अलीगढ़ मीडिया न्यूज ब्यूरो, अलीगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मानकों के अनुसार अलीगढ़ जिले में भट्टे संचालित होने चाहिए, लेकिन भट्टा स्वामियों से मोटी घूस खाकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन के अधिकारी इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति और खुलकर उगाही हो रही है। जिला प्रशासन की टीमें एसडीएम के नेतृत्व भट्टों पर छापामार कार्रवाई करने का ढोंग जनता को दिखा रही है। असल में कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ घूस बसूलना है।
अतरौली इलाके चेंडोला सुजानपुर, कोल तहसील के उखालना, भूतपुरा, खेड़ा बुजुर्ग इलाके में दर्जनों अवैध भट्टे संचालित है। गभाना के हस्तपुर, मुहरेनी, बैसवां और खैर तहसील के कई इलाकों में भी सत्ता धारी पार्टी के नेताओं द्वारा अवैध भट्टा संचालित हो रहे है। लेकिन जिले के ज़िम्मेदार अधिकारियों को यह सब नही दिख रहे है। इन भट्टो पर सरसों की तूरी खुलेआम झौकी जा रही है। कोयले की जगह लकड़ी और तूरी भट्टो में जलाने से प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है।
तहसील स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में कई भट्टों पर छापेमार कार्रवाई हो रही है डीएम वार रूम पर इसकी झड़ाझड़ फोटो आ रही है, लेकिन भट्टे फिर भी नियमों को धुआं धुआं कर रहे है।