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डीएम कार्यालय के सामने महिलाओं ने ब्रजभूषण शरण का पुतला जलाया...देखिए वीडियो

 


 *महिला किसानों की पुलिस तीखी नोंकझोंक, पुतले की छीनाछपटी* 

  *राजा महेन्द्र प्रताप पार्क से डीएम कार्यालय तक विरोध मार्च*

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़, 1 जून। जिलाधिकारी कार्यालय के गेट के सामने करीब डेढ़ बजे महिला किसानों ने सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का पुतला दहन किया। मौके पर मौजूदे महिला पुलिस बल ने दो बार पुतले को छीनने की कोशिश की। अधजले पुतले पर पुलिस ने पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। आखिरकार पुतले के पुलिस द्वारा तितर बितर किए हिस्सों में आग लगा दी। 

      संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर क्रांतिकारी किसान यूनियन की जिला उपाध्यक्ष शकुन्तला के नेतृत्व में महिला किसानों की अगुवाई में ब्रजभूषण शरण सिंह का पुतला फूँका गया। पुतला दहन से पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि केन्द्र सरकार महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना जारी रखने की अनुमति दे। महिला पहलवानों के साथ क्रूरता के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और  बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कर, तेजी से चार्ज-शीट दाखिल करने और अभियोजन के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ की जाए। साथ ही पहलवानों पर थोपे गए पुलिस केस रद्द किये जाएं।

    ज्ञापन और पुतला दहन के लिए महिला किसान के साथ सैकड़ों किसान राजा महेन्द्र प्रताप सिंह पार्क से विरोध मार्च करते हुए पहुँचे थे। विरोध मार्च के दौरान 'महिलाओं के सम्मान में, देश का मजदूर किसान मैदान में' ,  'महिला पहलवानों का संघर्ष जिन्दाबाद', 'ब्रजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करो' आदि जमकर नारेबाजी की। 



   विरोध मार्च और पुतला दहन कार्यक्रम में क्रांतिकारी किसान यूनियन के राज्य प्रभारी शशिकान्त, मंडल प्रभारी सुरेश चन्द्र गांधी, जिलाध्यक्ष नगेन्द्र चौधरी, जिला उपाध्यक्ष सत्यवीर चौधरी, रामवीर सिंह, किसान सभा के राज्य समिति सदस्य इदरीश मोहम्मद, जिला अध्यक्ष सूरजपाल उपाध्याय, इरफान अंसारी, ऐहतेशाम बेग, भाकियू अम्बावता के जिलाध्यक्ष विनोद सिंह, शहनाज कौसर, तब्बसुम जहाँ, ज्योति, कामना, काजल, अर्चना राजकुमारी, ओमवती, इमरती,  भारतीय किसान संगठन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र यादव, भाकियू के अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह, निर्माण श्रमिक संगठन के अध्यक्ष रमेशचन्द्र विद्रोही, रेलवे यूनियन के नेता नेकसे लाल, रामप्रकाश, पीयूसीएल सचिव शम्सुद्दीन, ए एल आई यू के एडवोकेट राजपाल सिंह, अमित कुमार, मदनलाल यादव, योगेन्द्र यादव, रोहित यादव, शम्भू दादा, अमित शर्मा, जी. पी. शर्मा, धर्मसिंह, भोलंबर सिंह, सुरेशपाल सिंह, अजय जख्मी, देवेन्द्र सिंह, चौधरी नरेश, सुधीर कुमार, अवनेश गांधी, भुवनेश गांधी, कान्ती सिह,  तिलक सिंह, जगदीश शर्मा आदि सैकड़ों किसान एवं मजदूर नेता कार्यकर्ता शामिल रहे।

    

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