मां हीराबेन बहुत ही साधारण जीवन जीती थीं: राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन
माँ हीराबेन को आदर्श की प्रतीक के रूप में जाना जाएगा : पूर्व राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी
अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ/ नई दिल्ली: "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियासी" - माता और मातृभूमि दोनों ही स्वर्ग से बढ़कर हैं ये संस्कृत का एक श्लोक, कथन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने माँ हीराबेन मोदी जी की 100वीं जयंती के अवसर पर नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र द्वारा अयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘माँ की ममता और स्नेहिल छाया : नरेंद्र मोदी की शाश्वत प्रेरणा’ दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कहा।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा की आदरणीय माँ हीराबेन मोदी जी की 100वीं जयंती में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। अपनी माँ आदरणीय हीरा बेन के आदर्शवाद और आशीर्वाद के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मातृभूमि और देश के आम और दलित लोगों के लिए निर्णय लेने में असाधारण प्रेम, समर्पण और दृढ़ता दिखाई है।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिस्वभूसन हरिचंदरन ने कहा की अपने बेटे के दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक होने के बावजूद मां हीराबेन बहुत ही साधारण जीवन जीती थीं। उसने कभी कोई आभूषण नहीं पहना और शायद ही उनके नाम पर कोई संपत्ति थी।
उन्होंने कहा की, नोटबंदी पर प्रधानमंत्री के फैसले जैसे मौकों पर मां हीराबेन मोदी ने अपने बेटे का खूब साथ दिया। उन्हें एक बार आम लोगों की तरह एटीएम से पैसे निकालने के लिए कतार में खड़ा देखा गया था। वह उस समय भी खबरों में थीं जब उन्होंने वैक्सीन विरोधी अफवाहों के बीच बुजुर्ग लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करते हुए COVID-19 वैक्सीन की एक खुराक ली थी।
नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्लॉग के १३ भाषाओं में एक पुस्तक "मां" का संपादन प्रोफ़ेसर जसीम मोहम्मद द्वारा किया गया और मातृत्व दिवस के उपलक्ष में स्मारिका "माँ" का विमोचन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदरन जी द्वारा लोकार्पण किया गया।
विशिष्ठ अतिथि पुद्दुचेरी लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अपने माता जी पर लिखे ब्लॉग पर पर चर्चा करते हुए कहा की, माँ हीराबेन ने अपने बेटे से कहा ईमानदारी जैसी पूंजी को अपने पास रखना और गरीबों को भला करना। उन्होंने नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के इस संगोष्ठी अयोजित करने की प्रसंशा किया।
विशिस्थ अतिथि राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने कहा की, भगवान ने माँ को धरती पर भेजा। माँ हीराबेन मोदीजी प्रेरणा की दरिया थी। उसी आदर्श ने आज नरेंद्र मोदी जी को नवभारत के निर्माण करने का पथ पर लाया है। उन्होंने कहा की माँ हीराबेन ने मोदी जी से कहा था "कर्म करो बुद्धि से जीवन जियो शुद्धि से".
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए असम के पूर्व राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी ने कहा की, हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को देखा है, उनके ब्लॉग भी पढ़ा है। उन्होंने कहा की, मोदी जी दुनिया के सबसे बड़े नेता बन गए उसके बाद भी माँ हीराबेन ने अपने पैसे जमा कर पांच हजार रुपया जब रखें तब माँ की ममता दिखाई देती है। उन्होंने कहा की , माँ हीराबेन को आदर्श की प्रतीक के रूप में जाना जाएगा.
इस अवसर पर नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के सभापति प्रो जसीम मोहम्मद ने कहा की, मां हीराबेन मोदीजी के जीवन जो लचीलेपन की प्रतीक थी, उन्हे स्वच्छता में लगे लोगों के प्रति गहरा सम्मान, उन्हे दूसरों की खुशी में खुशी तलाशना, मां हीराबेन ने जीवन का एक पाठ पढ़ाया एक कर्तव्यपरायण नागरिक, एक अत्यंत सरल जीवनशैली को अपनाना, वर्तमान घटनाक्रमों की जानकारी रखना, इतनी उम्र के बावजूद अच्छी स्मरण शक्ति, दूसरों की पसंद का सम्मान करना, गरीब कल्याण पर ध्यान, जीवन का मंत्र- कठोर परिश्रम, हीराबेन मातृशक्ति की प्रतीक है।
जसीम मोहम्मद कहा की, श्रद्धेया
सँवार दिया, जो भारत का ही नहीं
इस अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर शंभूनाथ ने कहा की, अकादमीक कार्यक्रम से ही उसके मायने को समझा जा सकता है। एसपी डबल्यू डी के अध्यक्ष कर्नल गौतम दास जी ने माँ की ममता को उल्लेखित किया और वाइबीटी के सचिव प्रो एच एन शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित कर माँ शब्द को भगवान का स्वरूप बताया।
नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र ने मानद सहयोगी संस्था युवा भारती ट्रस्ट एवं सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ वेस्टलैंड डेवलपमेंट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के पिछले वर्ष अपने माँ के लिए लिखे ब्लॉग को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग किया।
कार्यक्रम को सफल बनाए जाने में संस्था के डॉक्टर दौलत राम, शालिनी गुप्ता, निकहत परवीन, कुंदन झा, रेशम राज, दीपेंद्र सिंह, जावेद इकबाल खान, तनु मिश्रा, अभिषेक शर्मा, अलीशा जैनब।