शर्मा ने अतिथियों पत्रकारों एवं विद्वानों को शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। भाजपा नेता डॉ.राजीव अग्रवाल ने कहा कि आज की पीढ़ी के आदर्श फिल्मी हीरो हीरोइन हो गए हैं औऱ बच्चे महापुरुषों को भूलते जा रहे हैं इसलिए अभिभावकों व शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को संस्कारित करें और महामना के आदर्शों से आत्मसात कराएं औऱ ऐसी संगोष्ठी स्कूल कॉलेजों में भी आयोजित की जानी चाहिए। इस दौरान शिक्षाविद डॉ.गिरिराज किशोर ने कहा कि महामना ने अधिवक्ता के पद पर रहकर स्वतंत्रता संग्राम के 151 आंदोलनकारियों को फांसी के फंदे से छुड़ाया था।वहीं डॉ.वी.पी.पांडे ने कहा कि महामना ने अंग्रेजी शिक्षा के खिलाफ आंदोलन चलाया था।यहां पर तिब्बिया कॉलेज के प्रोफेसर अब्दुल लतीफ ने कहा कि अगर गरीबों के बच्चे शिक्षित होंगे तो यह महामना के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।प्रख्यात पत्रकार गौरी शंकर शर्मा ने कहा कि वर्ष 1937 में अलीगढ़ में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था तब महामना ने भाग लेकर अंग्रेजो के खिलाफ बिगुल फूंका था।कार्यक्रम में सुरेंद्र शर्मा, अग्रवाल,जिला कोषाध्यक्ष तेजवीर सिंह चौहान,भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख श्री अग्रवाल,सतीश बाबू जादौन, एससी तिवारी,नदीम खान मनोज शर्मा,देवेंद्र औऱ भवानी शंकर शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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